अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश पुलिस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है नित्य नए मामले सामने आने से जहां पुलिस की फजीहत हो रही है, वही उसकी छवि भी खराब हो रही है, गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट ने कई पुलिसकर्मियों को शिकायत पर की गई जांच में दोषी पाने के बाद सस्पेंड किया है. ताजा मामला है ग्रेटर नोएडा के दरोगा का जिसने कोतवाली प्रभारी को हनी ट्रैप में फसाने की कोशिश की, लेकिन जांच में झूठ सामने आ गया और दरोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
ग्रेटर नोएडा की एक कोतवाली में एक महिला ने कुछ दिन पहले अपने लिव-इन पार्टनर पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस दौरान महिला एक दरोगा के संपर्क में आ गई थी, दरोगा ने कोतवाली प्रभारी को फोन कर दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने की सिफारिश की थी, लेकिन कोतवाली प्रभारी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया, के बाद महिला ने कोतवाली प्रभारी को वीडियो कॉल करके बात की महिला ने कोतवाली प्रभारी से बात करते वक्त स्क्रीनशॉट ले लिया। दरोगा ने कोतवाली प्रभारी के हनीट्रैप में फंसाने स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस में हाइट में हड़कंप मच गया। मामला पुलिस के आला अधिकारी तक पहुंचा तो डीसीपी अभिषेक झा इस मामले की जांच एसीपी फर्स्ट को सौंपी जांच के दौरान कोतवाली प्रभारी का कहना था, कि वह महिला और दरोगा दोनों को नहीं जानते हैं। ये सही है कि महिला ने वीडियो कॉल करके मदद मांगी थी। इससे पहले कभी उनके पास महिला का फोन नहीं आया था। जांच के दौरान महिला ने कोतवाली प्रभारी पर लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया। इसके बाद आरोपी दरोगा मैनपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।आरोपी दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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