अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार सुबह लाल कुआँ, पुल प्रह्लादपुर स्थित एमसीडी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि स्कूल में चारों ओर कूड़े का अम्बार है। शौचालय या तो टूटे हुए है या बदहाल स्थिति में है। एक ओर क्लासरूम में बेंच न होने के कारण बच्चे टूटे फर्श पर बैठने को मजबूर है। बच्चों के पीने के लिए पानी नहीं है। स्कूल परिसर में ही अवैध कब्ज़ा किया गया है। सालों से नई बिल्डिंग का निर्माण पूरा नहीं हुआ है जिस कारण बच्चे टीन शेड में बैठने को मजबूर है। स्टोर रूम कबाड़खाना बना हुआ है और उसकी छत कभी भी टूट कर गिर सकती है, जो बच्चों के लिए असुरक्षित है। झूले टूटे हुए है, स्कूल की दीवारें टूटी हुई है।
स्कूल की इस दशा की देखकर शिक्षा मंत्री आतिशी ने स्कूल प्रिसिपल को फटकार लगाते हुए कहा कि स्कूल में साफ़-सफाई से जुडी सभी समस्याओं को तुरंत ठीक किया जाए वर्ना अपने खिलाफ कड़ी कारवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि स्कूल में सफाई की बदतर स्थिति यहां पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के प्रति स्कूल प्रशासन के असंवेदनशील रवैये को दर्शाती है और शिक्षा को लेकर ऐसी लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारी अल्टीमेट देते हुए कहा कि वो स्कूल को जिम्मेदारी से चलाए अन्यथा निलंबन के लिए तैयार रहे। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि टीन शेड में चल रहे इस स्कूल की फर्श उखड़ी पड़ी है। क्लासरूम में डेस्क नहीं है और बच्चे जमीन पर बैठने को मजबूर है। स्कूल के शौचालय की भी बदतर स्थिति है। शौचालय या तो टूटे हुए है या फिर उनकी दयनीय हालत है। प्लेग्राउंड में चारों तरफ कूड़ा फैला हुआ है। प्लेग्राउंड से लगी दीवार टूटी हुई है और ग्राउंड के ही एक हिस्से में अवैध कब्ज़ा भी किया गया है। साथ ही स्टोर रूम कबाड़खाना बना हुआ है और उसकी छत कभी भी टूट कर गिर सकती है। स्कूल की बदतर स्थिति को देखकर शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारी को अल्टीमेटम दिया कि स्कूल का बेहतर ढंग से रखरखाव किया जाए, अच्छे से साफ़-सफाई की जाये और अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो निलंबन के लिए तैयार रहे| उन्होंने कहा कि स्कूल की ऐसी स्थिति अस्वीकार्य है। स्कूल में यह सुनिश्चित करना प्रिंसिपल का कर्तव्य है कि सभी बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में क्वालिटी एजुकेशन मिले। लेकिन स्कूल की ऐसी स्थिति देखकर ये साफ़ हो रहा है कि स्कूल प्रशासन यहाँ पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के असंवेदनशील है। उन्होंने कहा कि, स्कूल की यह स्थिति यहां पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के प्रति दिखाई गई उदासीनता का कारण है।संबंधित अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना चाहिए कि एमसीडी स्कूलों में सभी बच्चों को वह शिक्षा मिले जिसके वे हकदार हैं। शिक्षा मंत्री ने निरीक्षण में पाया कि बच्चों के क्लासरूम का फर्श उखड़ा हुआ है, उसमें गंदगी है लेकिन प्रिंसिपल रूम में टाइल्स लगी हुई है| स्कूल में शिक्षकों के लिए पानी की व्यवस्था है लेकिन बच्चों के लिए नहीं है| इसपर फटकार लगाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि एमसीडी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे आते है इसका ये मतलब नहीं की उन्हें बुनियादी सुविधाएँ भी न दी जाये और अपने हाल पर छोड़ दिया जाए| उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूल में बच्चों के लिए भी हर जरुरी सुविधाएँ तुरंत मुहैया करवाई जाए|
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