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अपराध फरीदाबाद हरियाणा

हरियाणा सरकार ने जिला पलवल के खाईका गांव के सरपंच इकबाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चण्डीगढ़: हरियाणा सरकार ने जिला पलवल के खाईका गांव के सरपंच इकबाल के खिलाफ  एक करोड़ 84 लाख रूपए के गबन के मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, संबंधित ग्राम सचिव के खिलाफ भी तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। यह जानकारी यहां मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने ई-आफिस, अंत्योदय सरल, सीएम विंडो,महिला सुरक्षा (ओएससी, पीओएसएच ),पीसीपीएनडीटी, एमटीपी और पोक्सो अधिनियम के क्रियान्वयन, कुपोषण व अनिमिया को कम करना, आंगनवाड़ी व प्ले-स्कूल में प्री-एजूकेशन तथा सक्षम हरियाणा जैसी योजनाओं की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करने के दौरान दी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यभर के जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त व अन्य संबंधित अधिकारी जुड़े थे।

सीएम विंडो

वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम-विंडों पर चरखी-दादरी के संबंध में आई एक शिकायत की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि बोंद-कलां (चरखी दादरी) की पूर्व सरपंच अनिता देवी और ग्राम सचिव रामबीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी ली जाए, क्योंकि लगभग 36 लाख रूपए के पंचायत फण्ड में वित्तीय घाटा उनके कार्यकाल में हुआ है और ये राशि पूर्व-सरपंच व ग्राम सचिव से वसूल की जाए। इसी प्रकार, फरीदाबाद में एक पब्लिक पार्क की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि पब्लिक पार्क में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए लगाए गए न्यायालय के स्टे को हटवाने के बारे में जल्द से जल्द कार्यवाही करें और पार्क को खाली करवाएं। इधर, फरीदाबाद नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर नियुक्तियों के दौरान हुई अनियमितताओं के बारे में आई शिकायत पर उन्हें बताया गया कि इस संबंध में लगभग एक करोड़ 54 लाख रूपए की राशि वसूल की जानी है जिसमें से केवल 67 लाख रूपए वसूल किए जा चुके हैं, इस पर, डॉ. राकेश गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में पूरी राशि वसूल की जाए और किसी भी प्रकार की लीपा-पोती नहीं होनी चाहिए। सीएम-विंडों पर गुरुग्राम में लाइसेंस्ड भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में आई एक शिकायत पर निर्देश देते हुए डॉ.गुप्ता ने जिला के संबंधित अधिकारियों से कहा कि इस शिकायत पर तुरंत कार्यवाही करें और किस प्रकार से लाइसेंस्ड भूमि पर 7 मंजिला भवन निर्मित हो गया, इसकी भी जांच करके उचित कार्यवाही करें। इसी तरह, झज्जर में तहसीलदार द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र में कई सेल-डीड करने के संबंध में आई शिकायत के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट तलब की जाएं और यदि इसमें कोई दोषी है तो सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। बैठक में पानीपत में चुनावों के दौरान 65 बोगस वोट के एक मामले में आई शिकायत के संबंध में परियोजना निदेशक को अवगत करवाया गया कि इस संबंध में एसआईटी गठित कर दी गई है और इस मामले की जांच हो रही है। इसी प्रकार, यमुनानगर की जगाधरी तहसील में स्ट्रक ऑफ़ कम्पनीज की सेल-डीड से संबंधित एक शिकायत के बारे में डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस मामले में जांच पूरी करें और दोषियों के खिलाफ दो सप्ताह के भीतर कार्यवाही  करें। इसके अलावा, उन्होंने अंबाला, भिवानी, चरखी-दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरूग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल, नारनौल, पलवल, पंचकूला, पानीपत, सिरसा, रेवाड़ी, सोनीपत, यमुनानगर से संबंधित शिकायतों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

