अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
अविनाश पांडे,महासचिव, प्रभारी झारखंड, एआईसीसी और पवन खेड़ा, अध्यक्ष, मीडिया, प्रचार (संचार विभाग), एआईसीसी ने आज एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जो निरंतर गिरावट लोकतंत्र के स्वास्थ्य में आ रही है और उसकी सीधे-सीधे जिम्मेदारी सरकार और नरेंद्र मोदी का जो सत्तारुढ़ दल है, उस पर सीधे-सीधे जिम्मेदारी बनती है और ये ऐसा मुद्दा है, जिसमें हम सबको सजग रहकर इसको एक्सपोज करना बहुत आवश्यक है। जिन-जिन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी चुनाव के रास्ते से नहीं आ पाती सत्ता में, उन राज्यों में वो किस तरह के हथकंडे अपनाती है, किस तरह से पैसे खर्च करती है, किस तरह से एजेंसी का दुरुपयोग करती है, किस तरह से लोकतंत्र की वहाँ धज्जियां उड़ाने का षडयंत्र रचती है, यह आपके सामने कई उदाहरण अरुणाचल, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गोवा और अब झारखंड में जो प्रयास कर रहे हैं, महाराष्ट्र, कई-कई उदाहरण हैं। हर महीने एक उदाहरण भारतीय जनता पार्टी अपनी निम्न स्तर की राजनीति का आपके और हमारे सामने रखती है।
मेरे साथ झारखंड के हमारे प्रभारी, वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे भी हैं, थोड़ी देर में वो आपको पूरा बताएंगे किस तरह से एक साजिश रची जा रही है भारतीय जनता पार्टी द्वारा झारखंड की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की। एजेंसी का जो काम होना चाहिए, वो काम एजेंसी ने करना बंद कर दिया है। एक भाजपा के प्रकोष्ठ की तरह काम कर रही है या संघ के प्रकोष्ठ की तरह काम करें, जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हो, इस तरह से ये एजेंसी का अब उसी तरह का प्रकोष्ठ ब्रैकेट में लिख देना चाहिए। संघ का प्रकोष्ठ है या भाजपा का प्रकोष्ठ है, क्योंकि यह काम एजेंसी का नहीं है कि सत्तारुढ़ दल की सहायता करके चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करना। यह काम कभी किसी एजेंसी ने पहले नहीं किया और पिछले सात साल में, आठ साल में लगातार एजेंसी खबरों में अगर बनी रही तो इसी तरह के कामों की वजह से बनी रही।
हम और आप, हम दोनों का विपक्ष का भी और मीडिया का एक बहुत बड़ा दायित्व बन जाता है क्योंकि आने वाली पीढ़ियों जरुर याद रखेंगी कि किसने इसमें क्या भूमिका अदा की थी, जब लोकतंत्र पर हमले बोले जा रहे थे, तब विपक्ष क्या कर रहा था, मीडिया क्या कर रहा था। हमें पूरा भरोसा है कि आप इस तरह का साजिशों को बेनकाब करेंगे। हमें पूरा भरोसा है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जो कदम हमें और आपको मिलकर उठाने हैं ताकि इस देश का संविधान बचा रह सके, ताकि इस देश में लोकतंत्र बचा रह सके, वो पूरा भरोसा है कि हम और आप वो कदम उठाएंगे और सरकार का एक काम होता है, जिसकी वजह से उसको सत्ता में लाया जाता है। वह काम करने के स्थान पर जहाँ वो चुनाव हार जाएं, वहाँ भी सत्ता में कैसे आएं, यह काम सरकारों का नहीं होता, यह बात मोदी जी को, अमित शाह जी को शायद समझ में नहीं आ रही। कल नड्डा जी बिहार गए थे, बड़ा उनका विरोध हुआ। सड़कों पर लोग आ गए। इन्हें अब समझ लेना चाहिए कि अगर सरकार में जहाँ हैं, वहाँ काम करना नहीं आता इन्हें, तो सीख लें। राजनीति इस तरह की, जो निम्न स्तर की राजनीति को बंद करना होगा इन्हें क्योंकि अब लोग सड़कों पर आ रहे हैं, अब लोग परेशान हो गए हैं। अब घड़ा भर चुका है। पवन ने अभी आपके सामने काफी स्पष्ट तरीके से इस पर रविवार