अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली/चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि आज प्रदेश में भाजपा सरकार के घोटाले दिन-प्रतिदिन उजागर हो रहे है। नई दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा सरकार के एक मंत्री के दामाद पर कई हजार करोड़ रूपए के घोटाले में गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। दुष्यंत ने भाजपा सरकार से पूछते हुए कहा कि इसी तरह ओवरलोडिंग, एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति, रोडवेज में किलोमीटर स्कीम जैसे कई बड़े-बड़े घोटालों पर अब तक मुख्यमंत्री मनोहर लाल जनता को कारण क्यों नहीं बता रहे है। इस दौरान वरिष्ठ जेजेपी नेता ने नए मोटर व्हीकल कानून पर कड़ा एतराज जताते हुए हैरानी जताई कि क्या किसानों के नान ट्रांसपोर्ट व्हीकल ट्रैक्टर का 59 हजार, बाईक का 32 हजार का चालान करना जायज़ है। उन्होंने कहा कि इस तरह से भारी-भरकम जुर्माने लगाना सरकार की मंशा को दर्शाता है कि वे अर्थव्यवस्था में आई भारी मंदी की भरपाई आम जनता की जेब पर डाका डालकर पूरा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने नए मोटर व्हीकल कानून के बारे में जनता को जागरूक किए बिना ही उन पर नया कानून थोपने का काम किया है जिसमें अधिकतम चालानों के जुर्माने की रकम बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि इस तरह से सरकार द्वारा जनता पर दवाब बनाकर उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ डाला है जिसके परिणाम भी अब सामने आने लग गए है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है कि एक बाईक का मालिक भारी-भरकम जुर्माने से परेशान आकर अपनी बाईक को आग लगा रहा है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो कमेरे वर्ग के लोगों को सरकार बाईक से उतार कर साइकिल या पैदल चलने पर मजबूर कर देगी।
वहीं दुष्यंत चौटाला ने सोनीपत में सीएम की चुनावी रथ यात्रा के दौरान आत्मदाह की कोशिश करने वाले व्यक्ति की रोहतक पीजीआई में मौत होने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि इस घटना से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना असंवेदनशील चेहरा सबके सामने रखा है। उन्होंने कहा कि उस समय सामने जल रहे व्यक्ति को देखकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल उसे बचाने की बजाय तुरंत अपनी चुनावी रथ यात्रा को लेकर दुबक कर भाग गए। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि अब तक सरकार ने ना पीड़ित परिवार की पीड़ा जानने की कोशिश की और ना ही कोई संभव मदद करने की ओर कदम उठाए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस घटना के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्रदेश की प्रजा को लेकर कितने असंवेदनशील है और ‘हरियाणा एक हरियाणवी एक’ की बड़ी-बड़ी बाते करने वाले सीएम मनोहर लाल किस सोच के साथ प्रदेश को आगे लेकर जा रहे है वो सब जगजाहिर हो गया है।