ई-आफिस क्रियान्वयन

डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा है कि हमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विजन को साकार करते हुए सरकारी कार्यालयों में ई ऑफिस को मजबूत करते हुए फाइलों को पेपरलेस करना है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में,ई फ़ाइल और ई रसीद को लगभग 25,000 उपयोगकर्ताओं द्वारा 1,00,000 से अधिक ई फाइलों को और 5,00,000 से अधिक ई रसीद को डिजिटल रूप से 25,00,000 से अधिक बार आगे बढ़ाया गया है। वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान ई-आफिस की समीक्षा करते हुए डॉ. राकेश गुप्ता की उपस्थिति में राज्यभर के संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया कि जल्द ही ई- आफिस के संबंध में मैनुअल जारी किया जाएगा। इसी प्रकार, एफएक्यू डाक्यूमेंट वर्जन 2.0 को भी जारी किया जाएगा तथा एक ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यशाला हारट्रोन के माध्यम से आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, ई-आफिस के क्रियान्वयन को लेकर संबंधित अधिकारियों से गुप्ता ने बातचीत की और आ रही कठिनाईयों के बारे में जानकारी ली। इन कठिनाईयों को एक समय अवधि में निपटाने के निर्देश दिए ताकि पेपरलैस प्रणाली को जल्द से जल्द सफलता के साथ लागू किया जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोरोना काल के दौरान ई-आफिस काफी कारगर रहेगा, क्योंकि अब कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक फाइल पेपरलैस हो। उन्होंने बताया कि सभी फिल्ड अधिकारियों की सुविधा के लिए हाट्रोन ने केन्द्रीयकृत हैल्पलाईन नंबर 0172-2580092 के साथ-साथ तकनीकी खामियों को ठीक करने के लिए ई-आफिस पीएमयू ग्रुप भी संचालित किया है।

अंत्योदय सरल

बैठक में बताया गया कि 550 से अधिक सरकारी योजनाओं और सेवाओं को प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत किया गया है। हर महीने पोर्टल पर 5 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं। हर महीने आवेदनों पर नजऱ रखते हुए उनके निदान के लिए लगभग 20 लाख संदेश भेजे जाते हैं। अंत्योदय पोर्टल की हेल्पलाइन पर हर महीने औसत 1 लाख कॉल आती हैं। कुल मिलाकर, 3.5 करोड़ से अधिक आवेदनों का सरल पोर्टल के माध्यम से समाधान किया गया है। अंत्योदय सरल योजना की समीक्षा करते हुए परियोजना निदेशक ने कहा कि इस घटक में फतेहाबाद और पलवल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। तो वहीं, गुरूग्राम ने पिछले माह के मुकाबले इस माह में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसी प्रकार, उन्होंने पंचकूला, मेवात, झज्जर,सोनीपत, चरखी-दादरी, जिनके इस घटक में कम अंक हैं, को निर्देश देते हुए कहा कि वे इस योजना को पूर्णत: लागू करने की दिशा में और सुधार करें ताकि लोगों को समय पर सुविधाएं मिल सकें। इसी प्रकार, आरटीएस प्रदर्शन को भी 9 अंकों से ऊपर ले जाने की कोशिश करें।

महिला सुरक्षा (ओएससी, पीओएसएच)

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में महिलाओं की देखभाल व सुरक्षा के संबंध में डॉ. गुप्ता ने राज्यभर के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वनस्टोप सेंटर में फुटफॉल को बढाएं और महिलाओं के प्रति चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में उन्हें जागरूक करें ताकि वे सशक्त हो सकें। उन्होंने बताया कि महिलाओं को वनस्टोप सेंटर में चिकित्सा, एफआईआर दर्ज करवाने की सहायता, मनोचिकित्सा परामर्श, कानूनी परामर्श और शैल्टर इत्यादि सेवाएं मुहैया करवाई जाती हैं। इस योजना के अंतर्गत हरियाणा के सभी 22 जि़लों में 12,000 से अधिक ज़रूरतमंद महिलाओं को लाभ मिल चुका है। डॉ. गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों से उनके संबंधित जिला में वनस्टोप सेंटर बनाए जाने की प्रगति भी जानी और आवश्यक दिशानिर्देश दिए। इसी तरह, यौन उत्पीडऩ से बचाव के संबंध में बताया गया कि महिलाओं का यौन उत्पीडऩ (निवारण, निषेध एवं निदान) अधिनियम, 2013 (पीओएसएच) अधिनियम के तहत दो प्रकार की कमेटियों को गठन किया गया है जिसमें एक लोकल कम्पलेंट कमेटी और एक इंटरनल कम्पलेंट कमेटी होती है। डॉ. गुप्ता को अवगत कराया गया कि सभी जिलों ने अपनी-अपनी लोकल कम्पलेंट कमेटी का गठन कर लिया है जबकि महेन्द्रगढ, कुरूक्षेत्र और दादरी को छोडक़र सभी जिलों ने इंटरनल कम्पलेंट कमेटी का गठन भी कर लिया है।

