अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सूरजकुंड (फरीदाबाद): सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में बुधवार की सांस्कृतिक संध्या में भारत के जाने-माने रॉक/पॉप बैंड यूफोरिया की धूम रही। चिकित्सक से संगीतकार, अभिनेता और गीतकार बने पलाश सेन ने शुरू से ही अपनी प्रस्तुतियों से माहौल में उमंग, ऊर्जा व उल्लास से सराबोर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ अवसर पर हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन डॉ. अरविंद यादव व हरियाणा पर्यटन निगम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एम.डी. सिन्हा भी मौजूद थे।
पलाश सेन ने सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत आगे थे, आगे है, आगे ही रहेंगे… गाकर युवा शक्ति को भारत की आज की ताकत व गूंज का अहसास कराया। उन्होंने अपने प्रसिद्ध गाने धूम पिचक धूम से ऐसी धूम मचाई कि सबको झूमने को मजबूर कर दिया। इसके बाद माई री… सुना कर दर्शकों को समुद्र किनारे की कश्ती की मस्ती याद दिला दी। भूला सब भूला जहां.. गाकर टूटे दिल वालों को आंसू बहाने का बहाना दे दिया।
यूफोरिया बैंड ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। पलाश सेन ने कई गाने में मसूरी की हसीन वादियों का फ्यूजन डालकर सभी मौजूद श्रोताओं को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर पलाश सेन ने कई अंग्रेजी गाने भी गाए। इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक सुरीली प्रस्तुतियों से सुहानी शाम को आनंददायक बना दिया। पूरे कार्यक्रम में दर्शकों ने उनके साथ थिरककर हरियाणवी जोश से रूबरू कराया। उनके साथ तबले पर प्रशांत, प्रकाशन पर राकेश भारद्वाज, ड्रम पर विशाल मेहता, बैक वोकल देबोश्री बापू, जय श्री बापू, तीन सुखचैन, गिटार पर आदित्य व अशोक राय, कीबोर्ड पर विशाल दीक्षित, बेस गिटार पर देबोजीत बहादुरी तथा फ्लूट पर अक्षय शर्मा ने अपनी संगत दी। इस मौके पर निगम के नीरज कुमार व उपायुक्त विक्रम सिंह के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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देश और विदेशों से आए कलाकार और पर्यटक यहां से एक सुखद अनुभूति लेकर जाएंगे : डॉ. अरविंद यादव हरियाणा पर्यटन निगम के चेयरमैन डा. अरविंद यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की नई अवधारणाओं पर भी काम किया है। हम फार्म टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, सांस्कृतिक पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने मेला के 13 वें दिन की सांध्यकालीन सत्र के दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबके लिए यह गौरव का विषय है कि गत 3 फरवरी से सूरजकुंड मेला परिसर में हर राज्य की कला और संस्कृति से रूबरू कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि देश और विदेशों से आए कलाकार और पर्यटक यहां से एक सुखद अनुभूति लेकर जाएंगे और यह अनुभूति उन्हें बार-बार हरियाणा आने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने हस्तशिल्प को सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिबिंब बताते हुए कहा कि इस मेला में पर्यटकों का हर वर्ष इजाफा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी आभा में निरंतर निखार आ रहा है।