अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :पलवली बहुचर्चित महा-हत्याकांड में आरोपी पक्ष ने अदालत के आदेश पर थाना खेड़ी पुल में शिकायतकर्ता पक्ष के 20 लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश करने का केस फरवरी माह में दर्ज करवाया था पर दर्ज किए गए मुकदमें में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर वह लोग परिवार के लोगों के साथ आज पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से मिलने आए हैं। पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से मिलने के बाद बिल्लू परिवार के लोग संतुष्ट नजर आए और उन्हें भरोसा हैं कि उनके परिवार के सदस्यों के साथ हुई ना-इंसाफ़ी पर,उनमें इंसाफ की उम्मीद जगी हैं। उधर, बिजेंद्र शर्मा व राज कमल का कहना हैं कि यह लोग पैसे के बल पर कोर्ट से आदेश ले आए और उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करवा दिया। जबकि उनके ऊपर कोई मुकदमा बनता ही नहीं हैं। वाकयदा जिला प्रशासन और घटना के समय रहे पुलिस कमिश्नर हनीफ कुरैशी ने उनके साथ इंसाफ किया था। आज बिल्लू पक्ष के लोग पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से मिलने आए हैं पर उन्हें पहले से बिल्कुल मालूम नहीं था। वह लोग पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से जरूर मिलने आए हैं और उन्हें बताने आए थे कि पहले भी पुलिस प्रशासन ने उनके साथ इंसाफ किया था और अब भी उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज होने के बाद ,फिर से इंसाफ़ की उम्मीद लेकर आए हूँ।
बिल्लू परिवार की सदस्य सरिता व भावना का कहना हैं कि 17 सितंबर 2017 को दिन के वक़्त जब मेरे बच्चे टियूशन पढ़ कर गाड़ी से वापिस आ रहे थे उस वक़्त दूसरे पक्ष के लोगों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और उनके साथ मारपीट करने लगे। इस बात की शिकायत उसी दिन रात को पूर्व सरपंच बिल्लू करने के लिए उनके निवास पर गए थे उस दौरान उन लोगों ने उनकी बातों को समझने के बजाए उल्टा उनके साथ झगड़ा शुरू कर दिया। जब वह लौट कर अपने घर की ओर वापिस आ रहे थे तो पीछे से उन लोगों ने उनके सिर पर तेजधार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया और वह निचे लहूलुहान होकर सड़क पर गिर गए। इसके बाद गांव में शोर मच गया की बिल्लू को मार दिया। यह खबर परिवार के लोगों को लगी तो परिवार में से दो -तीन लोग मौके पर पहुंच गए पर उन लोगों ने उनके ऊपर भी जानलेवा हमला कर दिया। इनमें से किसी एक ने लाइसेंसी बंदूक से अपने बचाव में गोलियां चला दी और उसमें पांच लोगों की मौत हो गई। जिसका उन लोगों को भी अफ़सोस हैं। इसके बाद पुलिस प्रशासन उनके परिवार के 28 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया उनमें से सभी 28 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें महिला ,छोटे बच्चे से लेकर 70 -80 साल के बुजुर्ग पर एक तरफा कार्रवाई करते हुए बंद कर दिया। इनमें से दो हरियाणा पुलिस जवान शामिल थे व एक सदस्य की जेल में मौत भी हो गई।
उनका कहना हैं कि इनमें से एक -दो लोगों को छोड़ कर किसी ने कोई गुनाह नहीं किया,बल्कि उन लोगों ने भी कोई गुनाह नहीं किया. क्यूंकि अपने बचाव में गोलियां चलाई थी। बाकी के 26 के 26 लोग बेकसूर लोग आज भी जेल में बंद हैं.जोकि बिल्कुल बेगुनाह हैं.उनका कहना हैं कि उनके घर में सिर्फ महिलाएं रह गई हैं और घर के तक़रीबन सभी मर्द लोग जेल में बंद हैं। अब उनके पास 6 लाइसेंसी बंदूकें हैं जिनसे उनके परिवार के बाकी सदस्यों पर जान का खतरा बना हुआ। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि पूर्व सरपंच बिल्लू के ऊपर उन लोगों ने तेजधार हथियार से सबसे पहले जानलेवा हमला किया था और पुलिस ने हॉस्पिटल में उनका ब्यान भी लिया था। वावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने उनकी तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। इसके बाद उन्होनें कोर्ट के शरण में चले गए और वहां लम्बें संघर्ष के बाद कोर्ट के आदेश के बाद खेड़ीपुल थाने में शिकायतकर्ता पक्ष के 20 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 148 ,149 ,323 ,325 व 307 के तहत मुकदमा 23 फ़रवरी 2019 को दर्ज किया गया था, इनमें से दो आरोपियों की मौत हो चुकी हैं. पर चार महीने बीत जाने के बाद भी उनके मुकदमे में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई । इसके लिए परिवार के लोग एकत्रित होकर पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से मिलने के लिए आए हैं। इस दौरान नरेश का कहना हैं कि उनकी मुलाकात पुलिस कमिश्नर संजय कुमार से हो गई हैं और उनकी बातों को उन्होनें ध्यान से सुना और कार्रवाई का भरोसा दिया हैं।