अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को निर्बाध और परेशानी-मुक्त सेवाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय अस्पताल मान्यता बोर्ड (एनएबीएच) द्वारा प्रमाणित तीन निजी अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की है जिनमें इनडोर/डे केयर आधार पर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि जिन अस्पतालों को पैलन में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई है उनमें एपेक्स अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर, पानीपत, एसएल मिंडा मेमोरियल हॉस्पिटल (मोगा देवी मिंडा चेरिटेबल ट्रस्ट की इकाई), बागला रोड , बागला आदमपुर तथा एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पिटल सेक्टर-06, द्वारका, नई दिल्ली शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल निजी अस्पताल सभी सामान्य शिष्टाचारों का विस्तार करेंगे और चिकित्सा सुविधा में किसी विलंब या इससे इनकार किए बिना राज्य सरकार के लाभार्थियों को दाखिल करने,उपचार और डिस्चार्ज की सुविधा देंगे। उन्होंने बताया कि अपेक्स अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर, पानीपत 51 बिस्तर का अस्पताल है जबकि एसएल मिंडा मेमोरियल अस्पताल, आदमपुर तथा एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, द्वारका, दिल्ली की क्षमता क्रमश: 52 और 201 बैड है। इन अस्पतालों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का उल्लेख करते हुए, उन्होंने बताया कि अपेक्स अस्पताल एवं ट्रॉमा सेंटर, पानीपत द्वारा सामान्य चिकित्सा, गाइनाकॉलॉजिस्ट,ऑर्थोपेडिक्स और यूरोलॉजी में जबकि एसएल मिंडा मेमोरियल अस्पताल, आदमपुर द्वारा सामान्य चिकित्सा, सामान्य सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, आर्थोपेडिक्स सर्जरी तथा बाल चिकित्सा में सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसी तरह, एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, द्वारका नई दिल्ली द्वारा सामान्य सर्जरी, सामान्य चिकित्सा,प्रसूति एवं स्त्री रोग,आर्थोपेडिक सर्जरी, ईएनटी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (मेडिकल एंड सर्जिकल), न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑन्कोलॉजी (मेडिकल, सर्जिकल , रेडियेशन), प्रत्यारोपण (गुर्दे) और यूरोलॉजी सहित कई प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल निजी अस्पताल के स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह नोडल अधिकारी किसी भी शिकायत के मामले में संबंधित सिविल सर्जन या विभाग के साथ संवाद करेगा। उन्होंने बताया कि महामारी के दौरान किसी भी आपातकाल/आपदा या सरकारी अस्पतालों में रोगियों की अत्यधिक संख्या के मामले में, पैनल में शामिल अस्पताल जरूरत के हिसाब से अपनी एम्बुलेंस, मोर्चरी, आईसीयू / सीसीयू, बर्न यूनिट, वार्ड बैड को सांझा करने के लिए सहमत होंगे। उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सभी वैधानिक नियमों, दिशानिर्देशों, कृत्यों और अधिसूचनाओं का पालन करना होगा।प्रवक्ता ने बताया कि ये अस्पताल सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों और इससे संबंधित आईईसी गतिविधियों का पालन करेंगे। स्वास्थ्य संकेतकों हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए अपेक्षित डेटा स्वास्थ्य विभाग के साथ सांझा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, ये अस्पताल राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए जन्म एवं मृत्यु संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने बताया कि सूचीबद्ध अस्पतालों के लिए राज्य सरकार की 21 मई, 2015 की नीति के तहत पहले से तैयार किए गए दिशा-निर्देश नए सूचीबद्ध अस्पतालों पर भी लागू होंगे। हालांकि, नए पैकेज बनाते या कैशलेस मोड में कुछ सेवाएं शुरू करते समय संबंधित अस्पताल की सहमति से अनुपालन के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।