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फरीदाबाद स्वास्थ्य हरियाणा

हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ लागू किया है, संस्थाओं द्वारा पालन नहीं करने पर होगी सख्त कार्रवाई।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मरीज,विशेष रूप से कोविड-19 मरीज, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है, में खतरनाक महामारी, म्यूकोर्मिकोसिस (जिसे काला कवक(ब्लैक फंगस)भी कहा जाता है) के संदिग्ध प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ लागू किया है, जिनका पालन नहीं करने पर दोषी व्यक्ति/संस्था के विरुद्ध महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, इन विनियमों या इन विनियमों के तहत जारी किए गए आदेशों की अवहेलना को किसी भी व्यक्ति / संस्था या संगठन द्वारा भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 188 के तहत किया गया दंडनीय अपराध माना जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति/संस्था या संगठन द्वारा इन नियमों के तहत जारी किसी भी आदेश या अधिसूचना की अवहेलना की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। आंतरिक चिकित्सा,नेत्र विज्ञान, ईएनटी और महामारीविद् विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे जो ऐसी अवज्ञा की समीक्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि यदि अवज्ञा सिद्ध होती है, तो संबंधित जिले के सिविल सर्जन द्वारा अधिसूचना के अनुसार किए गए अपराध/अनियमितता को दर्शाते हुए  ऐसे व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरुद्ध नोटिस जारी किया जाएगा। तत्पश्चात, नोटिस के विरूद्ध व्यक्ति/संस्था अथवा संगठन से प्राप्त उत्तर की उक्त जिला समिति द्वारा समीक्षा की जायेगी। यदि नोटिस की प्राप्ति के निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्राप्त नहीं होता है या यदि उत्तर समिति द्वारा असंतोषजनक पाया जाता है और यह पुष्टि की जाती है कि व्यक्ति / संस्था या संगठन ने नियमों की अवहेलना की है, तो संबंधित सिविल सर्जन द्वारा अपराधी व्यक्ति/संस्था या संगठन के विरूद्घ महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।विनियमों के संबंध में उन्होंने कहा कि इन विनियमों को ‘हरियाणा महामारी रोग (म्यूकोर्मिकोसिस) विनियम, 2021’ कहा जाएगा और ये प्रकाशन की तिथि से एक वर्ष के लिए वैध रहेगा। सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी) म्यूकोर्मिकोसिस की जांच, निदान एवं प्रबंधन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय/आईसीएमआर/राज्य सरकार द्वारा जारी और समय-समय पर संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करेंगी। विनियमों के अनुसार, सभी स्वास्थ्य सुविधाएं (सरकारी और निजी) संबंधित सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को म्यूकोर्मिकोसिस के प्रत्येक संदिग्ध या पुष्ट मामले की रिपोर्ट करेंगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के प्रबंधन के लिए कोई जानकारी या सामग्री प्रसारित या प्रचारित नहीं करेगा। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति/संस्था या संगठन स्वास्थ्य विभाग की पूर्व अनुमति के बिना म्यूकोर्मिकोसिस के लिए किसी भी प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक या किसी अन्य प्रकार के मीडिया का उपयोग नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं। यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं,जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लडऩे की क्षमता को कम करती हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे बीमारियों का शीघ्र उपचार करवाएंं, मधुमेह को नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों और एंटी-फंगल प्रोफिलैक्सिस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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