अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस ने गत वर्ष 2022 में डकैती, लूट, सेंधमारी, चोरी और अन्य संगीन अपराधों में संलिप्त 459 गैंग का पर्दाफाश कर 1409 आरोपितों को अरेस्ट कर उनके अंजाम तक पहुंचाया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), प्रशांत कुमार अग्रवाल ने आज यहां बताया कि अपराधियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने डकैती में शामिल 10 गैंग, लुटेरों के 28, सेंधमारी के 69, चोरी के 252 गैंग और अन्य अपराधों के 100 गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इन गैंग के अरेस्ट सदस्यों से 17.86 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पति भी रिकवर की है। इन अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी से लूट, सेंधमारी, डकैती, वाहन एवं अन्य चोरी आदि के 3147 मामलों को सुलझाया गया।
डीजीपी ने बताया कि क्राइम जगत के ऐसे गैंग के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए हमारी पुलिस टीमें साल भर सतर्क रहीं और कई गैंगस्टरों व अपराधियों को ऐसे समय काबू किया जब वे क्राइम की योजना बना रहे थे। अधिकांश प्रमुख गिरोह को निष्प्रभावी कर दिया गया जिससे समस्त प्रदेश में संगठित अपराध व अन्य आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिली।गुरुग्राम जिले में सर्वाधिक 60 गैंग का पर्दाफाश किया गया, जिसमें 141 अपराधी पुलिस हिरासत में लिए गए। इसके बाद फरीदाबाद और यमुनानगर में 59-59, पानीपत में 40, सोनीपत में 34, कुरुक्षेत्र में 25, करनाल में 20, रोहतक में 19, जींद में 17 और अंबाला जिले में 15 गैंग का खुलासा किया।
डीजीपी ने कहा कि यह एक गतिशील और सतत प्रक्रिया है जिसमें कुछ गिरोह जो अतीत में निष्क्रिय रहे हैं, नए सदस्यों या पुराने सदस्य के जेल से बाहर आने आदि के बाद समय के साथ सक्रिय हो जाते हैं। हालांकि, हम नियमित रूप से उनकी गतिविधियों की निगरानी करते हुए उनका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
अवैध हथियारों के नेटवर्क पर ऐसे लिया एक्शन
उन्होंने बताया कि अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। हमारी टीमों ने गत वर्ष अवैध हथियार रखने के आरोप में 4142 मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने 1780 पिस्टल, 39 रिवॉल्वर, 1299 देसी कट्टा और 46 बंदूकें व राइफल समेत कुल 3164 अवैध हथियार बरामद किए हैं। 3262 कारतूसों की बरामदगी के अलावा दो अवैध हथियार बनाने वाली इकाइयों का भी खुलासा किया गया। हमने न केवल ऐसे अवैध हथियारों को रखने वालों को पकड़ने के लिए बल्कि इन आग्नेयास्त्रों के स्रोत का पता लगाने के लिए एक निरंतर अभियान चलाया। जिसके परिणामस्वरूप हमने इस संदर्भ में पड़ोसी राज्यों में भी छापेमारी कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की।