अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक धरोहर लालकिला के सामने स्थित चांदनी चौक की मुख्य सड़क के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो गया है। इसे दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पुर्नविकसित किया गया है, जिसका सीएम अरविंद केजरीवाल आगामी 17 अप्रैल को उद्घाटन करेंगे। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चांदनी चौक को आधुनिक तरीके से विकसित किया है। इस सौंदर्यीकृत सड़क पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक मोटराइज्ड व्हीकल्स के आने-जाने पर प्रतिबंध रहेगा, ताकि चांदनी चौक आने वाले लोगों को जाम समेत अन्य समस्याओं से दो-चार न होना पड़े।
सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि चांदनी चौक के मुख्य सड़क का पुर्नविकास किया गया है। यह एक ऐतिहासिक धरोहर है। इस पूरे इलाके को बहुत ही खूबसूरत बनाया गया है। यह बहुत पुरानी जगह है और हम इस पुरानी ऐतिहासिक जगह की शोभा को वापस ला रहे हैं। हमें उम्मीद है कि चांदनी चौक के सौंदर्यीकरण के बाद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और दिल्ली आने वाले लोग चांदनी चौक को देखने के लिए भी आकर्षित होंगे। केजरीवाल सरकार ऐतिहासिक धरोहर लालकिला को ध्यान में रखते हुए चांदनी चौक की मुख्य सड़क का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण करने का निर्णय लिया था। यह सड़क लालकिला के ठीक सामने स्थित है और चांदनी चौक की पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान है। चांदनी चौक की जर्जर हालात की वजह से यहां वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था और लालकिला देखने आने वाले पर्यटक भीड़ और जाम की वजह से दुनिया भर में भारत की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। इसलिए केजरीवाल सरकार ने लालकिला से फतेपुरी मस्जिद तक चांदनी चौक की खूबसूरती को निखारने का काम शुरू किया, ताकि यहां आने वाले पर्यटक चांदनी चौक की खूबसूरती को देखने से खुद को रोक न पाएं। चांदनी चौक के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण के दौरान पर्यटकों की सुविधाओं का खासा ख्याल रखा गया है। चांदनी चौक को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है और इसमें ग्रेनाइट की टाइल्स का इस्तेमाल किया गया है। चांदनी चौक आने वाले लोगों को बैठने के लिए सड़क के दोनों तरफ जगह-जगह व्यवस्था की गई है। चांदनी चौक में सुबह 9 से रात 9 बजे समान्य वाहनों के आने-जाने पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन इमरजेंसी वाहनों को छूट रहेगी। चांदनी चौक के पुर्ननिर्माण के दौरान विकलांगों की सहूलियत का भी ख्याल रखा गया है। सड़क के दोनों तरफ छोटे और बड़े पौधे लगाने के लिए भी जगह दी गई है, ताकि चांदनी चौक को हरा-भरा करके और खूबसूरत बनाया जा सके।
डिजाइन प्लान के मुताबिक, सड़क के सेंट्रल मध्य की चौड़ाई 3.5 मीटर है। स्ट्रीट लाइट आदि को विद्युत आपूर्ति के लिए 18 ट्रांसफार्मर पहले से ही लगे हुए हैं। सड़क के कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर है। नाॅन मोटराइज्ड व्हीकल्स के लिए सड़क के दोनों तरफ 5 से 10 मीटर चौड़ा फुटपाथ बनाया गया है। उत्तर दिशा की तरफ कैरिजवे 5.5 मीटर चौड़ा है और फुटपाथ 5 से 10 मीटर चौड़ा बनाया गया है। सेंट्रल मध्य की चौड़ाई 3.5 मीटर है। वहीं, दक्षिण दिशा की तरफ कैरिजवे 5.5 मीटर चौड़ा है और फुटपाथ 5.5 से 11.5 मीटर चौड़ा है। साथ ही सड़क के दोनों तरफ 2.5 मीटर का फुटपाथ भी है। यहां बुजुर्गों की सुविधा के लिए फ्री इलेक्ट्रिक वाइकल भी चलाया जाएगा। यह सड़क लालकिला से फतेपुरी मस्जिद तक विकसित की गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 99 करोड़ रुपए खर्च किया गया है। एक दिसंबर 2018 को प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था और 31 मार्च 2020 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे पूरा करने में एक साल की देर हुई है। चांदनी चौक बाजार क्षेत्र होने के बावजूद पुनर्विकास के दौरान पुरानी पाइप लाइनों को पानी के कनेक्शन के लिए नए सीवरेज से बदल दिया गया है, जबकि मौजूदा सीवरेज नेटवर्क को आंतरिक सतह को साफ और रिले करके बहाल किया गया है। इसके अलावा, सड़क के फायर हाइड्रेंट के लिए एक समर्पित जल लाइन बिछाई गई है, ताकि सड़क के दोनों ओर बहुत भीड़ भाड़ वाले और दुर्गम बाजारों के अंदर आग के खतरों को कम किया जा सके। यह ढांचागत सुधार इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस वर्ष जल-जमाव की क्षेत्र से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है। इसमें न केवल स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण किया गया है, बल्कि प्लास्टिक या कचरे के साथ नालियों के अवरुद्ध होने से बचने के लिए दोनों ओर तश्तरी जल निकासी के साथ पूरे खंड में ढलान पर विशेष बल दिया गया है। चांदनी चौक को स्ट्रीट फूड का हब मानते हुए पूरे खंड में आइजीएल की गैस पाइपलाइन बिछाई गई है, ताकि इन फूड जॉइंट्स में सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत किया जा सके। विभिन्न अदालतों की न्यायिक घोषणाओं के कारण हॉकिंग के लिए निषिद्ध क्षेत्र में वेंडिंग जोन की कोई योजना नहीं है। पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए बड़ी चुनौती पानी की पाइपलाइनों, बिजली के तारों आदि की भूमिगत/शिफ्टिंग भी थी।
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