अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण विभाग के तत्वाधान में मंगलवार को विश्वविद्यालय का प्रथम सांस्कृतिक उत्सव ‘‘नैपुण्य-2019’’ का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक उत्सव में सम्मानित अतिथि के तौर पर सांस्कृतिक और शैक्षणिक परामर्शदाता,एम्बेसी ऑफ द अरब रिपब्लिक ऑफ इजिप्ट से प्रो. डॉ. मोहम्मद नाडा एवं प्रख्यात आमंत्रित के रूप में अंतरराष्ट्रीय कवि, साहित्य कला अकादमी से सम्मानित दिनेश रघुवंशी एवं स्टॉप सॉल एसिड की संस्थापक, महिला साहस की ब्रांड एंबेसडर श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, ईस्ट एडं वेस्ट ऑटोमेशन के डायरेक्टर श्री अरविंद कौल, विकानरेवाला के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रमेश अग्रवाल एवं मुख्यअतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नेहरू शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि राज नेहरू ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को उत्तरदायी, वक्ता, आत्मविश्वास से भरपूर होना चाहिए। सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों को बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध करवाते हैं। अपनी आन्तरिक क्षमता को पहचानकर हुनर को सामने लाएं एवं बेहतर कार्य करें। खुद का निरिक्षण करें, दिमाग की गतिविधियों को समझते हुए स्वयं को सक्रिय करें। मानसिक विकास के दर्पण को बेहतर होने दें। आपकी जिस भी विषय में रूचि है वह करें। इडंस्ट्री में कौशल के साथ आपकी रूचि, आत्मविश्वास भी मायने रखते हैं। अपने शिक्षकों से संपर्क कीजिए, वह आपकी हर क्षेत्र में मदद करेंगें। छात्र कल्याण विभाग की अध्यक्षता प्रो. ज्योति राणा, प्रो. आरएस राठौर एवं उनकी टीम को कुलगुरू ने बेहतर आयोजन के लिये शुभकामनाएं दी। स्टॉप सॉल एसिड की संस्थापक, महिला साहस की ब्रांड एंबेसडर श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल ने विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए। उन्होंने अपने जीवन की सभी घटनाएं प्रेरणा के रूप में विद्यार्थियों के सामने रखी एवं प्रयोग के तौर पर दो विद्यार्थियों को मंच पर बुलाकर उनके जीवन के लक्ष्य के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि कठिन समय के बाद ही बेहतर समय आता है। हम कई बार कठिनाईयों में हार मान जाते है, जबकि उन कठिनाईयों से सिखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर किसी की अपनी सोच है, हर इंसान जिंदगी में बेहतर करना चाहता है। समानता महिलाओं के लिये आवश्यक है, इसे हमें सोचकर महिलाओं को आगे बढ़ाना चाहिए।
ईस्ट वेस्ट ऑटोमेशन के डायरेक्टर श्री अरविंद कौल ने विद्यार्थियों को इडंस्ट्री जगत के बारे में जानकारी दी एवं कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने उद्योग जगत के लिये खारे पानी में फिल्टर लगाना का कार्य जैसा काम किया है। इसकी वजह है कि जो उद्योग जगत को चाहिए था, वह उद्योग जगत को मिलता नहीं था। एसवीएसयू ने इसे समझा एवं इंडस्ट्री के साथ समझौता करके दोनों संस्थानों ने जाना कि कौशल विद्यार्थी किस प्रकार से तैयार किया जा सकता है। विद्यार्थी को क्या सिखाना है, कैसे सिखाना है यह दोनों संस्थानों ने साथ मिलकर हल निकाला एवं अब विद्यार्था कौशल के क्षेत्र में विश्वविद्यालय का नाम रोशन करेंगें। बिकानेरवाला के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री रमेश अग्रवाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये विश्वविद्यालय को बधाई दी एवं कहा कि देश की खाने के तौर पर देश की संस्कृति लुप्त ना हो जाएं, इसका उन्हें भय था, लेकिन एसवीएसयू के साथ मिलकर जिस प्रकार के कोर्स एवं पाठ्यक्रम पर हम काम कर रहे हैं, उससे देश की संस्कृति की पहचान राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी। अपनी परंपराओं को बेहतर रूप में लाने का कार्य एसवीएसयू बेहतर तरीके से कर रहा है, एवं इस क्षेत्र में कौशल की काफी संभावनाएं है। कौशल एवं शिक्षा को एक साथ मिलाने का कार्य इस विश्वविद्यालय ने किया है। उद्योगों में काम करने वालों के पास अनुभव था, लेकिन शैक्षणिक योग्यता नहीं थी। यह योग्यता यह विश्वविद्यालय पूरी कर रहा है, यह एक बेहतर कार्य है।
सम्मानित अतिथि सांस्कृतिक और शैक्षणिक परामर्शदाता, एम्बेसी ऑफ द अरब रिपब्लिक ऑफ इजिप्ट, प्रो. डॉ. मोहम्मद नाडा ने विश्वविद्यालय में उन्हे आमंत्रण के लिये कुलगुरू का धन्यावाद किया एवं कहा कि एम्बेसी की तरफ से समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है, वह विश्वद्यालय के विद्यार्थियों को उसमें आमंत्रित करेगें। उन्होंने कहा कि इडंस्ट्री के लिये बेहतर कौशल की आवश्यकता महसुस की गई है, एसवीएसयु इसमें बेहतर रोल अदा करेगा। देश या विदेश में किसी भी प्रकार के उद्योग के लिये कौशल व्यक्ति चाहिए, जिससे उद्योग जगत की समझ हो, एसवीएसयू का विद्यार्थी इस समझ के साथ ही कोर्स कर रहा है, उद्योग जगत में उसका भविष्य बेहतर है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को क्रिएटीव भी होना चाहिए, यह सांस्कृतिक कार्यक्रम उन्हें रचनात्मक बनाएं। मार्केट में इनॉवेशन बहुत महत्वपूर्ण है, विद्यार्थी को चाहिए कि वह समय-समय पर नये-नये इनॉवेशन करें। प्रख्यात बांसुरीवादक पंडित अजय प्रसन्ना ने अपनी बांसुरी से इस दौरान सभी का मन मोह लिया। छात्र कल्याण विभाग की संयोजक प्रो. ज्योति राणा ने इस दौरान कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी एवं आए हुए गणमान्य व्यक्तियों का धन्यावाद किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का यह पहला सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें विद्यार्थियों के हुनर को तरासने के लिये 35 प्रकार की गतिविधियां करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक गतिविधियों भी विद्यार्थियों के कौशल को सामने लाती है।इस दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया एवं अपने हुनर को दिखाया।