अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दास्ता मकोड़ा गांव में जमीन पर कब्जा लेने मंगलवार सुबह पहुंचा लेकिन ग्रामीणों ने कब्जा नहीं लेने दिया। किसानों ने प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी भी की। इससे पहले मकोड़ा गांववासियो रविवार को पंचायत कर फैसला लिया था, कि किसी भी सूरत में विकास प्राधिकरण को जमीन नहीं देंगे।
मकोड़ा गांव में किसानों ने जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का दास्ता के खिलाफ नारेबाजी की और कब्जा नहीं लेने दिया। ग्रामीणों का कहना कि मकौड़ा गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष- 2008 में जिला प्रशासन ने अवैधानिक तरीक़े से एर्जेंसी क्लोज लगाकर किया था। इस गांव में वर्ष 2008 में करीब ढाई सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण की थी किसानों को 850 रुपए प्रति वर्ग मीटर से मुआवजा दिया गया था, लेकिन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ एक किसान राधेश्याम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। 15 अप्रैल 2011 को हाईकोर्ट ने अधिग्रहण रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि ये सारी अधिग्रहण प्रक्रिया अंसवैधानिक और अवैध है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के नाम हटाकर ग्रामवसियों के नाम खतौनी में दर्ज कर दिए गए थे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस गांव की जमीन पर करीब 2000 फ्लैट और आवासीय सेक्टर के प्लॉट आवंटित कर चुका था। प्राधिकरण ने कई बार किसानों के साथ समझौता करने का प्रयास किया। अन्य 39 गांवों के किसानों की तरह 64 प्रतिशत द्वारा बढ़ाकर मुआवजा देने और 10 फ़ीसदी आबादी प्लॉट देने का प्रस्ताव भी दिया लेकिन किसान नहीं माने। हाल ही में 10 नवंबर को जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया अवार्ड घोषित कर दिया और प्राधिकरण अफसर भारी पुलिस बल लेकर जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे थे। लेकिन इसकी भनक ग्रामीणों को लग गई और वह भारी संख्या में गोल चक्कर पर इकट्ठा हो गए और प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।