अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण दफ़्तर के खिलाफ 14 दिन से धरने पर बैठे किसानों को मनाने में अफसर फेल रहे। बुधवार को किसान अपनी समस्याओं के लिए महा पंचायत करने के साथ व्यापक आंदोलन की घोषणा की है, उनका कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, बीस फीसदी प्लॉट एवं सभी युवाओं को रोजगार हेतु स्थानीय औद्योगिक इकाइयों में पचास प्रतिशत आरक्षण देने की मांग पूरी न होने यहाँ पर अनिश्चतकालीन तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ऑफिस पर धरना प्रदर्शन कर रहे 80 गांवों के आज हजारों किसान है जिन्होने आज महापंचायत का आयोजन किया । इस महापंचायत में कई किसान संगठन ने हिस्सा लिया है। इस प्रदर्शन में महिलाओं समेत हजारों लोगो ने शामिल हुए।
किसानों को महा पंचायत से रोकने के लिए प्राधिकरण के अफसर छह बार बैठक भी कर चुके थे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों ने आरोप लगाया कि गाजियाबाद में 17000 रुपए प्रति मीटर तक का मुआवजा दिया जा चुका है पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मात्र 3500 रुपए प्रति मीटर का ही मुआवजा दे रहा है। इनका आरोप है कि किसान मांगो को लेकर प्रदर्शन करता है लेकिन सरकार व उसके कर्मचारियों के कानों पर जू नही रेंगती।
किसानों का कहना है कि सरकार दिल्ली- मुम्बई रेल कॉरिडोर के लिए जो जमीन अधिग्रहण कर रही है दिल्ली मुंबई कॉरिडोर में हम किसानो की जिनती भी जमीन अधिग्रहण की जा रही है उसका हमे चार गुना मुआवजा चाहिए और हमारे बच्चों को नौकरी भी चाहिए। वही महिलाओं का कहना है कि किसान के पास सिर्फ जमीन ही जिंदगी जीने का सहारा है वो भी सरकार ले लेगी तो हम क्या खाएगें, इसलिये हम यहाँ अपनी मांगो को लेकर यहां बैठे हैं।