को परेशान करने की वजह बताई और किन कारणवश आज आपके माध्यम से जो कृत्य राजनीति की साख को और नीचा फिर से दिखाने जा रहे हैं, इस विषय पर आपके सामने हम यहाँ उपस्थित हुए हैं। साथियों, हम सब जानते हैं कि पीएम मोदी के पिछले 8 सालों में देश में अनेक इतिहास बनाए हैं, चाहे बेरोजगारी का हो, चाहे बढ़ती कीमतों का हो, देश की आर्थिक बदहाली का हो या सीमा पर चीन के साथ चल रहे कार्यकलापों का हो। इन सभी के साथ-साथ आज सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है जो कि इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जाएगा और वो है जिस तरीके से आज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, चुनकर आई हुई सरकारों को अब अस्थिर करने का खुला नंगा नाच चल रहा है। यह विशेष रुप से आश्चर्य होता है मुझे कि इस लोकतंत्र में संविधान के रहते हुए आखिर हिम्मत कैसे होती है इन सत्ता पर बैठे हुए उन हुक्मरानों की, जो बिना किसी खौफ के, बिना किसी डर के, बिना किसी परंपराओं के और संविधान के रक्षा की शपथ लेने के बावजूद अपने आपको जो देश का प्रेरणास्त्रोत प्रोजेक्ट करते हैं। साफ सुथरे कपड़े पहन कर अपने स्वयं के चरित्र का बखान करते हैं। एक स्वच्छ राजनीति का रोज वक्तव्य और भाषण देते हैं। वो आज आप देख रहे हैं कि देश के विभिन्न भागों में, जहाँ गैर बीजेपी सरकारें हैं, किस प्रकार से ईडी का, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके उन्हें अस्थिर कर रहे हैं, उन्हें अपदस्थ कर रहे हैं। आप सब लोग भलीभांति मेरे इस वक्तव्य का मतलब समझेंगे होंगे। स्वाभाविक है कि आज झारखंड के परिपेक्ष्य में झारखंड की सरकार को लेकर पिछले दिनों आप सबने देखा कि कल कुछ विधायकों को कोलकाता में भारी कैश के साथ वहाँ की पुलिस ने इंटरसेप्ट किया, पकड़ा। विशेष रुप से आप सब जानते हैं कि झारखंड की इस चुनी हुई सरकार को पिछले दो सालों से एक जैसा प्रयत्न शुरु है कि उसको किसी प्रकार से अस्थिर किया जाए, उसे कमजोर किया जाए, वहाँ पर सत्ता परिवर्तन किया जाए और इसके चलते हुए समय-समय पर वहाँ के विधायकों से संपर्क साध कर उन्हें आतंकित कर, उन्हें लोभ लुभावन देकर ये कोशिश सतत चालू रही है। इससे चंद महीनों पहले कुछ विधायकों के साथ संपर्क करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ एक एफआईआर रांची में दर्ज की गई थी, जिसका केस अभी भी शुरु है। लेकिन उसे भी नजर अंदाज करके जिस प्रकार से कोशिश हर विधायक और इस कोशिश में मैं आपको बता दूं कि बहुत ही ऊंचे पद पर एक राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं माननीय विधायकों से सीधा संपर्क कर रहे हैं। केंद्र के मंत्री उन्हें आतंकित और धमकाने का प्रयत्न कर रहे हैं। हमारे लॉ विभाग की जिम्मेदारी हमारे जिन मंत्रियों पर है, जिन अधिकारियों पर है, वो हमारे एमएलए को डराने की, धमकाने की, ईडी की धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं और इन सभी चीजों के चलते हुए साथियों, पिछले दिनों आपने देखा महाराष्ट्र में क्या हुआ, ईडी का पूर्ण दुरुपयोग करते हुए महाराष्ट्र में एक सत्ता परिवर्तन किया गया। आज 31 दिन पूरे होने जा रहे हैं, आज तक वहाँ का मंत्रीमंडल क्यों नहीं बन पाया? स्पष्ट है कि जिस असंवैधानिक तरीके से, गलत तरीके से वहाँ पर सरकार बदली गई, आज के वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री स्वयं इस चीज को लेकर चिंता में हैं कि अगर मंत्रिमंडल घोषित किया गया तो शायद हफ्ताभर भी नहीं टिक पाएगा।
