संवाददाता, मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ने चली शिवसेना का दांव उल्टा पड़ गया है. बीएमसी चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी विरोध की धार अधिक तेज करने के लिए शिवसेना नेता और विधायक अनिल परब ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाया गया है. शिवसेना नेता अनिल परब पेशे से वकील हैं. उन्होंने नंदलाल समिति की रिपोर्ट का हवाला देकर अपना दावा पेश किया. नागपुर महानगर पालिका में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए नंदलाल कमीशन की स्थापना की गई थी.
परब ने पार्टी मुखिया उद्धव ठाकरे के घर से करीब अपने कार्यालय में बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 2001 में पेश हुई इस रिपोर्ट में देवेंद्र फडणवीस को बिना टेंडर जमीन के हिस्से बांटने का दोषी पाया गया है. फडणवीस तब नागपुर महानगर पालिका के मेयर थे. परब ने सवाल पूछा कि क्या ऐसे व्यक्ति को बीएमसी में भ्रष्टाचार होने की बात करने का अधिकार है?
सूबे के मुख्यमंत्री पर सत्ता में भागीदार दल के एक नेता द्वारा लगाए गए आरोप के जवाब में बीजेपी लामबंद हुई. मुख्यमंत्री फडणवीस ने मामले पर खुद पार्टी की प्रचार सभा में कहा कि नंदलाल समिति की रिपोर्ट को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक अस्वीकार कर चुकी है. ऐसे में उसके आधार पर उन्हें कटघरे में खड़ा करना सही नहीं. जाते-जाते फडणवीस बॉलीवुड का एक मशहूर संवाद शिवसेना को सुना गए कि, ‘जो खुद शीशे के घर में रहते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.’