अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: अरावली गौ -सेवा समिति, ग्रीन फील्ड द्वारा आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान देश भक्ति के गीतों से पूरा का पूरा ग्रीन फील्ड गूंज उठा हैं, और ध्वजारोहण किया गया। इस विशेष अवसर पर सामजसेवी प्रेम कृष्ण आर्य उर्फ़ पप्पी ने तिरंगा यात्रा निकाली, और इसी बीच में उपरोक्त समारोह में पहुंचे, और मंच पर आमंत्रित किए गए ग्रीन फील्ड के सबसे पुराने सफाई कर्मचारी नानक चंद, समारोह संयोजक लाला जी जींद वाले को पगड़ी पहना कर सम्मानित किया। इससे पहले समारोह के संयोजक लाला जी जींद वाले ने प्रमुख समाजसेवी एंव प्रॉपर्टी कारोबारी उमा शंकर गर्ग व राजवीर नेता जी को तिरंगा वाला पट्टा और टोपी पहना कर सम्मानित किया । समारोह में आए हुए सैकड़ों लोगों को बेसन का ताजा लड्डू और समोसे वितरित किए गए।
लाला जी ने “अथर्व न्यूज़” से बातचीत करते हुए कहा कि सफाई कर्मचारी नानक चंद पिछले करीब 28 सालों से ग्रीन फील्ड में सड़कों की सफाई करता हुआ आ रहा हैं , जो प्राइवेट के तौर पर करता हैं, जो अपने पेट भरने के लिए कड़ी धुप में, ढंड और बरसात इस मेहनत कश इंसान के लिए एक सामान हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए गए स्वक्छ्ता अभियान को ग्रीन फील्ड में एक बेहतर दिशा दे रहा हैं, को उन्होनें आज समारोह के मंच पर सम्मानित किया गया हैं। इससे पुष्प अर्पित भी कराया गया हैं।
वह इसके मेहनत को तहे दिल सलूट करते हैं। इसके बाद सम्मानित किए गए सफाई कर्मचारी नानक चंद से “अथर्व न्यूज़” ने अलग से बातचीत करनी शुरू ही की, तो उसके दोनों ही आंखों से आंसू तेज गति निकलनी शुरू हो गई , इसके बाद उसने “अथर्व न्यूज़” के संपादक अजीत सिन्हा की पैर छूने की कोशिश की, अजीत सिन्हा ने उसे धैर्य रखने की बात कही ,और बहते हुए आंसू पोछते हुए, उसे अपने मन को पूर्ण रूप से शांत करने को कहा, सवालों को कुछ पल के लिए रोक दिया, और फिर उससे कहा कि मैं एक वरिष्ठ पत्रकार हूँ, और आमजनों की समस्याओं और समाज की बुराई को उजागर करना मेरा प्रथम कर्तव्य हैं।
फिर से बातचीत की दौर शुरू हुई तो उसने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में आज लाला जी जींद वाले ने जो सम्मान दिया हैं,इससे पहले उसे इतना बड़ा सम्मान कभी नहीं मिला, आज मैंने जो पैजामा- कुर्ता व जूता पहना हुआ हूँ, सब लाला जी ने उसे दिया हैं,और ध्वजारोहण के बाद, यहां के लोगों के बीच उसे बराबर में बिठाया, समारोह के मंच पर सम्मानित किया,और उसके हाथों पुष्प अर्पित करवाई। ये मेरे जीवन के लिए बहुत बड़ी बात हैं, इस सम्मान को वह मरते दम तक नहीं भुला सकता हैं। बातचीत की दिशा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उसकी पत्नी ब्रह्मबती की काफी पहले ही मौत हो गई थी, इसके थोड़ी दिन के बाद शादीशुदा 40 वर्षीय बेटी सुमानी की मौत हो गई,
इसके बाद उसके 50 वर्षीय बेटे भगत सिंह की पत्नी बिमला, उसकी पुत्रबहु की मौत हो गई, उसका सिर्फ एक ही सहारा बचा हैं बेटा भगत सिंह, उसकी भी बीते साल जनवरी में सीढ़ी से गिरने के कारण टांग टूट गई थी, उसके इलाज कराने में उसके पास जो कीमती सामान था , वह सब बेच चूका हैं, वावजूद इसके बेटा भगत सिंह का इलाज अभी अधूरा हैं। अभी उसके इलाज में लगभग 1.5- 2 लाख रूपए का खर्चा हैं जिसे जुटाना उसके लिए बहुत ही मुश्किल हैं , वह झाड़ू लगा कर प्रति महीना 10 -12 हजार रूपए कमा लेता हैं। इससे उसका खाना पीना चलता हैं, उसका सही इलाज नहीं हो पा रहा हैं, जरुरत हैं आमजनों को इसके दर्द को समझने की, क्यूंकि एक पिता को बेटा का दर्द सता रहा हैं, और जरुरत हैं देख सुनकर, सोच समझ कर उसकी मदद के लिए आगे आने का।
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