अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दो बच्चों की हत्या कर खुद भी मेट्रो ट्रेन के आगे कूदकर जान देने वाले मधुर मलानी का परिवार भीषण आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। परिवार की स्थिति ऐसी थी कि उन्हें एक-एक दिन के खर्चे के लिए सोचना पड़ रहा था। मधुर ने कुछ साल पूर्व अपने एक रिश्तेदार के साथ मिलकर फैक्ट्री खोली थी। लेकिन घाटा हो जाने के कारण फैक्ट्री बंद करनी पड़ी थी। इसके बाद बेरोजगारी के कारण मधुर के सामने परिवार के भरण पोषण का बड़ा सवाल खड़ा हो गया था। इससे वह अवसाद में चले गए थे।
पुलिस के अनुसार, जांच में पता चला है कि मधुर करीब सात आठ माह पूर्व ही शालीमार बाग के बीजी ब्लॉक स्थित फ्लैट में किराए पर रहने के लिए आए थे। जिसका किराया तीस हजार रुपये महीने था। इसके पूर्व यह परिवार शालीमार बाग के ही एबी ब्लॉक में किराए पर रहता था। उनके दोनों बच्चे एक नामी स्कूल में पढ़ते थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि मधुर की बेटी समीक्षा की सोमवार को फीस जमा होनी थी। यह फीस सोमवार को ही जमा होनी थी। लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। इसे लेकर पति पत्नी के बीच झगड़ा भी हुआ था। लेकिन, किसी को यह अंदाजा नहीं था कि मधुर ऐसी दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम देकर खुद भी मौत को गले लगा लेंगे।
फैक्ट्री बंद होने के कारण मधुर कर्ज में भी डूब गए थे। बताया जाता है कि आर्थिक तंगी के कारण रिश्तेदार उन्हें मदद किया करते थे। कभी रुपाली को अपने मायके वालों से आर्थिक मदद मिल जाती थी तो कभी मधुर के रिश्तेदार, जानकार मदद कर दिया करते थे। रिश्तेदारों व दोस्तों की मदद से मधुर के परिवार की गाड़ी जैसे-तैसे चल रही थी। घटना के बाद उनके स्वजन भी बेहद सदमे हैं। पति व दोनों बच्चों को एक ही झटके में खोने वाली रुपाली के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है।