अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को 20 मार्च की तड़के सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल के अंदर फांसी दे दी गई. सात साल बाद मिले इंसाफ के बाद निर्भया की मां के आंखे नम रही और उन्होंने कहा,’आज का दिन हमारे बच्चियों के नाम, हमारे महिलाओं के लिए. देर से ही लेकिन न्याय मिला.हमारे न्यायिक व्यवस्था, अदालतों को धन्यवाद. जिस केस में जिस तरह से एक-एक पिटिशन डाली गई. हमारे कानून की कमियां सामने आई और आज उसी संविधान पर सवाल उठ गया था. लेकिन एक बार फिर हमारा विश्वास हमारे देश के बच्चियों को इंसाफ मिला. हमारे बच्ची इस दुनिया में नहीं आने वाली, निर्भया को इंसाफ मिला, लेकिन आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे. आगे भी लड़ते रहेंगे कि ताकि आगे कोई निर्भया केस न हो.”
निर्भया की मां ने आगे कहा,इस फांसी के बाद हमारे बेटों को सिखाना पड़ेगा कि ऐसा करोगे तो ऐसा ही इंसाफ मिलेगा. मैंने अपनी बेटी को तस्वीर को सामने रखकर उससे मन ही मन बात की. आज का दिन कैसे बिताएंगी, इस सवाल पर निर्भया की मां ने कहा, नहीं ऐसा नहीं सोचा कि जश्न मनाएंगे या कुछ खुशी मनाएंगे. जिस बच्ची ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ा उसे आज इंसाफ मिला.बेटी को याद करने को लेकर निर्भया की मां ने कहा, मुझे अपनी बेटी पर गर्व है कि उसके नाम से देश ने सलाम किया. यह हमेशा दुख रहेगा कि आज वह होती तो डॉक्टर के नाम से पहचानी जाती, लेकिन अब मैं निर्भया के मां के नाम से जानी जाती हूं.मैं सभी परिवारों से कहना चाहूंगी कि अगर ऐसा कुछ होता है तो उसे सपोर्ट करें और उसके साथ दीजिए और उसे फांसी तक पहुंचाया जाए. हम जल्द ही एक पिटिशन डालेंगे, जो प्रक्रिया को सुधारने के लिए गुहार लगाएंगे.ताकि लोगों को इस कानूनी प्रक्रिया से गुजरना न पड़े. जिसमें एक साथ ही न्याय मिले.”