संवाददाता, चेन्नई : जैसे को तैसा के तेवर अपनाते हुए ओ पनीरसेल्वम के खेमे ने शुक्रवार को अन्नाद्रमुक महासचिववीके शशिकला और उनके दो संबंधियों को पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों के खिलाफ जाने के लिए पार्टी से हटा दिया। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वीके शशिकला द्वारा सप्ताह भर पहले पार्टी से बर्खास्त किए जाने के बाद इसके पूर्व प्रेजिडियम चैयरमैन ई. मधुसूदनन ने शुक्रवार को ऐसी ही एक कार्रवाई में शशिकला को पार्टी से निकाल दिया।
शशिकला की ओर से प्रेसिडियम चेयरमैन पद से हटाए गए ई मधुसूदन ने एक वक्तव्य में कहा कि शशिकला ने दिवंगत जयललिता से वादा किया था कि वह राजनीति में नहीं आएंगी और सरकार या पार्टी का हिस्सा बनने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, उन्होंने इस वादे का उल्लंघन किया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से शशिकला के साथ कोई संबंध नहीं रखने को कहा। इससे पहले शशिकला के वफादार इदापड्डी के पलानीसामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कल तमिलनाडु विधानसभा में उन्हें विश्वास मत हासिल करना होगा।
मधुसूदन ने एक वक्तव्य में कहा कि पार्टी के सिद्धांतों और आदर्शों के खिलाफ जाने और अम्मा से किए वादे का उल्लंघन करने के लिए वीके शशिकला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटाया जाता है। उन पर आपराधिक मामले भी हैं। उन्होंने पार्टी की छवि खराब की है। पिछले ही हफ्ते पनीरसेल्वम के खेमे में शामिल हुए मधुसूदनन की जगह शशिकला ने केए सेनगोत्तईयान को प्रेसिडियम चेयरमैन बना दिया था जिसे पनीरसेल्वम खेमे ने अस्वीकार कर दिया था। उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी हटा दिया गया था, हालांकि उन्होंने दावा किया था कि शशिकला को ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
बेंगलुरु में आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति मामले में जेल की सजा काट रही शशिकला ने बगावत करने के कारण पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया था। मधुसूदनन ने अन्नाद्रमुक के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरन और एस वेंकटेश को पार्टी से निष्कासित किए जाने की घोषणा की है। ये दोनों शशिकला के संबंधी हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले वर्ष 2011 में जयललिता ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था क्योंकि उन्होंने अम्मा के साथ ‘धोखाधड़ी’ की थी।मधुसूदनन ने कहा कि पार्टी में उन्हें बगैर किसी औपचारिकता के शामिल किया गया था, जिसे अब रद्द किया जाता है। शशिकला ने बुधवार को टीटीवी दिनाकरन और एस वेंकटेश को अन्नाद्रमुक में शामिल कर लिया था। इससे पहले, छह वर्षों तक पूर्ववर्ती जयललिता ने उन्हें निष्कासित ही रखा था। शशिकला ने घोषणा की थी कि चूंकि उन्होंने अपनी गलतियों पर व्यक्तिगत रूप से खेद जाहिर किया है, इस बाबत पत्र भी भेजा है और अन्नाद्रमुक में शामिल होने देने की इजाजत देने का अनुरोध भी किया है इसलिए उनके इस अनुरोध को स्वीकार किया जाता है।
पार्टी में जारी अंदरुनी सत्ता संघर्ष में पनीरसेल्वम ने सात फरवरी को शशिकला के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और आरोप लगाया था कि शशिकला के लिए मुख्यमंत्री पद की राह साफ करने के लिए उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। पांच फरवरी को शशिकला को विधायक दल का नेता चुना गया था।