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हरियाणा

उम्मीदवार को मतदान के दिन केवल एक ही गाड़ी के प्रयोग, जिसमें  में ड्राइवर सहित 5 लोगों से ज्यादा के बैठने की अनुमति नहीं.

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. इन्द्र जीत ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार विधानसभा आम चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार को मतदान के दिन केवल एक ही गाड़ी के प्रयोग की अनुमति है। गाड़ी में ड्राइवर सहित 5 लोगों से ज्यादा के बैठने की अनुमति नहीं है और उम्मीदवार या उसके चुनावी एजेंट के उपयोग के लिए आवंटित वाहन किसी अन्य व्यक्ति द्वारा प्रयोग नहीं किया जाएगा।डॉ. इन्द्र जीत ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि उम्मीदवार का चुनावी एजेंट भी विधानसभा क्षेत्र में केवल एक गाड़ी का प्रयोग कर सकता है। इसके अलावा, उम्मीदवार का चुनावी एजेंट या कार्यकर्ताओं या पार्टी के कार्यकर्ताओं को विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक गाड़ी को प्रयोग करने की अनुमति है।उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 (5) के तहत उम्मीदवार या उसके चुनावी एजेंट द्वारा मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन तक लाने और वापिस ले जाने के लिए वाहनों के प्रयोग या खरीद या किराये पर लेना एक भ्रष्ट आचरण माना जाएगा। इसके अलावा, उम्मीदवार या उसके चुनावी एजेंट की सहमति के साथ किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भी ऐसा करना भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आएगा।

उन्होंने बताया कि अधिनियम में ऐसा किया जाना एक दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके लिए धारा 133 के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है।उन्होंने बताया कि आयोग का ट्रैफिक आवागमन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाने या आमजन को कोई परेशानी का सामना करना पड़े ऐसा कोई इरादा नहीं है। आयोग द्वारा कुछ वाहनों को मतदान के दिन छूट दी गई है। हॉस्पिटल वैन, एंबुलेंस, दूध वैन, पानी के टैंकर, बिजली आपताकालीन डयूटी वैन, पुलिस ऑन डयुटी और चुनावी डयुटी में लगे ऑफिसर को मतदान के दिन प्रतिबंध से छूट रहेगी। पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बसें अपने तय समयसारणी एवं रुट के अनुसार चलेंगी। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा अंतरराज्यीय बस स्टैंड, अस्पतालों तक आने-जाने के लिए टैक्सी, थ्री-व्हीलर, रिक्शा को भी छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि निजी वाहनों का उपयोग स्वयं के लिए किया जा सकता है। पोलिंग बूथ पर वोट डालने जाने के लिए निजी वाहनों का उपयोग अपने लिए या अपने परिवार के सदस्यों के लिए किया जा सकता है। परंतु पोलिंग स्टेशन के 200 मीटर की परीधि में वाहनों को ले जाने की इजाजत नहीं है।



सरकारी अधिकारियों द्वारा डयूटी पर पहुंचने के लिए वाहनों का उपयोग किया जा सकेगा।डॉ. इन्द्र जीत ने कहा कि चुनाव की अवधि के दौरान उम्मीदवारों/उनके एजेंटों और पार्टी के नेताओं और पार्टी समर्थक द्वारा निजी वाहनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए जिसमें असामाजिक तत्वों को लाने ले जाने के लिए वाहनों का उपयोग करना और मतदाताओं के मन में भय उत्पन्न करना और अवैध हथियारों और बारुद की तस्करी करना शामिल है, आयोग ने निर्देश दिये हैं कि जिला प्रशासन किसी भी संभावित शरारत के लिए चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के साथ आए लोगों और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखेगा, जिसमें अवैध हथियार रखने जैसी आपराधिक गतिविधियां भी शामिल हैं। यदि इनमें से कोई भी वाहन, चाहे वह किसी पार्टी या निजी मालिक का है, इस तरह के किसी भी कृत्य में शामिल पाया जाता है तो स्थानीय प्रशासन ऐसे वाहनों को जब्त करे और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक ऐसे वाहनों को छोड़ा न जाए। इसके अलावा, वाहन के मालिक, वाहन में बैठे लोगों और उम्मीदवार/राजनीतिक पार्टी जो इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल है, उनके खिलाफ कानून के अनुसार आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
 

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