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अपराध पंचकूला हाइलाइट्स

साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर डीजीपी शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में आरबीआई गाइडलाइन्स के सन्दर्भ में राज्य स्तरीय कांफ्रेंस आयोजित।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
पंचकूला:हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर की अध्यक्षता में आज सेक्टर-25 स्थित मोगिनंद में राज्य स्तरीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कांफ्रेंस में साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर बैंकिंग सेक्टर तथा फिनटेक कंपनियों को आरबीआई (RBI) की नई गाइडलाइन्स नवंबर 2024 व जनवरी 2025 के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस कांफ्रेंस में आरबीआई के रीजनल डायरेक्टर विवेक श्रीवास्तव, एनपीसीआई (NPCI) सहित देशभर के लगभग 50 बैंकों तथा फिनटेक कंपनियों जैसे गूगल पे, पेटीएम, अमेज़न पे तथा फोनपे आदि के बड़े अधिकारियों व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर श्रीमती ममता सिंह ,पुलिस महानिरीक्षक, साइबर शिवास कविराज व पुलिस अधीक्षक साइबर अमित दहिया द्वारा भाग लिया गया।  

कॉन्फ्रेंस में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि साइबर अपराध संबंधी चुनौतियां से निपटने के लिए जरूरी है कि सभी मिशन मोड में पूरी लगन से काम करें। उन्होंने बैंक अधिकारियों का आवाहन करते हुए कहा कि वे बैंक अकाउंट में संदिग्ध रुपये के लेनदेन पर नजर रखें और संदिग्ध बैंक खाता ट्रांजैक्शन पाए जाने पर उचित कार्यवाही करें। उन्होंने आरबीआई  की नई गाइडलाइन्स की पालना करने हेतु सभी बैंक अधिकारियों व फिनटेक कंपनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और नकली बैंक खातों पर विशेष प्रकार से नजर रखने और उचित कार्रवाई करने को कहा है।  

उन्होंने कहा कि इस साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर कुछ बैंकों द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है लेकिन इसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर को एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि फ्रॉड की गई राशि को जल्द से जल्द फ्रिज किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा सितंबर 2023 में साइबर फ्रॉड की गई राशि का केवल 7% ही होल्ड किया जाता था जो नवंबर 2024 में बढ़कर 27% हो गया। हमें इस प्रतिशत दर को हमारे संयुक्त प्रयासों से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करना है जो RBI द्वारा Mule Hunter आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर द्वारा सभी बैंकों के अपनाने के बाद किया जा सकता है। साइबर फ्रॉड डिजिटल माध्यम से किया जाता है ऐसे में इसे रोकने के लिए भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय के साथ-साथ साइबर फ्रॉड संबंधी मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है वर्ष 2023 में हरियाणा में 602 करोड़ रुपए की राशि का साइबर फ्रॉड किया गया था जबकि वर्ष 2024 में यह संख्या बढ़कर 980 करोड़ तक पहुंच गई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि साइबर अपराध संबंधी मामलों में बढ़ोतरी हो रही है जिन पर समय रहते हुए अंकुश लगाए जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा, उन्होंने साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जानकारी देने की भी अपील की।आरबीआई के रीजनल डायरेक्टर विवेक श्रीवास्तव ने आरबीआई की नई पॉलिसी, साइबर फ्रॉड होने पर सिस्टम व प्रोसीजर के बारे में विस्तार से बताया और सभी बैंकों को इसके दिशा-निर्देशों की पालना करने को कहा। इसके साथ ही, उन्होंने बैंकों से आये प्रतिनिधियों के संशयो को भी दूर किया। इस दौरान आरबीआई से अधिकारी पारुल ने साइबर फ्रॉड में संलिप्त फर्जी बैंक खातों की पहचान के लिए तैयार किए  गए एआई बेस्ड Mule Hunter सॉफ्टवेयर के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इस सिस्टम द्वारा फर्जी बैंक खातों की 90 प्रतिशत एक्यूरेसी के साथ पहचान की जा सकेगी। कांफ्रेंस में एनपीसीआई के प्रतिनिधि समरजीत ने भी पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर किए  जा रहे तकनीकी पहलुओं के बारे में जानकारी दी।  इस दौरान NCRP पोर्टल पर मनी ट्रेल के लिए एक स्वचालित प्रतिक्रिया प्रणाली की खोज करना और बैंकिंग चैनल में धोखाधड़ी की गई राशि को रोकने संबंधी बिंदुओं के बारे में बताया गया। इसके अलावा, कॉन्फ्रेंस में एचडीएफसी बैंक तथा पीएनबी बैंक के प्रतिनिधियों ने भी मनी म्यूल अकाउंट, केवाईसी तथा बैंक अधिकारियों की साइबर अपराधियों के साथ सांठगांठ आदि रोकने के बारे में किए  जा रहे कार्यों के बारे में बताया और HDFC बैंक व PNB बैंक द्वारा साइबर अपराधियों से बचने के बारे में जानकारी दी गई।पुलिस महानिरीक्षक, साइबर शिवास कविराज ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर आ रही चुनौतियां सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध नियंत्रण में बैंकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। साइबर अपराधियों द्वारा फ्रॉड करने के लिए नकली बैंक खातों का इस्तेमाल किया जाता है।  उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि दिसंबर 2023 में जहां अकाउंट 72927 खोले गए थे वहीं नवंबर-2024 में यह संख्या बढ़कर 128963 हो गई है जोकि गंभीर विषय है। यदि प्रत्येक बैंक कर्मी RBI की नई पॉलिसियों के अंतर्गत काम करेंगे तो साइबर अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है। साइबर अपराध होने पर बैंक के अधिकारी शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई करें।उन्होंने बैठक में साइबर अपराध की चुनौतियां संबंधी कई विषयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ भी किया जा रहा है।

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