गुरुग्राम से दिल्लीतक फैला द्वारका एक्सप्रेस-वे को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाता है। इसका निर्माण बेहतर तरीके से हो, इसके लिए वह न केवल कई बार समीक्षा कर चुके हैं बल्कि इलाके का दौरा भी कर चुके हैं। इसी महीने चार मार्च को उन्होंने गुरुग्राम से लेकर दिल्ली तक दौरा किया था। उस दौरान एनएचएआइ के अधिकारियों ने बेहतर तरीके से निर्माण कार्य किए जाने के दावे किए थे। कुछ ही दिनों के भीतर उनके दावों की कलई उतर गई। इससे पहले जनवरी महीने के दौरान भी स्लैब बनाने के लिए सेगमेंट डालने के दौरान लांचर का तार टूट गया था, हालांकि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर दिल्ली इलाके में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चल रहा है। इस के निर्माण पर लगभग 9000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका 18.9 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में जबकि बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में पड़ता है। 23 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड जबकि लगभग चार किलोमीटर हिस्सा भूमिगत (टनल) बनाया जा रहा है। एलिवेटेड हिस्से में आठ लेन का फ्लाईओवर सिगल पियर पर देश में पहली बार बनाया जा रहा है। द्वारका एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ छह लेन की सर्विस लेन भी बनाई जाएगी। इस साल के अंत तक गुरुग्राम वाले हिस्से का, जबकि अगले साल अगस्त से सितंबर तक दिल्ली वाले हिस्से का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेस-वे से पालम एयरपोर्ट तक जाने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबाई की सुरंग बनाने के ऊपर भी जोर दिया जा रहा है।
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