पीसीपीएनडीटी, एमटीपी और पोक्सो अधिनियम का क्रियान्वयन

डॉ. गुप्ता ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ कार्यक्रम को आगे बढाते हुए कहा कि लिंगानुपात में सुधार करने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत हमें लिंगा नुपात की जांच के संबंध में लगातार छापेमारी जारी रखनी होगी। बैठक के दौरान उन्होंने सिरसा में लुधियाना के एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में जल्द से जल्द एफआईआर दर्ज करवाएं और उचित कार्यवाही करें। इसी प्रकार, हिसार के आईबीएफ से संबंधित एक शिकायत में डॉ. गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को लताड़ते हुए कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश बिल्कुल न की जाए, अन्यथा, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सोनीपत में शामली से संबंधित लिंगानुपात की जांच के एक मामले पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस मामले में शीघ्र ही कानूनी राय लेते हुए एफआईआर दर्ज करवाएं। इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए लगातार छापेमारी करते रहें।

कुपोषण व अनिमिया

हरियाणा के लोगों को शारीरिक रूप से तंदरूस्त बनाए जाने के संबंध में पोषण हरियाणा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए परियोजना निदेशक ने कहा कि राज्य में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उन्हें पोषित करने के लिए ‘पोषण हरियाणा’ योजना को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि कुपोषण से बीमारियों का खतरा बढऩा, विकलांगता का खतरा, असमर्थता, ऊर्जा की कमी और गंभीर मामलों में मृत्यु हो जाने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने विभिन्न जिलों के कार्यक्रम अधिकारियों व सीडीपीओ से वार्तालाप करते हुए कहा कि अपने-अपने जिले में एक खण्ड में कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उनके माता-पिता व अभिभावकों के साथ परामर्श करें और डाईट के संबंध में जानकारी सांझा करें। उन्होंने कहा कि बच्चों में से कुपोषण को दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी व कर्तव्य है, इसलिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन ईमानदारी से करना होगा ताकि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे। उन्होंने कहा कि हमें ही बच्चों को पोषणता की ओर ले जाना होगा और वे चाहते हैं कि पोषणता के मामले में हरियाणा देश के अग्रणी तीन राज्यों में शामिल हो।

आंगनबाड़ी व प्ले-स्कूल में प्री-एजूकेशन

समर्थ हरियाणा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए डॉ. गुप्ता ने बताया कि सरकारी और प्राईवेट क्षेत्रों में एकीकृत बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के माध्यम से पूर्व बचपन देखभाल व शिक्षा (ईसीसीई) के तहत 3 से 6 साल के बच्चों को कवर किया जाता है जिसमें फण्डामेंटल लर्निंग के साथ-साथ आंगनवाडी, प्री-स्कूल व बाल वाटिका में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि समर्थ हरियाणा कार्यक्रम के तहत फिजीकल, सामाजिक भावनाओं, भाषा और गणित जैसे गतिविधियों का लक्ष्य रखा गया हैं। उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि कोरोना काल बीत जाने के उपरांत आंगनवाडिय़ों में शत-प्रतिशत बच्चे सीखने के लिए आएं,क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल प्री-स्कूल शिक्षा को मजबूत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को समर्थ बनाने के साथ-साथ पोषित भी बनाना है, इस लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। इसी प्रकार, उन्होंने क्रेच में होने वाली गतिविधियों की भी समीक्षा की और आवश्यक दिशानिर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने सक्षम हरियाणा कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्यक्रम में अपनी-अपनी रैंकिंग में सुधार करें।

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