अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:अफसरों और कर्मचारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मिलने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने आने वाले दिनों में दिल्ली के अंदर कई बड़े बदलाव के संकेत दिए। दिल्ली की सर्विसेज पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला देने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह दिल्ली ने देश को शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल दिया है, उसी तरह अब देश के सामने एक कुशल प्रशासन का मॉडल पेश करेगी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में दिल्ली में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेर-बदल किए जाएंगे। जनता के काम रोकने वाले अफसरों-कर्मचारियों को चिंहित कर उन्हें अच्छे पदों से हटाया जाएगा और उनकी जगह योग्य, ईमानदार व जनता के प्रति सहानुभूति रखने वाले अफसरों-कर्मचारियों को मौका दिया जाएगा। इस दौरान सीएम ने इतने लंबे संघर्ष में कदम-कदम पर साथ खड़े रहने के लिए दिल्लीवालों का धन्यवाद किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है और दिल्ली की जनता की एक बहुत बड़ी जीत है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘‘सर्विसेज’’ पर अधिकार को लेकर गुरुवार को फैसला देने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, वह कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है। दिल्ली के लोगों के साथ अभी तक जो अन्याय होता आया है, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है। आज से 8 साल पहले 14 फरवरी 2015 को दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी। हमारी सरकार बनने के तीन महीने के अंदर प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार से एक आदेश पारित कराया कि दिल्ली की सर्विसेज के मामले अब दिल्ली के मुख्यमंत्री के पास नहीं रहेंगे, बल्कि एलजी या केंद्र सरकार के पास रहेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली सरकार में काम करने वाले सभी अफसरों और कर्मचारियों (क्लास 1 से लेकर 4 तक) के ट्रांसफर-पोस्टिंग, नई नियुक्ति, पोस्ट क्रिएट करना,पक्के करने समेत सारे अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास अब नहीं होंगे। यानि मैं मुख्यमंत्री हूं और मेरे सामने कोई कर्मचारी रिश्वत ले रहा है तो मैं उसे सस्पेंड या ट्रांसफर नहीं कर सकता हूं। एजुकेशन सेक्रेटरी, हेल्थ सेक्रेटरी कौन होगा, ये हम नहीं तय कर सकते। प्रधानमंत्री ने यह आदेश 23 मई 2015 को पारित कराया।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस आदेश को पारित हुए करीब आठ साल हो गए हैं और हम लोग पिछले 8 साल से संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान केंद्र सरकार के इस आदेश का इस्तेमाल करके दिल्ली के कामों को जानबूझ कर रोका गया। हम दिल्ली में सरकारी स्कूल अच्छे करना चाहते थे, तो जानबूझकर ऐसा एजुकेशन सेक्रेटरी बैठाएंगे जो काम न करे। हम अगर मोहल्ला क्लीनिक बनाना चाहते हैं, तो जानबूझ कर ऐसा हेल्थ सेक्रेटरी बनाया जाएगा, जो काम नहीं करने देगा। जानबूझ कर ऐसा फाइनेंस सेक्रेटरी बैठाया जाएगा जो हर चीज के अंदर अड़ंगा अड़ाएगा। इस आदेश का इस्तेमाल कर दिल्ली के हर काम को रोका गया। एक तरह से मेरे दोनों हाथ पीछे बांध दिए गए और मुझे नदी में फेंक दिया गया कि अब तैरो। यह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि दोनों हाथ बंधे हुए होने के बावजूद भी हम किसी तरह से तैरते रहे और ऊपर वाला हमारा साथ देता रहा। इन सारी कठिनाइयों के बावजूद हम लोगों ने पिछले 8 सालों में दिल्ली के अंदर इतना शानदार काम किया। इससे यह समझा जा सकता है कि अगर हमारे पास पूरी शक्ति होती तो हम कितना ज्यादा काम कर सकते थे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज हम सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और संविधान पीठ के बाकी चारों न्यायाधीशों का तहे दिल से शुक्रिया करते हैं कि उन्होंने हमारे साथ न्याय किया। मैं दिल्ली की जनता को बधाई देने के साथ ही उनका धन्यवाद करना चाहता हूं कि इतने लंबे संघर्ष में दिल्ली की जनता ने मेरा साथ दिया। मैं दिल्ली की जनता के साथ के बिना कुछ नहीं कर सकता था। आज दिल्ली की जनता के आशीर्वाद और सहयोग के चलते ही इतनी बड़ी जीत हुई है। दिल्ली की जनता ने कदम-कदम पर मेरा साथ दिया। हमें बहुत बड़ा मौका मिला है। सुप्रीम के इस आदेश के बाद दिल्ली का काम पहले से दस गुना ज्यादा गति से होगा। दिल्ली में अब बहुत बड़े-बड़े काम होंगे, जो सोच भी नहीं सकते। