अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को रद्द करने पर कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई को साजिश करार देते हुए कहा कि यह फिर साबित हुआ है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बदनाम कर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए इस कथित घोटाले की काल्पनिक कथा बुनी गई थी। नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जो काल्पनिक और सनसनीखेज कहानी लिखी थी, सुप्रीम कोर्ट ने उसका सच उजागर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गत शुक्रवार को ईडी का पूरा मामला खारिज करते हुए कहा है न तो इस मामले में कोई विधेय या पूर्व निर्धारित अपराध है न ही अपराध से अर्जित आय को जोड़ने वाली कड़ियां हैं, इसलिए धन-शोध हुआ ही नहीं। ईडी ने आयकर के छापों को आधार बनाया था और कोर्ट ने इसे आधार मानने से इनकार कर दिया। इस फैसले ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और उसकी कठपुतली बनी हुई ईडी की कुत्सित राजनीतिक मंशाओं को उजागर कर दिया है।
सिंघवी ने कहा कि नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में चुनाव होने थे, इसलिए यह साजिश रची गई। अपनी कथित जांच के बाद ईडी ने 2023 के जुलाई में विशेष अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। कुल मिलाकर 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की कथा बुनी गई। इसे लेकर भाजपा ने चुनाव में कांग्रेस सरकार और उसके नेताओं को बदनाम करने का भरपूर प्रयास किया। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन आरोपों को चुनौती देते रहे। उन्होंने बार-बार कहा कि ये आरोप भाजपा की केंद्र सरकार के इशारे पर कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भूपेश बघेल जी के इस आरोप को सही साबित किया है। सिंघवी ने सवाल पूछते हुए कहा कि यदि कोई घोटाला हुआ तो ईडी ने इतनी लंबी जांच में धन शोधन का कोई सबूत क्यों नहीं जुटाया। यदि अपराध शराब निर्माताओं की फैक्ट्रियों में शुरू हुआ तो एक भी शराब निर्माता को ईडी ने क्यों गिरफ्तार नहीं किया। क्यों ईडी ने फ़ील्ड के आबकारी अधिकारियों और होलोग्राम सप्लायर को गिरफ्तार नहीं किया। अगर ये सब लोग दोषी थे तो राज्य में भाजपा की सरकार बने अब चार महीने हो रहे हैं, क्यों राज्य सरकार ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अगर ईडी जांच कर ही रही थी तो क्यों ईडी के अधिकारियों ने राज्य की भाजपा सरकार पर यह दबाव बनाया कि आर्थिक अपराध शाखा शराब घोटाले पर मामला दर्ज करके जांच करे। इससे ज़ाहिर है कि ईडी को कोई मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला मिल नहीं रहा है और अब भाजपा आर्थिक अपराध शाखा के जरिए कांग्रेस को बदनाम करना चाहती है। सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से मामला खारिज होने के बाद ईडी ने नए सिरे से अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।सवाल यह है कि यदि ईडी के निर्देश पर ही आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था और ईडी का सारा केस ही सुप्रीम कोर्ट में धराशाई हो गया है, तो उसी मामले को पूर्व निर्धारित अपराध कैसे माना जा सकता है। चूंकि लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं इसलिए ईडी फिर से भाजपा के सहयोग के लिए सामने आ गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से ईडी से कह दिया गया है कि इसमें धन शोधन का कोई मामला नहीं दिखता फिर भी ईडी मान नहीं रही है। भाजपा की केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव को प्रभावित करने के लिए ही कठपुतली ईडी नाच रही है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments