अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने प्रदेश सरकार से खेती के लिए फिलहाल मात्र 5 घंटे की जा रही बिजली आपूर्ति को अपर्याप्त बताते हुए प्रतिदिन कम से कम 10 घंटे निर्वाध रूप से दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान से प्रदेश में करीब साढ़े तीन लाख एकड़ गन्ने की फसल बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। प्रदेश के यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, कैथल, जींद व पलवल जिलों में सुखे का गन्ने की फसल गहरा असर पड़ रहा है। जिसकी वजह से गन्ना उत्पादन पर विपरीत असर पड़ने लगा है।
गन्ना उत्पादक किसानों को अपने गन्ने की फसल को बचाने की चिंता सताने लगी है। यानी के गन्ने की फसल सूखने के कगार पर है। मान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस मामले में स्वयं संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि इस विकट समस्या को देखते हुए 5 घंटे की बजाए प्रतिदिन 10 घंटे की बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री ने एक आपात बैठक बुला कर ठोस निर्णय लेना चाहिए। मान ने बिजली सप्लाई आगामी 20 जून तक बढ़ाई जाने की मांग की है। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने डिजिटल संदेश भेज कर मुख्यमंत्री से यह मांग उठाई है। ताकि गन्ने की फसल को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि अगर इस वक्त बिजली आपूर्ति नहीं बढ़ाई गई तो गन्ना उत्पादक किसानों को बहुत बड़ी आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है। किसान नेता मान ने कहा कि अगर गन्ने की फसल को इस वक्त भरपूर सिंचाई के लिए पानी नही मिला तो गन्ने की फसल कीड़े मकोडों व कीट आदि की चपेट में आ जाएगी। नतीजन गन्ने की बढ़वार व फुटाव नही हो पाएगा। जिसकी वजह से गन्ना उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत कमी आएगी। जहां उत्पादन पर विपरित असर पड़ेगा, वहीं किसानों को कीट नाशकों दवाइयों का छिड़काव करवाने के लिए अतिरिक्त खर्चा उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े साधन संपन्न किसान तो जनरेटर आदि चलाकर अपने गन्ने की फसल को बचाने में लगे हुए है।
लेकिन मध्यम व मझोले किसान बुरी तरह फंसे हुए है। अगर इस स्थिति को सुधारने के प्रयास नही किए गए तो किसान के साथ साथ प्रदेश सरकार को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। 15 जून तक धान की रोपाई न करे किसानप्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने धान उत्पादक किसानों से अपील करते हुए कहा कि आने वाली 15 जून तक धान रोपाई बिलकुल न करे। क्योंकि बिजली अधिकारियों का तर्क है कि अगर बिजली की आपूर्ति बढ़ा दी जाए तो किसान धान की एकदम बिजाई शुरू कर देंगे। जिससे बिजली सिस्टम गड़बड़ा सकता है। मेरी अपील है कि 15 जून तक धान की रोपाई रोक कर रखे। ताकि गन्ने, सब्जी व हरे चारे की फसल को बचाया जा सके।
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