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गुडगाँव

सीएम ने गुरुग्राम के चिंटल पैराडिसो सोसाइटी में घटी दर्दनाक घटना से आहत परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुग्राम के सेक्टर-109 की चिंटल पैराडिसो सोसाइटी में घटी दर्दनाक घटना से आहत परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि यह झकझोर देने वाली घटना है और ऐसा भविष्य में न हो, इसके लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुवार शाम को सोसाइटी के टावर-डी की छठी मंजिल की छत से लेकर नीचे की मंजिलों तक गिर गए थे, जिसकी वजह से दो महिलाओं की मृत्यु हो गई जोकि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि समय रहते एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और गुरुग्राम जिला प्रशासन ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए एक व्यक्ति की जान बचा ली। उन्होंने कहा कि सरकार घटना की गंभीरता को देखते हुए दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है और जनहानि किसी भी कारणवश से हो, बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी स्थिति पर नजर रख रहे हुए हैं और इसके अतिरिक्त घटना की सूचना मिलते ही नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने भी स्थल का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग को चिंटल इंडिया लिमिटेड, चिंटल एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और ईंटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सभी निदेशकों, स्ट्रक्चरल इंजीनियरों, वास्तुकार और आवासीय टावर का निर्माण करने वाले ठेकेदार और छठी मंजिल पर अतिरिक्त निर्माण कर रहे निवासी के खिलाफ तत्काल प्रभाव से प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस टावर के सभी प्रभावित परिवारों को तत्काल आधार पर वैकल्पिक अस्थायी आवास उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं क्योंकि ये लोग इस टावर में रहने से घबरा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, निर्माण के दौरान डिजाइन या कारीगरी में दोष का पता लगाने के लिए आईआईटी या किसी अन्य प्रतिष्ठित सरकारी संस्थान से प्रभावित टावर के निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि आसपास की कुछ अन्य ग्रुप हाउसिंग कॉलोनियों में भी आरंभिक अवस्था में स्ट्रक्चर नुकसान के लक्षण दिखाई दिए हैं। अत: नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन या किसी अन्य एजेंसी से प्राप्त शिकायतों के आधार पर ऐसे भवनों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें यह भी कहा गया है कि इन कॉलोनियों के निवासियों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए कॉलोनाइजर की कीमत पर स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी त्रासदी से बचने के लिए सरकार ने सैद्धांतिक रूप से यह भी निर्णय लिया है कि रिहायशी प्रमाण पत्र देते समय बिल्डरों द्वारा नियुक्त किए गए स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के अलावा नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग भी प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों या अलग से इम्पैनल किए गए स्ट्रक्चरल इंजीनियर से भी स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाएगा।

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