अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं खोरी गांव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं सरीना सरकार के मामले में जस्टिस खानविलकर की बेंच ने यह फैसला दिया है कि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन फरीदाबाद आधार कार्ड को प्रोविजनल एलॉटमेंट के लिए लेना शुरू करें ताकि बेदखल परिवारों को अस्थाई रूप से आश्रय दिया जा सके इस आदेश को सुनकर फरीदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने काफी प्रयास किया कि आधार को स्वीकार न किया जाए किंतु फरीदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की नहीं चली।
मजदूर आवास संघर्ष समिति के सदस्य निर्मल गोराना ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आज के निर्देश के अनुसार खोरी गांव से बेदखल किए गए उन तमाम परिवारों को जिनके घर नगर निगम फरीदाबाद द्वारा उजाड़ दिए गए हैं को आधार कार्ड के आधार पर प्रोविजनल एलॉटमेंट दिया जाएगा अर्थात् नगर निगम द्वारा जो भी घर अस्थाई रूप से दिए जाएंगे वह आधार कार्ड के द्वारा भी दिए जा सकेंगे किंतु जब अंतिम रूप से पुनर्वास पूर्ण होगा तब यह निर्णय लिया जाएगा कि उस घर को स्थाई रूप से उस बेदखल परिवार को मिलेगा या नहीं । स्थाई पुनर्वास के लिए आधार उपयुक्त दस्तावेज है या नहीं इस पर अभी स्पष्टता नहीं आई है। निर्मल गोराना ने बताया कि आधार कार्ड को प्रोविजनल एलॉटमेंट के रूप में इस्तेमाल करना तो ठीक है किंतु पूर्ण पुनर्वास के लिए भी इसे काम में लिया जाना चाहिए और यह अभी तय होना चाहिए अन्यथा मजदूर परिवारों के साथ सरासर धोखा होगा और उनका उचित पुनर्वास नहीं हो पाएगा। अब अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।