अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: देश में जनतंत्र की हालत देख डॉ. सारिका वर्मा ने सेक्टर- 31 स्थित कम्युनिटी सेंटर में रविवार शाम को अंडरस्टैंडिंग डेमोक्रेसी सेमिनार का आयोजन किया। कार्यक्रम के तीन मुख्य वक्ता रघु ठाकुर , परंजॉय गुहा ठाकुरता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता व 300 गणमान्य लोगों ने इस कार्यक्रम का पंजीकरण किया और चर्चा का आनंद उठाया। देश के सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक एवं नेता रघु ठाकुर ने भारतीय लोकतंत्र की विशेषता, उसके आदर्श, प्रासंगिकता, मूलभूत-सिद्धान्तों तथा आज के परिप्रेक्ष्य में भारत तथा विश्व में लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बताया। इस अवसर पर रघु ठाकुर ने कहा कि”लोकतंत्र का मतलब है अपने विरोधियों को जिंदा रखना, मानव अधिकारों की सुरक्षा करना, सभी को बराबरी के अधिकार देना और सत्ता का विकेंद्रीकरण करना” . सांसद संजय सिंह को एक अपराधी की स्टेटमेंट के आधार पर गिरफ्तार करना, दर्शाता है देश में कानून का राज कमजोर हो गया है और राजा के हाथ में कानून आ गया है।
लेखक पत्रकार परंजय गुहा ठाकुरता ने अपने हालिया अनुभव को साझा किया, और निवेदन किया कि प्रवीण प्रभाकर,अमित चक्रवर्ती, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और बाकी राजनीतिक केस में फसाए हुए सैकंडो लोगों को जल्द रिहा किया जाएगा। “जिस तरह आज देश में माहौल है ऐसा माहौल तो आपातकाल के समय में भी नहीं था। सरकार संसद में ऐसा बयान दे रही है जो सच से बिल्कुल परे है- चाहे वो कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी की बात हो या करोडो प्रवासी श्रमिकों का पलायन हो, झूठ के बाद झूठ फैलाया जा रहा है। “राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने जीएसटी को पीएमला के अंदर शामिल करने के बारे में कहा कि अब व्यापारियों को ई डी से खतरा हो जाएगा और नए कानून के तहत जमानत मिलना भी बहुत मुश्किल हो जाएगा। “देश में साधारण नागरिक भयभीत हुए बैठे हैं। कम से कम विपक्ष वाले नेता अपनी बात रख सकते हैं, सत्ता पक्ष के संसद का हाल देखिये वो तो अपना मुंह भी नहीं खोल पाते” डॉ. सारिका वर्मा ने कहा सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी ऐसे मामले में जहां सीबीआई ने खुद क्लीन चिट दी, दर्शाता है कि केंद्रीय सरकार बुलंद आवाज को दबाना चाहती है और ये डर का माहौल देश के लोकतंत्र के लिए खतरा है। राम मनोहर लोहिया जी कहते थे “देश की गलियों को गरमाना पड़ेगा ताकि संसद आवारा ना हो” लोकतंत्र में साधारण नागरिकों की आवाज सरकार को सुन्नी चाहिए, उनका दर्द महसूस करना चाहिए और हर नागरिक को अपनी आवाज निडर होकर कहने का अधिकार हो तभी जनतंत्र सुरक्षित है। कार्यक्रम में हरि सिंह चौहान, जय प्रकाश रेढू,नवनीत रोज, धीरज यादव, सतबीर यादव, पीपी सिंघल,सतेंद्र सैनी, विजेश खटाना, सिद्धांत गुप्ता, निकेत अरोरा, शत्रुंजय बरनवाल, सचिन शर्मा, पारस जुनेजा, दिलप्रीत साही, डॉ. एस के आनंद, डॉ. अश्विनी कालरा,अनीता यादव, मंजू सांकला, पप्पी जिंदल, गोपाल जिंदल, प्रताप कदम, वीणा हंस, रितु गांधी, उर्मिल राणा, चिकित्सकों, बुद्धिजीवियों तथा संयुक्त किसान मोर्चा के सम्मानित साथियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
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