पिछले दिनों आपने देखा कि मध्यप्रदेश में इसी प्रकार से चुनकर हुई सरकार को अपदस्थ किया गया। छत्तीसगढ़ में पिछले कई महीनों से इंकम टैक्स, ईडी की सतत एक जैसी टीम बैठा रखी है कि किसी तरह से वहाँ की सरकार को परेशान किया जाए और वहाँ के विधायकों को आतंकित किया जाए और वहाँ की सरकार को अस्थिर किया जाए। राजस्थान में किस प्रकार से नंगा नाच हुआ, आप सबने देखा। एड़ी-चोटी लगा दी भारतीय जनता पार्टी ने। ये तो वहाँ के विधायकों को मैं धन्यवाद देता हूं कि जिन्होंने अपने ईमान को सुरक्षित रखा और उनकी इस योजना को विफल किया। गोवा में क्या हुआ, कर्नाटक में क्या हुआ, अरुणाचल में क्या हुआ, मणिपुर में क्या हुआ, जिस ओर आप नजर डालें इस चीज को देखने में आश्चर्य होता है कि इन 8 सालों में जो रिकॉर्ड बनाया गया है और वो और ऊंचाई पर पहुंच रहा है, जहाँ पर लोकतंत्र के नाम पर, संविधान के नाम पर ना ही सिर्फ मखौल उड़ाया जा रहा है, लेकिन जनता के इस विश्वास को, जिस लोकतंत्र प्रणाली के चलते हुए चुनाव प्रणाली पर विश्वास रखकर इस देश की जनता जिस सरकार को चुनकर देती है, मानो आज के वर्तमान सरकार ने पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में ये कसम खा रखी है कि संविधान और लोकतंत्र, परंपराएं, मूल्य, लोगों की भावना सब एक तरफ हो। सिर्फ एन-केन-प्रकारेण गैर भाजपाई सरकारों को अपदस्थ करके भारतीय जनता पार्टी की सरकार को स्थापित किया जाए। लानत है उन विधायकों पर, जो बिकते हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा लानत उन लोगों पर है जो इन विधायकों को, इन लोगों को खरीदने की कोशिश करते हैं, खरीदने का प्रयास करते हैं। अगर पैसों से नहीं, तो उसे भावनात्मक तरीके से आतंकित करके अपना दल छोड़ने के लिए मजबूर करने का प्रयत्न करते हैं। निश्चित रुप से जिन विधायकों ने ये कृत्य किया है, पार्टी उन पर सख्त से सख्त कदम उठाएगी। लेकिन साथ ही साथ ये सबक होगा देश के उन तमाम विधायकों के लिए कि अपने जमीर को, अपनी आत्मा को, लोगों के विश्वास को, जो उन्होंने बड़ी आशा और उम्मीद के साथ आप पर रखा है, कृपा करके उसकी सुरक्षा करने का सबसे बड़ा दायित्व आज के वर्तमान के परिपेक्ष्य में जिस प्रकार की राजनीति चल रही है, वहाँ पर आज के चुने हुए इन विधायकों का है। मैं विशेष रुप से आपसे कहना चाहूंगा कि जिस प्रकार की राजनीति चल रही है, उसके चलते हुए अगर लोगों का विश्वास प्रजातंत्र, चुनाव तंत्र से अगर उठ गया और अगर ये विश्वास बैठ गया कि भले लोग किसी को भी चुनकर दें, लेकिन धन का, बल का, सत्ता का, संवैधानिक संस्थाओं का लाभ उठाकर सरकार तो हम ही बनाएंगे, ये जो अटूट विश्वास और दृढ़ होता जा रहा है, उस विश्वास को और उस अंधी दौड़ को लोकतंत्र के हित में, लोकतंत्र की मजबूती के लिए और आने वाले समय में अगली पीढ़ी के लिए हम सबको मिलकर रोकना होगा।
मैं आज इस मंच से, कांग्रेस अध्यक्षा ने कल जो हमारे तीन विधायक इस कृत्य में और पार्टी के अंदर लोगों को गुमराह करने में जो कोशिश में जो संलिप्त थे, उनको पार्टी से तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ये घोषणा आज इस मंच से मैं कर रहा हूं। आने वाले दिनों में जो भी ऐसे कोई चाहे जनप्रतिनिधि हो, पार्टी का कोई जिम्मेदार पदाधिकारी हो या कोई कार्यकर्ता हो, हर एक की जानकारी समय-समय की है और जो कोई भी इससे जुड़ा हुआ या इसमें लिप्त पाया जाता है, पार्टी उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी। एक प्रश्न के उत्तर में अविनाश पांडे ने कहा कि सस्पेंडड, लेकिन आने वाले समय में अगर ये कानूनी