Athrav – Online News Portal
नोएडा

सॉलिड वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट का मैनेजमेंट नहीं किया गया तो निकट भविष्य में मुश्किलों से भरा होगा जीवन: जस्टिस

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
नोएडा क सेक्टर-18 स्थित रेडिसन ब्लू में नदी और समुद्र किनारे इकट्ठा होने वाले कूड़े की रोकथाम और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर जागरूकता कान्फ्रेंस का आयोजन गया. कॉन्फ्रेंस में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एंड वेस्ट मैनेजमेंट, प्लास्टिक ई-वेस्ट की रिसाइक्लिंग, बायोप्लास्टिक-रिसेंट टेड्स आदि बिंदुओं पर चर्चा की गई। ये आयोजन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (उत्तर प्रदेश), जर्मन एजेंसी फार डेवलपमेंट कारपोरेशन (जीआईजेड) इंडिया और फेडरेशन और इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री संयुक्त से किया गया. विशेषज्ञों ने कहा कि सॉलिड वेस्ट, बायोमेडिकल वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट तत्काल नहीं किया गया तो निकट भविष्य में जीवन मुश्किलों से भरा होगा।

संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट पर्यावरण, स्वच्छता,मानव के साथ जीवों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या है। पर्यावरण संरक्षित रखना है तो प्लास्टिक अपशिष्ट के दुष्प्रभावों से बचना होगा। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को समझने की जरूरत है। कान्फ्रेंस में मुख्य अतिथि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के ज्यूडिशियल मेंबर जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी कार्यक्रम आयोजित करने पड़ेंगे। जनता के बीच ही जाकर उनको समझाना पड़ेगा, तब कहीं जाकर इसका असर होगा। एनजीटी का काम सिर्फ जजमेंट करना है और ग्राउंड पर किसी चीज को लागू कराना सरकार का काम है,तो शायद कहीं न कहीं लागू कराने में कमी रह जाती है। पर्यावरण वन और जलवायु विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव मनोज सिंह,ने कहा कि एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए अथॉरिटी और नगर निगम की पिछले डेढ़ महीने से लगातार मॉनिटरिंग हो रही है कि वह किस तरह से काम कर रहे हैं। पानी का छिड़काव हो रहा है पुराने वही कल पर भी पाबंदी लगाई जा रही है और हर संभव प्रयास किया जा रहा है जिससे कि एनसीआर का जो पोलूशन है वह कम हो। एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में लगातार यह प्रयास किया जा रहा है. पॉल्यूशन को कम करने के लिए जो भी तय मानक है उनका पालन कराया जाए। और इस बार पॉल्यूशन को लेकर बहुत काम किया जा रहा है। रोजाना इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक भी पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इसके अलावा नदी और समुद्र के किनारे होने वाला कूड़ा भी एक समस्या है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदूषण कम नहीं हो रहा है।  डायरेक्टर क्लाइमेट चेंज एंड सर्कुलेशन एंड सर्कुलर इकोनॉमी (जीआईजेड) इंडिया डा. आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसी योजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें जिस पैकेजिंग इंडस्ट्री द्वारा प्लास्टिक का उत्पादन किया गया है उसी के द्वारा इसे दोबारा से रिसाइकिल किया जाए। कार्यक्रम में उद्यमी, पैकेजिंग इंडस्ट्री, प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकिल कर उपयोगी सामान बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

Related posts

नॉएडा: धोखेबाज के एक रिश्तेदार को पुलिस ने 29 लाख रूपए सहित किया गिरफ्तार-देखें वीडियो

Ajit Sinha

ईएसआई अस्पताल में लगी आग से मची भगदड़, आनन फानन में मरीजों को वार्डों से मरीजों को बाहर निकाला गया, देखिए इस वीडियो में   

Ajit Sinha

ब्रेकिंग न्यूज़: पलवल  टोल की पर्ची के सहारे पुलिस ने अज्ञात शव की पहचान,उसके 3 हत्यारों को किया गिरफ्तार। 

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x