अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:अमित यादव हत्याकांड के आरोपियों को जो पकड़वाएगा उसे पांच लाख रुपए का नगद ईनाम दिया जाएगा । इस केस में डीएलएफ क्राइम ब्रांच ने पिछले चार महीनों में तक़रीबन 400 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी हैं वावजूद इसके अमित का हत्यारा पुलिस की पकड़ से कोसों दूर हैं। अमित की बीते 27 अगस्त 2019 को सांय तक़रीबन 7 बजे उसी के मारुति अल्टो कार में फरीदाबाद के पाली इलाके में किसी अज्ञात शख्स ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। मरने वाले अमित यादव पर तक़रीबन 12 करोड़ रूपए का कर्ज था। इसमें ऋषिपाल से 5 करोड़ व सुखबीर से 5 करोड़ जोकि आपस दोनों जीजा साला हैं एंव 10- 12 लोगों के तक़रीबन दो करोड़ रुपए होंगें।
इंचार्ज संजीव कुमार का कहना हैं कि बीते 27 अगस्त 2019 को सांय 7 बजे पुलिस की सूचना मिली कि एक मारुति अल्टो कार में ड्राइवर वाली सीट पर एक शख्स जिसकी उम्र करीब 40 साल हैं की गोली मार कर हत्या कर दी हैं। इस सूचना मिलने के तुरंत बाद सम्बंधित थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और इस केस की गहनता के साथ जांच शुरू कर दी.जांच के दौरान मरने वाले शख्स की पहचान अमित यादव निवासी रजौकरी, दिल्ली के रूप में की गई। उनका कहना हैं कि जांच के दौरान यह भी पता चला की अमित को एक गोली मारी गई हैं। घटना स्थल से मरने वाले अमित यादव का मोबाइल फोन गायब था। इसके बाद सम्बंधित थाने की पुलिस अमित के शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौप दिया। उनका कहना हैं कि इस मामले में केस दर्ज होने के बाद आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी डीएलएफ क्राइम ब्रांच को सौपी गई। इस केस की उम्र तक़रीबन चार महीने का हैं, इन चार महीनों में पुलिस ने उसके मोबाइल फोन के पिछले एक साल का डिटेल निकलवाया गया जिसमें तक़रीबन 400 लोगों के नंबर थे।
जोकि आम लोगों के नंबर थे। इन नंबरों में से तक़रीबन 350 लोगों से पूछताछ हो चुकी हैं। जांच के दौरान पुलिस को यह भी मालूम हुआ की अमित आईपीएल मैच पर सट्टा खेलता था। इस के बाद पुलिस ने 25 से अधिक सट्टेबाजों से भी अलग-अलग एंगल से पूछताछ की। वावजूद इसके अमित के हत्यारा का पता नहीं चल सका। उनका कहना हैं कि जांच के दौरान यह भी मालूम हुआ की अमित ने काफी लोगों से कर्ज ले रखा हैं जिनमें अपने दो रिश्तेदारों से 10 करोड़ रूपए कर्ज ले रखे थे
जिनमें एक का नाम ऋषिपाल व सुखबीर हैं। जब पुलिस ने अपने जांच का दायरा बढ़ाया तो यह पता चला कि 10-12 लोगों से 10-15 लाख करके तक़रीबन दो करोड़ रुपए ले रखे हैं। उनका कहना हैं कि 25 सट्टेबाजों सहित 375 लोगों से पूछताछ करने बाद 40 अन्य परिजनों से भी पूछ ताछ की गई। फिर भी अमित के हत्यारे का कोई सुराग नहीं मिल सका। अमित के हत्यारे पकड़वाने वाले शख्स को मृतक अमित के पिता ईश्वर सिंह ने 5 लाख रुपए नगद ईनाम देने घोषणा की हैं। बल्कि उन्होनें पुलिस को लिखित में दी हैं।
उनका कहना हैं कि अमित की हत्या बड़े ही सफाई के साथ की गई हैं पर पुलिस पकड़ से हत्यारा ज्यादा समय तक दूर नहीं रह सकता हैं। पुलिस का प्रयास लगातार जारी हैं, जल्द ही पुलिस आरोपी तक पहुंच जाएगी। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि अमित की हत्या किसी शूटर ने किया होता तो वह अमित को सिर्फ एक गोली क्यों मारता फिर धांय-धांय गोली मार कर भाग जाता का मतलब हैं एक साथ कई गोली मारता। ऐसा अनुभव किया जा रहा हैं कि साजिश के तहत किसी पेशेवर अपराधी ने अमित से पहले तो नजदीकी बढ़ाई होगी,जिससे अमित का उस पर विश्वास हो गया होगा को अमित के साथ उसी के कार बैठ कर कही और के लिए चला होगा। रास्ते में किसी बहाने से कार को रोकवा कर उसे गोली मार कर हत्या कर दी और वहां से वह शख्स फरार हो गया। उनका कहना हैं कि हत्या करने वाला व हत्या करवाने वाला कितने भी शातिर हो, उनका मकसद हैं जल्द से जल्द पकड़ कर उसे सलाखों के पीछे डालना है जो वह कर के रहेंगें।