अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में प्रदेश पुलिस को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो मई माह 2023 की मासिक रैंकिंग में प्रथम स्थान मिला है। विदित है की हरियाणा पुलिस फरवरी व मार्च माह में भी 2 माह लगातार रैंकिंग में प्रथम स्थान पर रही थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा निर्धारित मापदंडो में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए प्रदेश पुलिस ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोयी हुई संपत्ति,लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डेटाबैंक सेवाएं आदि कार्य किये जाते हैं।
इस उपलब्धि पर हरियाणा राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ पी सिंह, आईपीएस ने सभी राजपत्रित अधिकारियों व सीसीटीएनएस शाखा में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आने वाले महीनों में और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी किया हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस वर्तमान में हाईटेक होने के प्रति अग्रसर है। आगे उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों पर नजर रखने की सुविधा के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है।
प्रगति डैशबोर्ड में हरियाणा रहा प्रथम स्थान पर, उत्तर प्रदेश ने पाया दूसरा स्थान।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नैटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजैक्ट की परफॉर्मैंस की रैंकिंग में प्रदेश पुलिस ने सबसे अधिक प्रतिशत नंबर लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है । इससे पहले भी प्रदेश पुलिस फरवरी और मार्च में लगातार प्रथम स्थान पर रही थी। वर्तमान में इस प्रगति डैशबॉर्ड में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते है और उसी आधार पर प्रति माह रैंकिंग तय की जाती है। वर्तमान में जारी की गई रैंकिंग में हरियाणा 98.24 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर, वहीँ उत्तर प्रदेश 98.01 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा। इसके अतिरिक्त दिल्ली 94.15, मध्य प्रदेश 94.07 और पंजाब 93.61 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमश तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर रहा। इस प्रोजेक्ट में मंत्रालय हर महीने फरफॉर्मैंस चैक करता है। सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों के डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में सभी एफआईआर सीसीटीएनएस के माध्यम से पंजीकरण किया जा रहा है। इसका फायदा आम जन को होता है कि वो सीसीटीएनएस पर एफआईआर दर्ज होते ही उसकी प्रति घर बैठे डाउनलोड करने की सुविधा मिल जाती है। इसके अलावा हर प्रकार के एनओसी इसी के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है। वहीँ चरित्र प्रमाण पत्र या मकान किराये पर देने हेतु किरायेदार की पुलिस सत्यापन की सुविधा भी आसान हो जाती है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के सभी थानों में 100 % इंटरनेट की कनेक्टिविटी दी जा चुकी है। सभी थानों में सीसीटीएनएस का कार्यान्वयन पूर्ण रूप से किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त आईसीजीएस इंटीग्रेशन का काम भी प्रदेश पुलिस द्वारा पूर्ण किया जा गया है । वर्तमान में 100 % सीसीटीएनएस द्वारा निर्मित एफआईआर न्यायालयों में भी प्रस्तुत की जा चुकी है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 का स्कोर प्रगति डैशबोर्ड में 98.7 % रहा। विदित है कि स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, हरियाणा ने सीसीटीएनएस और नेफिस सिस्टम पर कार्य कर पिछले एक वर्ष में लगभग 11 डेड बॉडीज की पहचान उजागर करने में सफलता हासिल की है व 31,451 विभिन्न गिरफ्तार, सज़ायाफ्ता अपराधियों और लावारिस डेड बॉडीज और मौकाए वारदात से उठाये गए फिंगर प्रिंट डेटाबेस में अपलोड किये गए है।
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