तौर पर ये प्रावधान रहा तो इस प्रकार के कृत्य करने वाले एमएलए को निश्चित रुप से कोशिश ये रहेगी कि उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। एक अन्य प्रश्न पर कि ये जो पैसा मिला है, ये पार्टी क्या मान रही है, पांडे ने कहा कि देखिए, जो गतिविधियां चल रही थी, उसकी जानकारी भली भांति वहाँ की सरकार को भी है और पार्टी के एक प्रभारी के नाते वहाँ पर तीन दिन मैं वहाँ था। गतिविधियों पर तीन दिन से पूर्ण रुप से नजर रखी जा रही थी। आप सब जानते हैं कि पिछले सात दिनों से दिल्ली में विशेष रुप से असम के मुख्यमंत्री यहाँ पर बैठ कर जो दौरा कर रहे थे, उसमें किन-किन लोगों ने उनके साथ मुलाकात की, किन-किन लोगों की उनके साथ क्या बातें हुई, किससे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई, हर चीज का रिकॉर्ड है, समय आने पर उन सभी चीजों को विस्तार से रखा जाएगा। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पांडे ने कहा कि देखिए, भ्रमित करने के लिए कुछ लोगों को जो हमेशा से आपने देखा होगा पिछले जितने भी देश के राज्यों में अब तो आम हो गया है चाहे वो मध्यप्रदेश हो, गोवा हो, गुजरात हो, कर्नाटक हो, राजस्थान हो, कुछ लोगों को पहले पकड़ कर और भ्रमित करने का जो प्रयत्न किया जाता है, लुभान्वित करने का प्रयत्न किया जाता है, इस प्रकिया का, इसमें स्क्रिप्ट लिखी गई है। आज मुकाबला है कि इन विचारों के खिलाफ में वाकई में पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ में बिना सत्ता की परवाह किए क्या हम इन ताकतों का मुकाबला कर सकते हैं, ये चुनौती उसकी है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पांडे ने कहा कि देखिए, मैंने वही चीज कही कि हास्यास्पद उल्टा चोर ये पूछे पुलिस की कि बताइए मेरे पास ये पैसा कहाँ से आया, तो ये उचित नहीं है। ये तो वही बात है कि जहाँ पर बड़ी-बड़ी बातें करके पब्लिक प्लेटफार्म में, मीडिया में, बड़े-बड़े विचारों का, बड़े-बड़े मूल्यों की रोज बातें हम सुनते हैं। कभी आपकी बात, कभी मन की बात, कभी उसकी बात, ये असली चेहरा, कम से कम उसको हम ना नकारें, जो सामने दिख रहा है। तो इस प्रकार के प्रश्न कल मैंने सुबह देखा कि कुछ वही लोग इसमें लिप्त हैं, वो पूछ रहे हैं और जिन लोगों के साथ में उठना, बैठना, खाना पिछले कुछ महीनों से सतत शुरु है, भाईचारे की कसम उन्हें दी है और उन्हीं विधायकों पर आरोप लगा रहे हैं कि आप बताइए पैसा कहाँ से आया। तो ये सब उसी का भाग है, तो हम सब लोगों को चौकन्ना रहना होगा।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पांडे ने कहा कि महाराष्ट्र के मोहन प्रकाश गए थे, लेकिन मैं स्वयं झारखंड में था। इस बारे में काफी गहराई के साथ कौन से विधायक थे, कौन से मंत्री थे, कौन से कांग्रेस के कार्यकर्ता थे, जो इन सब चीजों में लिप्त थे, उनकी जानकारी है। कांग्रेस अध्यक्षा को इसके बारे में, मैं कल ही यहाँ वापस आया हूं, रिपोर्ट दी जाएगी। लेकिन मैं एक चीज सुनिश्चित कर दूं कल मैं इस चीज को बड़े स्पष्ट रुप से कहकर आया हूं और आपने पूछा कि क्या ये तीन लिप्त थे, हाँ इन तीन के बारे में मैं निश्चित रुप से कहता हूं कि ये तीन ही इसमें इंस्ट्रूमेंटल थे और लोगों को भ्रमित करने में और लोगों को इस दिशा में गलत-गलत तरीके से उन्हें डराने में, धमकाने में, लोभ देने में इनका भी हाथ था। परंतु इसमें सिर्फ यही बात नहीं हैं, there are some other issues also which I think, in my final report, I will be submitting to Congress President.
एक अन्य प्रश्न पर कि आप किस आधार पर कह रहे हैं कि वो पैसा सरकार को डिस्टर्ब करने के लिए था, कांग्रेस के साथ ही ऐसा क्यों होता है? श्री पांडे ने कहा कि हर बार कांग्रेस के साथ क्यों होता है, इसका जवाब तो मेरे ख्याल से आपको भारतीय जनता पार्टी के उन नेताओं से पूछना पड़ेगा कि क्यों होता है, क्या वो कांग्रेस से इतने आतंकित और डरे हुए हैं और वो महसूस करते हैं कि उनका भांडा या उनकी सत्ता को अगर सही रुप में कोई उजागर कर सकता है, तो वो कांग्रेस है, तो निश्चित रुप से कांग्रेस पर उनका निशाना स्वाभाविक है। रही बात दूसरी कि क्यों होता है – पूरे देश में आप भी जानते हैं कि किस प्रकार से ईडी का, संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग किया जा रहा है और सिर्फ पैसा ही अकेला नहीं, लेकिन एन-केन-प्रकारेण हर प्रकार से घेरने की कोशिश की जा रही है और ये मैंने शुरुआत से ही कहा कि ये लोकतंत्र में बहुत ही एक काला अध्याय है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में पांडे ने कहा कि देखिए मैं बाकी विधायकों का नाम अभी लेना नहीं चाहूंगा, क्योंकि ये अनुचित होगा, लेकिन इतना मैं कह दूं कि जो-जो भी इस पूरी प्रक्रिया में जुड़े हुए हैं, संपर्क में हैं, लेकिन बता दूं कि अधिकांश पार्टी के विधायक एक हैं, कुछ लोगों पर सिर्फ लांछन लगाया जा रहा है, लेकिन जो लोग इसमें लिप्त नहीं है, उनका पार्टी सम्मान करती है, उनके भविष्य में राजनीति में उनका जो भी इंट्रेस्ट हैं, उनका पूरा ध्यान रखेंगे, उनको मजबूती देंगे। लेकिन जो इस विधायक दल को कमजोर करने में प्रयत्नशील हैं, उन सबकी जानकारी पार्टी के नेतृत्व के पास में है और उचित समय पर उसकी कार्यवाही की जाएगी। एक चीज मैं बता दूं कि सरकार को किसी प्रकार का खतरा नहीं, सरकार पूर्ण रुप से सुरक्षित है, स्थिर है और मिलकर इस प्रकार की जो कोई भी कोशिशें होंगी, उसको मिलकर सरकार गठबंधन के सभी विधायक एकजुट होकर इस प्रकार की ब्लैक शीप, ऐसे कुछ लोगों को छोड़ दें, लेकिन पूरी सरकार एक है और सरकार अपना पूरा कार्यकाल पूरे विश्वास और जनता की सेवा में पूरा करेगी। पवन खेड़ा ने कहा कि इसको ऑपरेशन लोटस कहना बंद कर दीजिए, ये ऑपरेशन कीचड़ है, य़े कमल नहीं है। तो इसका नाम आज रविवार को बदल दीजिए, इसका नाम मीडिया में आज ऑपरेशन कीचड़ बोला कीजिए।