अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आज एक निदेशक को 93.31 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में गुजरात से अरेस्ट किया हैं। अरेस्ट किए गए आरोपितों का नाम मृगेश भास्कर भैरदेवराय हैं। इस आरोपित को पीएस आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली में प्राथमिकी संख्या 125/2020, दिनांक 10/09/2020, भारतीय दंड सहिंता की धारा 406/409/120B आईपीसी में अरेस्ट किया गया हैं।
पुलिस के मुताबिक सुश्री राधिकापुरी और स्वर्गीय अमृत सागर पुरी (दोनों वरिष्ठ नागरिकों) ने आरोप लगाया कि आरोपी कंपनी बीआरएच वेल्थ क्रिएटर्स (पहले बीएमए वेल्थ क्रिएटर्स, एक कोलकाता आधारित ट्रेडिंग कंपनी) ने अपने निदेशकों के माध्यम से अपने शेयरों को अनधिकृत तरीके से अपने शेयरों का वचन देकर शिकायतकर्ताओं के शेयरों और खातों के शेष को 3.5 करोड़ रुपये में दुवनियोजन किया । 2019 में उनकी सहमति के बिना अपनी शेष राशि हड़प ली । एसईबीआई ने सेबी के परिपत्रों और विनियमों का उल्लंघन करने के लिए कंपनी बीएमए/बीएमएच के खिलाफ 02 जनवरी, 2020 के पुष्टित्मक आदेश को भी पारित किया और पाया कि बीएमए द्वारा लगभग 93.31 करोड़ रुपये मूल्य के ग्राहकों की प्रतिभूतियों का दुवयोजित किया गया था ।सेबी ने कंपनी के प्रतिभूति बाजार में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है और उसकी संपत्ति जब्त कर ली है।
जांच:
जांच के दौरान, सबसे पहले शेयरों के अवैध वचन की उक्त श्रृंखला का पता भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड, सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक के उत्तरों के माध्यम से लगाया गया था ।एचडीएफसी बैंक ने इस बात की पुष्टि की कि बीआरएच ने ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए अनुरोध के साथ बैंक से संपर्क किया था । उस समय BRH प्रतिभूतियों प्रतिज्ञा करने की पेशकश की सुविधा के लिए जमानत के रूप में और वास्तव में ओवरड्राफ्ट अनुरोध पत्र के तहत अपनी घोषणा में स्पष्ट रूप से और स्पष्ट रूप से प्रतिनिधित्व किया और बैंक को घोषणा की कि प्रतिभूतियों का वादा किया जा रहा है बीआरएच द्वारा उसके नाम पर निरपेक्ष मालिक के रूप में आयोजित किया गया था और किसी अंय प्रत्ययी क्षमता में नहीं ।कोर्ट ने कंपनी के निदेशकों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू का आदेश जारी किया।
कार्यप्रणाली:
कंपनी के निदेशकों ने कई निवेशकों की प्रतिभूतियों को अवैध रूप से मिलाया और बैंक को तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि कंपनी गिरवी ली गई प्रतिभूतियों की लाभकारी मालिक है ।बाद में जमानत के खिलाफ फंड का इस्तेमाल उनके निजी इस्तेमाल के लिए किया गया ।
गिरफ्तारी:
आरोपी निदेशक को वडोदरा से गिरफ्तार किया, गुजरात प्राथमिकी संख्या 125/2020, दिनांक 10/09/2020, भारतीय दंड सहिंता की धारा 406/409/ 120B आईपीसी, पीएस आर्थिक अपराध शाखा। मोहम्मद अली, डीसीपी/ईओडब्ल्यू और निकट पर्यवेक्षण के तहत ।आरोपी व्यक्ति को पकड़ने के लिए कोलकत्ता के एसआई रितेश राज, एसआई रामकेश और सीटी अनुजकुमार को मिलाकर एक टीम गठित की गई और उसकी गहन तलाशी ली गई।
आरोपी व्यक्ति:
आरोपी कंपनी के सभी कार्यालय और आवासीय पते बंद पाए गए।इसके बाद सर्विलांस के जरिए यह पाया गया कि एक डायरेक्टर वडोदरा भाग गया है और एक अन्य टीम का गठन इंएसपीगनपति महाराज और एएसआई शेदू की देखरेख में किया गया और वडोदरा भेजा गया।फिजिकल रेक, हॉट चेस और सर्विलांस के बाद आरोपी को वडोदरा से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी का प्रोफाइल:
आरोपी मृगेश भास्कर भैरदेवराय निवासी 4सी, कुमुदिनी अपार्टमेंट, चौथी मंजिल, 1 डोवर लेन, पीओ गरियाहाट, कोलकाता-700029, 40 साल से एमबीए की पढ़ाई कर रहा था और पिछले सात साल से इसी कंपनी की सेवा कर रहा था। बाद में उन्हें इसके निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया ।
जनता में सामान्य जागरूकता के लिए संदेश:
एक स्मार्ट स्टॉक व्यापारी बनें, व्यापार से पहले उचित उपाय करें। सेबी के दिशा-निर्देशों का पालन करने वाली कंपनियों के साथ निवेश करें। हस्ताक्षर करने और दलाल को अधिकार देने से पहले हमेशा आवेदन फॉर्म, पावर ऑफ अटॉर्नी की सामग्री पढ़ें।अपने दैनिक लेनदेन सारांश का विवरण के लिए पूछें और ध्यान से जांच जाओ ।यदि कोई संदेह है तो आवाज उठाते हैं।