अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:भारत आने वाले 1 दिसंबर से एक साल के लिए जी-20 देशों के समूह का अध्यक्ष बनने जा रहा है और इस दौरान अलग-अलग विषयों पर देश के विभिन्न भागों में मंत्री स्तर, सेरपा अथवा वर्किंग ग्रुप, अन्य कार्य समूहों तथा गोष्ठी सहित अलग-अलग स्तर की लगभग 200 बैठकें होंगी। इन बैठक के आयोजन के लिए अभी तक भारत के 55 विभिन्न शहरों का चयन किया गया है। इनमें से हरियाणा का गुरूग्राम भी एक है जहां पर जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़ी चार से पांच बैठके आयोजित हो सकती हैं। इसे लेकर शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की जी-20 टीम ने गुरूग्राम का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठकों के आयोजन को लेकर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय की इस जी-20 शिखर सम्मेलन टीम में विशेष कार्य अधिकारी श्री प्रवीन जाखड़, भारतीय सांस्कृति संबंध परिषद (आईसीसीआर) से कार्यक्रम निदेशक महेंद्र सहगल तथा जी-20 लॉजिसटिक्स कंसलटेंट लक्ष्मी प्रभा शामिल थे। गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह के सभागार में हुई इस उच्च स्तरीय बैठक में हरियाणा भवन दिल्ली के एडीशनल रेजीडेट कमिश्नर धर्मेंद्र सिंह, गुरुग्राम के चीफ प्रोटोकॉल अधिकारी वत्सल वशिष्ठ, नगराधीश का कार्यभार देख रही अनु श्योकंद, फरीदाबाद से जिला परिषद की सीईओ सुमन भांकर, नूंह जिला परिषद के सीईओ प्रदीप अहलावत, पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक आर पी कुंडू, लाइजन ऑफिसर राजेंद्र शर्मा व एजीएम हरविंद्र सिंह, कला एवं संस्कृति विभाग से हृद्य कौशल, डीसीपी ईस्ट वीरेंद्र विज सहित कई अधिकारीगण उपस्थित थे।
विदेश मंत्रालय की जी-20 टीम ने बताया कि इस शिखर सम्मेलन के अंतर्गत साल भर होने वाले आयोजनों के लिए अब तक पूरे देश के अलग-अलग भागों में 55 शहरों की पहचान की गई है। इन आयोजनों में अलग-अलग विषयों जैसे स्वास्थ्य, वित्त, पर्यावरण, सामाजिक, संस्कृति, पर्यटन आदि सहित लगभग 13 विषयों पर अलग-अलग स्तर की बैठकें होंगी। इस दौरान लगभग 12 बैठकें मंत्री स्तर की भी होंगी। उन्होंने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के मुख्य कार्यक्रम में राज्यों के मुखिया भी भाग लेंगे। देश के विभिन्न शहरों में होने वाली इन बैठकों में से चार या पांच बैठकें हरियाणा के गुरुग्राम में होंगी। इस दौरान शिखर सम्मेलन के सदस्य देशों तथा अन्य आमंत्रित देशों के सामने हरियाणा की समृद्ध विरासत, लोक संस्कृति तथा अन्य विशेषताओं को प्रदर्शित करने का पूरा मौका मिलेगा। जी-20 टीम के सदस्य प्रवीन जाखड़ ने कहा कि बैठकों के आयोजन के दिनों मंे शाम को भोजन के समय हरियाणवीं लोक संस्कृति को प्रदर्शित करते सांस्कृतिक कार्यक्रम, यहां के लोक वाद्य यंत्रों से संगीत आदि को दिखाया जा सकता है। यही नहीं, बैठकों के बाद यदि समय रहा तो प्रतिभागी विदेशी मेहमान गुरूग्राम व आस-पास के क्षेत्रों में अनूठी व आइकॉनिक जगहों का दौरा भी कर सकते हैं। गुरूग्राम चूंकि अर्बन डिवलेपमेंट का अनूठा मॉडल है, जिसे भी शॉ-केस अर्थात् दिखाया जा सकता है। इस शिखर सम्मेलन में जी-20 के सदस्य देशों के अलावा, 9 अन्य राष्ट्र भी विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि अक्तुबर माह में जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर वैबसाईट भी लांच होगी, जहां पर शिखर सम्मेलन का पूरा कलेंडर प्रदर्शित किया जाएगा।
इस टीम ने शुक्रवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ गुरूग्राम तथा नूंह जिलों में कुछ स्थानों का भ्रमण भी किया, जहां पर विदेशी मेहमानों को एक्सकर्सन अर्थात् दर्शनीय स्थलों पर ले जाया जा सकता है। टीम ने गुरूग्राम मंे बैठकों के आयोजन के लिए संभावित उपयुक्त स्थानों, बैठकांे के स्वरूप, लघु सैर के लिए दर्शनीय स्थलों, सुरक्षा प्रबंधों, ठहरने की जगहों आदि के बारे में स्थानीय अधिकारियों की राय ली और कहा कि इन पर अंतिम निर्णय विदेश मंत्रालय का होगा।
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