संवाददाता : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अभी तक चुनाव प्रचार के लिये अमेठी नहीं आई हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि वह जनता के सवालों से बचना चाहती हैं.
प्रियंका अमेठी के लोगों के सवालों से डरती हैं
स्मृति आज कानपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभायें करने आयी थीं. उससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया कि आखिर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी अमेठी में अभी तक प्रचार करने क्यों नहीं गयी हैं. उन्होंने कहा शायद वह जनता से किये गये वादे न पूरे होने के कारण अभी तक अमेठी न जा रही हों. उन्हें डर हो कि अमेठी की जनता के सवालों का वह जवाब कैसे देंगी.
मैं अमेठी से चुनाव हारने के बाद भी वहां की जनता के लिए काम कर रही हूं- स्मृति
स्मृति ने कहा, ‘जब तक मैंने अमेठी से चुनाव नहीं लड़ा था, तब तक देश भर में पिछले साठ साल से अमेठी की यह छवि थी कि वहां एक परिवार का राज है और वहां की जनता पूरी तरह खुश है. लेकिन जब मैं अमेठी चुनाव लड़ने गयी तो पता चला कि अमेठी की जनता को मूलभूत सुविधायें तक नहीं मिल रही हैं. वहां की जनता झूठे वादों से परेशान है. मैं अमेठी से चुनाव हारने के बाद भी वहां जनता के काम कर रही हूं.’
स्मृति ने साधा अर्पणा पर निशाना
स्मृति ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अर्पणा यादव को भी निशाना बनाया. स्मृति ने कहा कि उन्हें मालूम हुआ कि वह अपने क्षेत्र के मतदाताओं से यह वादा कर रही है कि वह अपनी विधानसभा को अपराध मुक्त करेंगी. अर्पणा के इस वादे से जनता का आक्रोश झलकता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था कितनी खराब है. ईरानी ने यह भी कहा कि सपा का एक विधायक बलात्कार और हत्या का आरोपी है. इसके बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री उसे क्लीन चिट दे रहे हैं.
स्मृति ने पूछा यूपी को यह साथ कैसे पंसद आयेगा?
स्मृति ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जब पहली जनसभा को संबोधित करने अमेठी गये तो उन्होंने अवैध खनन के आरोपों से घिरे मंत्री गायत्री प्रजापति के लिये जनता से कहा कि यह मंत्री उनके लिये बहुत जरूरी है इसे जरूर जिताना. इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री प्रदेश से भ्रष्टाचार और अपराध खत्म करने के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं है. मुख्यमंत्री का यह कहना कि चाचा शिवपाल यादव की वजह से अन्याय और भ्रष्टाचार की बढ़ोत्तरी हुई यह कहना गलत है. उनसे पूछा गया कि कांग्रेस सपा गठबंधन से बीजेपी में खलबली मच गयी है. इस पर ईरानी ने कहा कि बीजेपी में कोई खलबली नहीं है. अखिलेश को उत्तर प्रदेश में अकेले जीतने पर भरोसा नहीं था इसलिये उन्होंने कांग्रेस का साथ लिया. आज जगह जगह पोस्टर लगे है कि यूपी को यह साथ पसंद है लेकिन उन्हें मालूम हुआ कि कानपुर में ही दो सीटों कैंट और महाराजपुर पर सपा और कांग्रेस के प्रत्याशी एक दूसरे को पसंद नहीं हैं और आमने सामने चुनाव लड़ रहे है तो फिर यूपी को यह साथ कैसे पंसद आयेगा?
मायावती केवल सुर्खियों में बने रहना चाहती हैं- स्मृति
स्मृति से पूछा गया कि बीएसपी सुप्रीमों मायावती कह रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी उनके खिलाफ अफवाह फैला रही है कि बीएसपी और बीजेपी मिल कर सरकार बना रही हैं. इस पर ईरानी ने कहा कि वह केवल खबर की सुखिर्यों में बने रहना चाहती हैं. बीएसपी के प्रति बीजेपी के मन में कोई नरमी नहीं है. भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बना रही है. ईरानी से पूछा गया कि अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो क्या वह मुख्यमंत्री का चेहरा होंगी. इस पर केवल इतना कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का प्रत्येक बीजेपी कार्यकर्ता और जनता चाहती है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनें.