अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास ने कहा कि शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में कार्यरत पॉवर फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (पीएॅफसी) वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर देश भर के राज्यों की वितरण इकाइयों की एकीकृत रेटिंग को प्रकाशित करता आ रहा है। इस मूल्यांकन के अनुसार, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने अपनी वर्ष 2015-16 की ‘बी’ रेटिंग में सुधार कर वर्ष 2018-19 में ‘ए-प्लस’ रेटिंग पायी जबकि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने अपनी वर्ष 2015-16 की ‘बी’ रेटिंग को सुधार कर वर्ष 2018-19 में ‘ए’ रेटिंग प्राप्त की। यह पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
यह जानकारी पी के दास ने आज दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए इससे भी अहम बात यह रही की कोरोना-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन के बावजूद हरियाणा पॉवर डिस्कॉमस ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लेखा-परीक्षा के अनुसार 9 वें वार्षिक एकीकृत रेटिंग में अपनी स्थापित रेटिंग्स को बरकार रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उपभोक्ताओं को नियमित बाधारहित बिजली प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस सन्दर्भ में, विविध सूचना प्रोद्योगिकी कदमों की पहचान और योजना तैयार कर इन्हें हरियाणा राज्य डिस्कॉमस जैसे उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवी एनएल) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (डीएचबीवीएनएल) के माध्यम से अगले 6 महीने की अवधि में क्रियान्वित करने की योजना है।
इसी क्रम में समयोचित डेटा अवाप्ति सिस्टम (आरटी-डीएएस) की राज्य के सभी वितरण संभारक (फीडर्स) में तैनाती की योजना है जिसके लिए 20.35 करोड़ की धनराशि आबंटित की गई है। पी के दास ने कहा कि आरटी-डीएएस के क्रियान्वयन से बिजली वितरण की समयोचित निगरानी संभव हो पाएगी। उन्होंने कहा कि अनवरत ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप हरियाणा की दोनों बिजली प्रसारण इकाइयां – उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएनएल) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (डीएचबीवीएनएल) परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन के मामले में पिछले चार वर्षों से लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं।