अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल में एक सप्ताह पहले जो एक खौफनाक चेहरा सामने आया था उसका नाम था ‘शाहरुख’। फिल्मी तर्ज पर जाफराबाद इलाके की सड़क पर इस शख्स को भीड़ पर गोली चलाते कई लोगों ने देखा था। हाथों में डंडा लिए एक पुलिस कर्मी के सामने तमंचा ताने खड़े शाहरुख की फोटो हर मीडिया छाई हुई थी। भीड़ में शाहरुख वो चेहरा था जिसने इस बवाल का वो सच लोगों के सामने रखा जिसको लेकर वो पहले अंजान थे। आपको बता दें कि यहां पर हुई हिंसा में अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पर हिंसा इतने बड़े पैमाने पर हुई कि कुछ लोगों की जीवनभर की जमापूंजी भी खाक हो गई। इसकी वजह से कारोबार तो ठप हुआ ही बल्कि मानवता भी शर्मसार हुई। हालांकि इस हिंसा के माहौल में भी कुछ लोगों ने मानवता को बचाते हुए लोगों की जान बचाई और अपने घरों में पनाह दी.
जिस पुलिसकर्मी ने शाहरुख को रोका था उनका नाम दीपक दहिया था। दहिया ने बताया कि वह उनकी तरफ आ रहा था। उन्होंने उसको डंडा दिखाकर डराने की कोशिश की जिससे वह कुछ समय के लिए घबरा गया और विपरीत सड़क की तरफ फायरिंग करने लगा। फायरिंग करते समय ही वह वहां से भाग खड़ा हुआ। 22 वर्षीय शाहरुख मूलरूप से पंजाब का रहने वाला है। उसका पिता साबिर राणा ड्रग्स तस्कर रहा है। वह दिल्ली, पंजाब और यूपी में हेरोइन समेत दूसरे नशीले पदार्थों की तस्करी करता था। इसमें उसकी मां भी मदद करती थी। राणा काफी समय तक दिल्ली, यूपी और पंजाब की जेल में बंद भी रहा है। शाहरुख का परिवार कुछ वर्षों से घोंडा के अरविंद नगर मोहल्ला में रह रहा था। स्थानीय लोगों की मानें तो उसका परिवार यहां पर करीब 1985 से रह रहा था। परिवार में माता-पिता के अलावा उसके दो भाई भी हैं।
उसके कुछ रिश्तेदार मुजफ्फरनगर व कैराना में भी रहते हैं। घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही थी। वह लगातार पुलिस को छकाता जा रहा था। लेकिन अब शाहरुख को गिरफ्तार कर पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है। घटना के बाद से ही शाहरुख का पूरा परिवार भी फरार था। पुलिस की जानकारी के मुताबिक घटना के बाद 28 फरवरी तक शाहरुख का मोबाइल ऑन था। जानकारी ये भी सामने आई थी उसने अलग-अलग नंबरों से कुछ पुलिसकर्मियों से संपर्क भी किया था। पुलिस को पहले उसके बरेली में होने की जानकारी हाथ लगी थी। जिसके बाद पुलिस ने वहां पर कई जगहों पर छापेमारी की थी। इससे बचने के लिए वह जगह बदल रहा था। इसी दौरान वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसको गिरफ्तार करने की जिम्मे दारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पर थी।