अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:पुलिस की कार्यप्रणाली काफी तनावपूर्ण रहती है, पुलिस को हर मौसम में लंबे समय तक हर परिस्थिति में कार्य करना पड़ता है। इसी कारण पुलिस कर्मचारी तनावग्रस्त हो जाते हैं। पुलिस कर्मचारी व अधिकारियों का तनाव मुक्त होना अति आवश्यक है ताकि वे सभी स्वस्थ रहकर अपनी कार्य/ड्यूटी ज्यादा अच्छे से निभा सके जिसको ध्यान में रखते हुए पुलिस आयुक्त गुरुग्राम द्वारा पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को तनाव मुक्त रखने के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजन समय-समय पर करवाये जाते हैं, जिसके तहत विभिन्न खेलों व स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जाता रहा है ताकि सभी को तनाव मुक्त रखा जा सके। पुलिस आयुक्त गुरुग्राम श्रीमती कला रामचंद्रन व प्रोफेसर दिनेश कुमार वाईस चांसलर गुरुग्राम विश्वविद्यालय के दिशा निर्देश में गुरुग्राम यूनिवर्सिटी व विमहन्स(न्यू दिल्ली) के सहयोग से आज पुलिस आयुक्त कार्यालय में पुलिस कर्मचारियों के लिए “वन डे स्ट्रेस मैनेजमेंट वर्कशॉप” का आयोजन किया गया।
जिसमें डॉक्टर मोनालिसा सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को तनाव होने के कारण व तनाव मुक्त रहने के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि तनाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार का होता है और यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस घटना को किस प्रकार से ले रहे हैं सकारात्मक तनाव में व्यक्ति किसी कार्य को एकाग्रता से करता है जिससे उसकी कार्यक्षमता बढ़ती है व अच्छे परिणाम मिलते हैं। वहीं पर जब हम किसी परिस्थिति को संभाल नहीं पाते तो वह नकारात्मक तनाव होता है जिसके परिणाम भी बुरे होते हैं बहुत बार कार्य को समय रहते पूरा न करने के कारण भी वह नकारात्मक तनाव का कारण बनते हैं जिसके कारण कार्य क्षमता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 2-4 सप्ताह का तनाव मानव शरीर के लिए नुकसानदायक होता है जिसके गंभीर परिणाम भी देखने को मिलते हैं जिसमें व्यक्ति खुद को व आसपास को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
इस वर्कशॉप के दौरान डॉ. मोनालिसा पलित व प्रोफेसर गायत्री रैना आर्य ने उपस्थित सभी पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों की स्ट्रेस कंडीशन बारे प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि पुलिस में सकारात्मक तनाव का होना भी बहुत जरूरी है ताकि पुलिस कर्मचारी व अधिकारी उनके पास आए केस की जांच सुचारू रूप से कर सकें। इस दौरान सभी को तनाव मुक्त रहने के तरीकों के बारे में भी बताया गया कि व्यक्ति तनावग्रस्त हो तो योग व मेडिटेशन करें, हेल्दी खाना लें, गहरी नींद व सोशल सपोर्ट भी तनावमुक्त होने में काफी सहायक है।
यह भी जरूरी है कि जिस परिस्थिति के कारण तनाव हो रहा है उसका सामना करना चाहिए तथा उससे निकलने के लिए अपने नजदीकी सहयोगी से विचार विमर्श अवश्य करें। अधिक तनाव में जरूरत पड़ने पर साइकोलॉजिस्ट की मदद जरूर ले। इस वर्कशॉप में डॉक्टर मोनालिसा पलीत, साइकोलॉजिस्ट व प्रोफेसर गायत्री रैना आर्य बतौर स्पीकर उपस्थित रहे व अभिलक्ष जोशी ACP Hq. के अतिरिक्त लगभग 60 पुलिस कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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