अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: भारत के अस्पताल में इलाज कराने आए एक विदेशी नागरिक की टैक्सी चालक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पीट-पीट हत्या कर दी और उसकी कीमती सामानों को लेकर फरार हो गए। ये हत्या का मामला बिल्कुल अज्ञात था। इस मामले में आइजीआइ थाना पुलिस ने मुकदमा नंबर -150 / 2021 , दिनांक 17 मई 2021 , भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर आज तीन आरोपितों को अरेस्ट कर लिया। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम टैक्सी चालक वीरेंद्र सिंह उर्फ़ मोनू, उम्र 33 साल,गोपाल सिंह ,उम्र 34 साल , दिलबाग उर्फ़ बिल्लू , उम्र 35 साल निवासी रंगपुरी गांव , दिल्ली हैं।
पुलिस के मुताबिक बीते 17 मई-2021 को डीडी नं.4ए पीएस आईजीआई हवाई अड्डे पर प्राप्त हुआ था,जिसमें एक व्यक्ति सेंटौर अस्पताल, आईजीआई हवाई अड्डे के पास मृत पड़ा हुआ है।कॉल रिसीव करने पर एसआई संजीव चौधरी स्टाफ के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, जहां सेंटौर होटल के पास पैदल रास्ते पर एक व्यक्ति मृत पड़ा मिला। घटनास्थल पर तलाशी के दौरान शव के पास बीएमपी गोल्ड कलर का एक मोबाइल फोन मिला जो चालू था। मोबाइल से आखिरी डायल किए गए नंबर पर फोन किया गया जो एक मनोज साहू का था,जो एक ट्रेवल का था। पुलिस का कहना हैं कि पूछताछ करने पर ट्रैवल एजेंट ने मृतक व्यक्ति के पासपोर्ट की कॉपी भेजी और उसकी पहचान केन्या की नागरिक जामा ने कहा कि उसके माध्यम से दिल्ली के लिए कल 17 मई 2021 की तारीख के लिए टिकट बुक कराया था । बाद में ट्रैवल एजेंट ने मृतक व्यक्ति की बेटी को घटना की जानकारी दी। इसके बाद मृतक एमएस जेना की बेटी ने एसआई संजीव चौधरी के मोबाइल पर फोन कर जानकारी दी कि उसके पिता 2 सप्ताह पहले किसी हृदय रोग के इलाज के लिए भारत आए थे। कारण Covid-19 महामारी में उनका इलाज अस्पताल द्वारा स्थगित कर दिया गया था । इसलिए वह 17 मई -2021 को सोमालिया के रास्ते वापस अपने देश जा रहे थे । हालांकि उन्हें अपने साथ सोमालिया का वीजा न मिलने के कारण नई दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर आव्रजन मंजूरी से वंचित कर दिया गया था और एयरलाइंस द्वारा लोड किया गया था । लोड होने पर वह एयरपोर्ट टर्मिनल के बाहर आया और टैक्सी नंबर ले लिया । महिपाल पुर के एक होटल के लिए एचआर-55-एएफ-5435 और तब से उसका अपने पिता से कोई संपर्क नहीं है। बाद में वह पीएस आईजीआई एयरपोर्ट के इलाके में मृत पाए गए। सफदरजंग अस्पताल में एमएलसी तैयार की गई, जिसमें उन्हें डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। उसका सामान भी गायब मिला है। इसलिए एफआईआर नं.150/21, भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 आईपीसी दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच आईएसपी को जांच टीम: मामले की गंभीरता को भांपते हुए,एक समर्पित टीम जिसमें आईएनपीआर शामिल है।मोहिंदर लाल (एसएचओ/आईजी आईए का चार्ज देख रहे एसआई संजीव चौधरी, एसआई सुनील कुमार,एसआई धर्मेंदर और सीटी रमेश कुमार,एसीपी/आईजीआईए की देखरेख में रामफल और अधोहस्ताक्षरी के समग्र मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण का गठन किया गया था । आरोपी व्यक्तियों की शीघ्र आशंका के लिए ध्यान केंद्रित किया गया । पुलिस बताते हैं कि जांच के दौरान पीएस आईजीआईए के कर्मचारियों ने कार्रवाई की और मृतक की बेटी द्वारा उपलब्ध कराए गए टैक्सी नंबर का मालिकाना हक हासिल कर लिया गया ।उक्त टैक्सी एक वीरेंद्र सिंह उर्फ़ मोनू निवासी गांव रंगपुरी, नई दिल्ली के नाम से रजिस्टर्ड मिली थी। इसके बाद उपरोक्त पते पर छापेमारी की गई और वीरेंद्र सिंह को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया । लगातार पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि वह अपने दो दोस्तों गोपाल सिंह और दिलबाग उर्फ़ बिल्लू के साथ आईजीआई एयरपोर्ट के टी-3 स्थित अपनी टैक्सी में उपलब्ध था। मृतक अपनी टैक्सी लेकर रवानगी से गया था।
दिल्ली के महिपाल पुर को टी-3 का प्रांगण: इसके बाद महिपालपुर रेड लाइट के पास रास्ते में टैक्सी के किराए को लेकर मृतक व्यक्ति से विवाद हो गया।इसके बाद तीनों ने मृतक व्यक्ति को पीटा और सेंटौर होटल के पास फेंक दिया और वहां से अपनी टैक्सी में बैठकर भाग गए। वे मृतक का सामान व अन्य कीमती सामान भी अपने साथ ले गए हैं, ताकि उसकी पहचान उजागर न हो सके। इसके बाद वीरेंद्र सिंह उर्फ़ मोनू के कहने पर उसके अन्य दो साथियों को भी दिल्ली के रंगपुरी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।लगातार पूछताछ के बाद आज उक्त सभी आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने इस अपराध के आयोग में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है।
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