अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा में बनने वाले मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर एयरपोर्ट के लिए वायु पुत्र हनुमान की मूर्ति विस्थापित की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने मूर्ति विस्थापित करने से पहले पूजा-अर्चना की इसके बाद रोही गांव मे स्थापित हनुमान मूर्ति को क्रेन की मदद से हटाया। जेवर बांगर में एयरपोर्ट के लिए भूमि देने वाले किसानों का विस्थापन का कार्य पूरा हो चुका है. इसी कड़ी में हनुमान की मूर्ति विस्थापित की गई है। इस समय जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि के समतलीकरण और चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही एयरपोर्ट का शिलान्यास करना चाहती है, ताकि उत्तर प्रदेश चुनाव जेवर एयरपोर्ट की चमकदार तस्वीर दिखा सके। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2024 तक शुरू होना है। जेवर एयरपोर्ट में आने वाले गांवों को भी विस्थापित किया जा चुका है। रोही गांव को विस्थापित कर दूसरी जगह बसा दिया गया है। इसके अलावा प्राचीन मंदिरों को भी विस्थापित किया जा रहा है। यह जमीन जेवर एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित थी। अब पूजा-अर्चना के बाद ही मूर्ति की स्थापना बनवारी बाग गांव में की जाएगी।शिलान्यास से पूर्व की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो गईं हैं। अब केंद्र सरकार की अनुमति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम तय होने के बाद समारोह का आयोजन किया जाना है। शिलान्यास समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए इसकी जिम्मेदारी इवेंट कंपनी को दी जानी है।
नवरात्र किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं। ऐसे में इसी समय शिलान्यास की संभावना है। जेवर एयरपोर्ट दुनिया की बेहतरीन और नवीन तकनीक से बनेगा। यहां सारी सुविधाएं डिजिटल होंगी। इस एयरपोर्ट पर मुसाफिरों को कस्टमाइज्ड सुविधाएं मिलेंगी यानी यात्रियों को उनकी जरूरत के हिसाब से सुविधाएं दी जाएंगी। एयरपोर्ट अपनी श्रेणी में पहला नेट जीरो एमिशन एयरपोर्ट होगा। जेवर में एयरपोर्ट के लिए 6 गांवों के 5926 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इन गांवों में रन्हेरा, रोही, पारोही, बनवारीवास, किशोरपुर, दयानतपुर गांव शामिल है। करीब 1,339 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले इस हवाई अड्डे पर करीब 29,500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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