अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए आयुष्मान भारत योजना के तहत ऐतिहासिक पहल की शुरूआत की जा रही है। इस पहल के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करते हुए परिवार पहचान पत्र के माध्यम से एक लाख 80 हजार रूप्ये वार्षिक से कम आय वाले जरूरतमंद लोगों की पहचान करते हुए उन्हें 5 लाख रूप्ये तक निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जाएगी। इसे लेकर गुरूग्राम के मानेसर में 21 नवंबर को गोल्डन कार्ड वितरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के तहत 500 पात्र लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड भी वितरित किए जाएंगे।
यह जानकारी आज उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक के दौरान दी। इस बैठक में निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि 21 नवंबर को प्रदेश के पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनवाने की ऐतिहासिक शुरूआत की जाएगी। उन्होंने इसे हरियाणा सरकार की ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि जिन लोगों की वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है , उन्हें इस योजना का लाभ देने के लिए उनके गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। पात्र परिवारों को योजना के तहत 5 लाख रूप्ये तक के निःशुल्क उपचार की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश में सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी) सूची में शामिल परिवारों के अलावा ऐसे सभी परिवारों, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है, उन्हें भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया है। एसईसीसी डाटा के अलावा इस योजना में शामिल किए जाने वाले अन्य परिवारों का 5 लाख रुपये तक का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि गुरुग्राम जिला में इस योजना के तहत 3 लाख 82 हजार 58 से अधिक पात्र व्यक्तियों की पहचान की गई है जिनके गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। इस कार्य को आगामी एक माह में पूरा किया जाना है। बैठक में बताया गया कि जिला में इस योजना के तहत लगभग 28 अस्पताल अधिकृत हैं जहां इन पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत लाभांवित किया जा रहा है। उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे आयुष्मान भारत योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि गुरूग्राम स्वास्थ्य सुविधाओं का हब है ऐसे में जरूरी है कि निजी अस्पताल विशेषकर इस योजना के तहत धरातल स्तर पर काम करते हुए आयुष्मान भारत योजना को लागू करने में सरकार का सहयोग करे।
इसके अलावा, बैठक में मिजल्स व रूबेला बिमारी से बचाव को लेकर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया। जिला टीकाकरण अधिकारी डा. जयप्रकाश ने बैठक में मिजल्स व रूबेला बिमारी से बचाव , लक्षणों तथा रोड़मैप के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे विद्यालयों में बच्चों को मीजल्स व रूबेला बिमारी के लक्षणों तथा इससे होने वाली विकृतियों आदि के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूलों में 16 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले बच्चों को टीडी का टीका अर्थात् टीटनस तथा डिप्थीरिया का टीका अवश्य लगवाएं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्कूलों में कैंप भी लगाए जाएंगे जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2023 तक इन बिमारियों को जड़ मूल से समाप्त किया जाए। बैठक में उपायुक्त निशांत कुमार यादव के अलावा, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डा. जयप्रकाश सहित कई अन्य विभागों के अधिकारीगण तथा निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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