अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सामान्य अपराध और लोकसभा चुनाव-2019 से प्राप्त अनुभव पर एक बैठक की । इस बैठक में मुख्य सचिव दिल्ली, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), पुलिस आयुक्त दिल्ली, आयुक्त (परिवहन ),दिल्ली सरकार ,दिल्ली पुलिस के विशेष और संयुक्त आयुक्त उपस्थित थे। इस विषय पर विशेष आयुक्त (अपराध) ने एक विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होने यह बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में 9 जून 2019 तक दिल्ली में जघन्य अपराधों में लगभग 10 प्रतिशत कमी आई है। इसके अलावा इस अवधि में जघन्य अपराधों के निपटान की दर में वृद्वि हुई है। उनका कहना हैं कि दिल्ली पुलिस ने उन क्षेत्रों की पहचान की है जो डकेती और स्नेचिंग के लिए अधिक संवेदनशील है। उपराज्यपाल ने अन्य अपराधों के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए और इनके प्रभावी ढ़ग से नियंत्रण के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए ।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि उनके पास 36,354 वरिष्ठ नागरिक पंजीकृत है, और पुलिस कर्मियों ने 2.26 लाख बार उनसे सम्पर्क किया है, जिसके परिणास्वरूप वरिष्ठ नागरिकों के साथ जघन्य अपराधों में 31 मई 2019 तक लगभग 22 प्रतिशत की कमी आई है। विभिन्न प्रकार के अपराधों में किशोरों का शामिल होना एक बडा चिन्ता का कारण है। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने ‘युवा‘ कार्यक्रम के माध्यम से 7000 किशोरों को कौशल शिक्षा प्रदान की है। जिसके कारण 5000 जुवेनाइल को रोजगार भी मिला । इस स्कीम की मद्द से अपराध के प्रभावी रोकथाम में भी मद्द मिली है। युवा कार्यक्रम किशोरों को अपराध से दूर रखने में कारगर है। यह भी सूचित किया गया है कि अपराधियों पर नकेल कसने के लिए दिल्ली पुलिस विभिन्न प्रकार के कदम उठा रही है जैसे सक्रिय अपराधियों की पहचान कर उन पर निगरानी रखना, अपराधियों के हिस्ट्रीशीटस और डोजियर को अपडेट करना, अनुपस्थित बैड कैरेक्टर्स का पता लगाना, भगौडे अपराधियों की गिरफ्तारी और जेल से छुटे हुए अपराधी की गतिविधियों पर नजर इत्यादि । दिल्ली पुलिस ने यह भी सूचित किया कि दिल्ली पुलिस की सजा की दर भारत के अन्य सभी राज्यों में सबसे अधिक हैं और तकनीक का इस्तेमाल करके सामान्य कानून व्यवस्था और जांच को अलग करके इसे बढाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को तकनीक का अधिकतम उपयोग करने और कानून व्यवस्था को जांच से अलग करने के निर्देश दिए ।
उन्होने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसी संभावनाओं की तलाश करें ताकि अधिकतम वरिष्ठ नागरिकों का नामांकन किया जा सकें ताकि अधिकतम वरिष्ठ नागरिक सुरक्षित रह सकें। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि जेल से छुटे हुए अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ साथ उनकी जानकारी जेल अधिकारियों के साथ भी साझा की जाए.चुनाव के संचालन, सुधार और इस दौरान प्राप्त अनुभव पर भी एक प्रस्तुतीकरण दिया गया । इस प्रस्तुतीकरण में चुनावी तैयारियां, नामांकन और प्रचार की योजना, चुनाव के दिन/मतगणना दिवस और विजय जूलूस शामिल थे। यह भी सूचित किया गया कि अग्रिम मूल्यांकन और तैयारियां ने लोकसभा चुनाव 2019 की पूरी चुनावी प्रक्रिया को सूचारू रूप से संचालित करने मे बहुत योगदान दिया। यह पूरी प्रक्रिया मुख्य चुनाव अधिकारी दिल्ली, मुख्य सचिव दिल्ली, गृह विभाग और आबकारी विभाग दिल्ली के साथ सक्रिय सहयोग और बातचीत के आधार पर पूरी हुई । पडोसी राज्यों के साथ अन्तर्राज्यीय समन्वय के परिणामस्वरूप असमाजिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हुआ और भारी मात्रा में अवैध हथियार/शराब/ड्रग्स की बरामदगी हुई इसके अलावा क्षेत्र स्थल की खुफिया, मीडिया और सोशल मीडिया, अन्य ऐजेंसियों के माध्यम से खुफिया, तंत्र को मजबूत किया गया। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को आम चुनाव-2019 का सुचारू रूप से संचालित करने की सराहना की और उन्होने यह भी कहा कि इस चुनाव में प्राप्त अनुभवों को मानक संचालन प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रिन्ट और डिजिटल रूप में रखा जाए ताकि यह भविष्य में आकंलन और सुधार में काम आ सकें ।