अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बार-बार मांग करने के बावजूद अब तक सरकार ने बुजुर्गों की पेंशन बहाल नहीं की है। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र और आय का बहाना बनाकर सरकार ने 5 लाख 14 हजार बुजुर्गों और बेसहारा लोगों की पेंशन काट दी। इनमें 4,76,000 बुजुर्ग और 38,000 बेसहारा बच्चे शामिल हैं। पहले से ही महंगाई, महामारी और मंदी की मार झेल रहे बेसहारा तबके को सरकार ने बड़ी चोट पहुंचाई है। कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से लेकर विधानसभा तक उठा चुकी है लेकिन सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
हुड्डा ने एक बार फिर सरकार से सभी लाभार्थियों की पेंशन बहाल करने की मांग उठाई। साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से सभी बुजुर्गों की पेंशन बहाल की जाएगी।
सभी बुजुर्गों को परिवार पहचान पत्र नहीं बल्कि पहले की तरह स्वघोषित आय के आधार पर बुजुर्ग सम्मान भत्ता दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार आने पर बुजुर्गों को रोज ₹200 यानी महीने के ₹6000 बुढ़ापा पेंशन दी जाएगी। एक बुजुर्ग दंपति को कांग्रेस सरकार हर महीने ₹12000 सम्मान भत्ते के तौर पर देगी। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार बनने पर बीजेपी द्वारा बंद की गई अन्य कल्याणकारी योजनाओं को भी फिर से शुरू किया जाएगा।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने दलित, पिछड़े व गरीबों को मिलने वाले सौ-सौ गज के प्लॉट व उनपर मकान बनाने के लिए अनुदान राशि की योजना को बंद कर दिया। कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से इस योजना को शुरू किया जाएगा। इसी तरह दलित, पिछड़े व गरीब छात्रों के वजीफा को भी फिर से बहाल किया जाएगा ताकि कोई भी विद्यार्थी आर्थिक कारणों के चलते शिक्षा से वंचित ना रहे।
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