अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम :इंडिया बुल्स कंपनी के अधिकारी को बैंक के कमियों की शिकायत करने की धमकी देकर 10 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में एक वकील को थाना उघोग विहार ,फेस -5 पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। पुलिस की माने तो आज आरोपी वकील राममणि को अदालत के सम्मुख पेश करके, अगले 3 दिनों के पुलिस रिमांड पर लिया हैं. जहां पर आरोपी वकील से गहनता से पूछताछ की जाएगी।
एसएचओ देवेंद्र सिंह का कहना हैं कि बीते 4 जून 2019 को एक मुकदमा उनके थाने में इंडिया बुल्स कंपनी के चीफ मैनेजर अशोक सहरावत ने दर्ज करवाया था जिसमें भारतीय दंड सहिंता की धारा 384 ,464 ,465 506 आईपीसी को दर्शाया गया था। उनका कहना हैं कि उन्होनें अपने शिकायत में कहा था कि कम्पनी के रिसेप्शन के माध्यम से उनके पास एक फोन कॉल ट्रांसफर होकर आई और फोन पर बिना अपना नाम बताते हुए फोन करने वाले व्यक्ति ने इंडिया बुल्स कंपनी की विभिन्न प्रकार की शिकायतें और कमियां बताते हुए कहा कि तुम्हारी कंपनी के नाम व प्रतिष्ठा को मार्किट में बदनाम कर देगा, जिससे कंपनी को करोड़ो का नुकसान होगा। यदि तुम अपने कंपनी का नाम व प्रतिष्ठा को बचाना चाहते हो तो वह कंपनी के खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत नही करेगा,किन्तु उसके बदले में उन्हें 10 करोड़ देने होंगे। ये 10 करोड़ भी दो भागों में 5-5 करोड़ रुपए करके देने होंगे। पहले 5 करोड़ रूपए जब कंपनी का सीनियर अधिकारी उससे मिलेगा तो वह उनकों कम्पनी के खिलाफ जो शिकायत है उसे दिखाएगा उस समय 5 करोड़ देने होंगे।
उसके बाद वह सम्बंधित सरकारी विभागों में कम्पनी के खिलाफ जो शिकायतें दी हैं । इन शिकायतों को सभी सरकारी विभागों से वापस लेने के समय कम्पनी को उसे फिर से 5 करोड़ देने होंगे। उनका कहना हैं कि इस केस में उन्होनें ततपरता से कार्रवाई करते हुए एक आरोपी विकास शेखर को 7 जून को उनके कार्यालय प्लाट न. 448 ,451 ,उद्योग विहार,गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया जोकि इस वक़्त जेल में हैं। उनका कहना हैं कि इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए 27 जून को दूसरा आरोपी राममणि निवासी मकान न. 432 ,ब्लॉक एम् ,इंदिरापुरी, इलाहबाद हाल दिलशाह गार्डन ,मीडिया कालोनी ,दिल्ली उम्र 58 साल को गिरफ्तार किया हैं। उनका कहना हैं कि आज आरोपी वकील राममणि को अदालत के सम्मुख पेश करके अगले तीन दिनों के पुलिस रिमांड पर लिया गया हैं। जांच के दौरान मालूम हुआ कि कई शिकायतें इंडिया बुल्स कंपनी के खिलाफ सम्बंधित विभागों एंव अदालत डाले हुए थे वह भी फर्जी लोगों के नाम से।