अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: एक तरफ जहां पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में उग्र प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं फरीदाबाद में इस संशोधित कानून के समर्थन में लोग आते जा रहे हैं। शनिवार फरीदाबाद की अदालत में सैकड़ों वकीलों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए इस क़ानून का समर्थन किया। इस मौके बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं वो देश के खिलाफ है और राजनीतिक दलों के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा कर रहे हैं उनके खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
एडवोकेट पाराशर का कहना है कि ये कानून नागरिकता देने का कानून है। लेकिन कुछ देश विरोधी तत्व इस कानून का गलत प्रचार कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर किसी को विरोध जताने का अधिकार है लेकिन देश में जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन किये जा रहे हैं उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि ऐसे हिंसक प्रदर्शन देश विरोधी ताकतों के इशारों पर हो रहे हैं। एडवोकेट पाराशर ने कहा कि कई राज्यों पर पुलिस पर पत्थर बरसाए जा रहे हैं। वाहनों और पुलिस चौकियों में आग लगाईं जा रही है जिससे साफ़ जाहिर हो रहा है कि ऐसी हिंसा के पीछे किसी का हाथ है। उन्होंने कहा कि ये क़ानून भारत में रहने वालों के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय को इस क़ानून से कोई नुक्सान नहीं है भले वो किसी भी धर्म से जुड़ा हो। उन्होंने कहा कि हम किसी राजनीतिक पार्टी से सम्बंधित नहीं है। एक जिम्मेदार भारतीय होने के नाते हम इस क़ानून का समर्थन कर रहे हैं। इस मौके पर एडवोकेट कंवर संजीव तंवर, लोकेश पाराशर, सचिन पाराशर, हितेश पाराशर, एनएस मान, सोमदत्त शर्मा, राधेश्याम, बीड़ी कौशिक, शिव कुमार पराशर, नवीन भाटी, अनिल अधाना, सुधाकर पांडेय, ओमबीर सहित कई वकील मौजूद थे।