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हमें दिल्ली के लोगों को ऐसा प्रशासन देना है, जो जनता के प्रति उत्तरदायी, सहानुभूति रखने वाला और दयालु हो। अगले कुछ दिनों के अंदर बहुत बड़ा प्रशासनिक फेर-बदल होगा। कई अफसरों और कर्मचारियों को ट्रांसफर किया जाएगा। इस अधार पर कि उन्होंने अभी तक कैसा काम किया। कुछ ऐसे अफसर और कर्मचारी हैं, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों या एक-डेढ़ साल में दिल्ली की जनता के काम रोके। कुछ ऐसे भी अफसर और कर्मचारी हैं, जिन्होंने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों और अस्पतालों के अंदर दवाइयां बंद करा दी। जल बोर्ड का भुगतान रोक दिया और कई जगह पानी बंद करा दिया। ऐसे अफसरों और कर्मचारियों चिंहित कर किया जाएगा और उनको अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ेगा। लेकिन बहुत सारे अफसर और कर्मचारी भी हैं, जो घुटन महसूस कर रहे थे, ईमानदार लोग हैं और काम करना चाहते हैं। ऐसे सारे अफसरों और कर्मचारियों को काम करने का मौका मिलेगा। भ्रष्ट, अयोग्य अफसर व कर्मचारियों को अच्छे पदों से हटा कर साइड किया जाएगा और अच्छे, योग्य, ईमानदार, सहानुभूति रखने वाले और दयालु किस्म के अधिकारियों को दिल्ली की जनता की सेवा करने का मौका दिया जाएगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली के पूरे प्रशासनिक सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाएगा। मौजूदा सिस्टम सड़ा-गला है। अब ऐसा सिस्टम बनाया जाएगा, जो जनता के प्रति जवाबदेह हो और जनता की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हो। प्रशासनिक व्यवस्था के अंदर जितनी कमियां हैं, उन सभी को दूर किया जाएगा। सारे अफसरों और कर्मचारियों को जनता के प्रति जवाबदेह और उत्तरदायी बनाया जाएगा। एक लीन, थीन, सेस्पांसिव, कंपैशनेट एंड अकाउंटेबल गवर्नमेंट तैयार की जाएगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य का मॉडल दिया, उसी तरह हम एक ऐसे गवर्नेंस का मॉडल पूरे देश के सामने रखेंगे। मैं देखता हूं कि कई ऐसी पोस्ट हैं, जिनकी जरूरत नहीं है। उनमें कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बैठ कर अड़चन ही लगाते हैं। इसलिए अगर वो न रहें तो ज्यादा अच्छा है। ऐसी पोस्ट को चिंहित करके उन्हें खाली छोड़ दिया जाएगा या फिर खत्म कर दिया जाएगा। जहां पर ज्यादा पोस्ट की जरूरत हैं, वहां ज्यादा पोस्ट बनाई जाएगी। मसलन, मोहल्ला क्लीनिक बना रहे हैं। इसमें डॉक्टर, पैरामेडिक्स समेत अन्य कर्मचारियों की जरूरत है तो वहां ये पोस्ट बनाए जाएंगे। अभी तक हम लोगों ने स्कूल-अस्पताल में एक मॉडल दिया। पंजाब के अंदर हम एक अच्छा कानून-व्यवस्था लागू कर रहे हैं। उसी तरह दिल्ली अब एक कुशल प्रशासन का मॉडल पूरे देश के सामने देगी।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एसीबी अभी चुनी हुई सरकार के पास नहीं है लेकिन अब विजिलेंस आ गया है। जो लोग भ्रष्टाचार या गलत काम करेंगे, कानून के हिसाब से काम नहीं करेंगे, उनके उपर विजिलेंस की कार्रवाई की जा सकती है। मैं जाकर एलजी से आशीर्वाद लूुंगा और हम दिल्ली की जनता के लिए मिलकर काम करेंगे। नियमानुसार किसी फाइल को क्लीयर करने के लिए एलजी के पास सात दिन का समय होता है। मैं अनुरोध करूंगा कि वो सात दिन में फाइल क्लीयर करना चालू करें। उन्होंने कहा कि हमारे पास जिम्मेदारी पहले भी थी, लेकिन बिना शक्ति की जिम्मेदारी थी। अब शक्तियों के साथ जिम्मेदारी आ गई है। पहले हमारे पास जिम्मेदारियों को पूरा करने की शक्ति नहीं थी, अब सुप्रीम कोर्ट ने वो शक्ति दे दी है। अभी अफसरों के जरिए हर विभाग का गला घोंट दिया गया था, अब यह बंद हो जाएगा। हम विधानसभा के अंदर जो बजट पेश करते हैं और जनता की बात रखते हैं, अब हम वो सारी चीजें कर पाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एल्डरमैन की नियुक्ति बिल्कुल गलत हुई है। डीआरसी के चेयरमैन की फाइल एलजी के पास चार महीने से पड़ी हुई है। इसके लिए हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। मुझे लगता है कि इस फैसले के बाद अब हमें इतना सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब शायद हम अपने स्तर पर ही कई सारे निर्णय ले सकते हैं। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री एक तरह से पिता समान होते हैं। जैसे परिवार में पिता होता है। पिता की जिम्मेदारी होती है कि वो सारे बच्चों का अच्छे से पालन-पोषण करे। अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, तो वो हमारे भी प्रधानमंत्री हैं और हम भी उन्हीं की तरफ देखते हैं। देश में किसी भी राज्य में किसी भी सरकार हो, वो सभी प्रधानमंत्री को पिता के समान देखते हैं कि कोई मुसीबत आएगी, तो प्रधानमंत्री मदद करेंगे। 23 मई 2015 को आदेश पारित कर दिल्ली सरकार की शक्ति छिन ली गई थी और आठ साल तक हमें बिना शक्ति के काम करना पड़ा। कई काम रूक गए, इससे किसका फायदा हुआ। आज सुप्रीम ने साबित कर दिया कि यह आदेश गलत और असंवैधानिक था। इतना गलत आदेश पारित करने के पीछे केंद्र सरकार का मकसद दिल्ली सरकार को असफल करना का था। इससे देश और दिल्ली का भला नहीं हुआ। इससे केवल लोगों का नुकसान हुआ। चुनाव में एक-दूसरे को जो मर्जी बोलना है, बोल लें, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद हम सबको मिल कर काम करना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री से अपील करना चाहता हूं कि अब हमें काम करने दें। बहुत समय बर्बाद हो गया है। अगर आपको दिल्ली पर राज करना है तो दिल्ली के लोगों का दिल जीतें। ऐसा काम करिए कि अगली बार लोग आम आदमी पार्टी को वोट ही न दें। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने केलिए सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी।”
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