अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा सरकार ने जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के माध्यम से ब्रांड नाम‘‘हरियाणा फ्रेश’’ के तहत बोतलबंद मिनरल पेयजल के विनिर्माण हेतू एक मिनरल वाटर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, महाग्राम योजना के तहत पहली ग्रामीण सीवरेज प्रणाली का उद्घाटन आगामी 15 अगस्त, 2020 को फरीदाबाद के ग्राम सोताई में किया जाएगा। ये निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड की 53वीं बैठक में लिए गए। महोहर लाल ने विभाग के अधिकारियों को इस संयंत्र की स्थापना के लिए तौर-तरीकों व साधनों के बारे में जानकारी देने के भी निर्देश दिए। प्रारंभ में, इस संयंत्र से बोतलबंद मिनरल वाटर सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में, छात्रों को स्वच्छ और ताजा पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में मिनरल वाटर रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पीने के पानी के अलावा राज्य के सभी जिलों में एक व्यापक परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी, जहां पर न केवल पीने के पानी की जांच होगी बल्कि अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जाँच की जाएगी। मनोहर लाल ने कहा कि लोगों को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतू विभाग द्वारा बनाई गई विस्तृत योजना की भी जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का कुल परिव्यय 3676.10 करोड़ रूपए है। नई जल आपूर्ति,सीवरेज और स्टार्म वाटर निकासी के बुनियादी ढांचे के निर्माण और वृद्धि के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 1563.34 करोड़ रूपए की राशि निर्धारित की गई है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति व सीवरेज में सुधार तथा स्टार्म वाटर प्रणाली प्रदान करने के लिए 405.26 करोड़ रूपए की राशि निर्धारित की गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति में सुधार और सीवरेज प्रणाली प्रदान करने हेतू 1044.25 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। बैठक में, बोर्ड ने 5185 चालू योजनाओं और 595 नई योजनाओं के लिए धन राशि आवंटित करने के अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाओं, सीवरेज प्रणाली में सुधार और शहरी क्षेत्रों में स्टार्म वाटर निकासी सुविधाओं के लिए 1313.84 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। बैठक में यह भी बताया गया कि अब तक, राज्य में लगभग 30.73 लाख ग्रामीण परिवारों में से, 23.73 लाख परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किए गए हैं, जबकि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 के दौरान 7 लाख घरों में एफएचटीसी प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 4.18 लाख परिवारों को पहले ही एफएचटीसी प्रदान किया जा चुका है। हरियाणा वर्ष 2024 के राष्ट्रीय लक्ष्य से पहले वर्ष 2022 तक एफएचटीसी के साथ शत-प्रतिशत पात्र ग्रामीण परिवारों को कवर करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। केंद्रीय योजना के तहत 265 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
बैठक में मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने वर्तमान में चल रहे कार्यों के लिए एक प्रभावी ऑनलाइन निगरानी तंत्र स्थापित किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित समयसीमा के अनुसार पूरे हों। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में 2,846 योजनाओं और शहरी क्षेत्रों में 477 योजनाओं सहित 3,323 योजनाएं प्रगति पर हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रत्येक कार्य को प्रशासनिक स्वीकृति, टेंडर फ्लोटिंग, टेंडर अलॉटमेंट, कार्य की शुरुआत, कार्य पूरा होने और वित्तीय बंद होने की छह महत्वपूर्ण तिथियां के साथ सौंपा गया हैं। तदनुसार, नलकूप, नहर आधारित जल कार्य, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), बूस्टर चालू करने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि महाग्राम योजना के तहत, 129 गांवों का चयन सीवरेज प्रणाली बिछाने के लिए किया गया है। दस हजार से कम आबादी वाले गांवों में, सीवरेज प्रणाली बिछाने और पानी की आपूर्ति के उन्नयन के लिए गांव की ओर से खर्च वहन करने हेतू राज्य सरकार द्वारा सहमति दी गई है और ऐसे गांवों की व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर विचार किया जा रहा है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.सी. गुप्ता, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एन. रॉय, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, जन-स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव, श्रीमती आशिमा बराड़ और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।