अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बहुचर्चित मेहंदी व्यापारी अंकित की हत्या ऑडी कार लूटने के उद्देश्य से की गई थी, इस केस के मास्टरमाइंड शरद पांडेय को डीएलएफ क्राइम ब्रांच ने चार साल चार महीने के बाद गिरफ्तार किया हैं। यह खुलासा एसीपी क्राइम अनिल यादव ने आज सेक्टर-30 स्थित अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किए हैं। एसीपी क्राइम
अनिल यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 8 जून 2016 को मेहंदी व्यापारी अंकित ओल्ड फरीदाबाद स्थित अपने फैक्ट्री से रात तक़रीबन नौ बजे अपने गाडी में सवार होकर सेक्टर -16 स्थित अपने घर के गेट पर पहुंचे ही थे कि बाइक सवार दो बदमाशों ने उनके पेट में गोली मार दी थी, इसके बाद दोनों बदमाश अपने बाइक पर सवार होकर घटना स्थल से फरार हो गए।
इसके बाद अंकित ने लहूलुहान अवस्था में भागते हुए पहले गेट खोल कर अपने घर की तरफ पहुंचे जैसे ही वह घर का दरवाजा खोल कर अंदर घुसे और वह नीचे फर्श पर गिर गया। इसके बाद परिजन जल्दी से उसे लेकर नजदीक के मेट्रो अस्पताल में ईलाज हेतु ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस वारदात के कुछ अंश वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी पर यह वारदात रात के वक़्त घटित हुई थी इस वजह से उसका फुटेज बिल्कुल साफ़ नहीं था। उनका कहना हैं कि इस संबंध में सेंट्रल थाने में मुकदमा नंबर -327, दिनांक 9 जून 2016, भारतीय दंड सहिंता की धारा 302,34,120 व आर्म एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उनका कहना हैं कि ग्रीन फिल्ड कालोनी , सूरजकुंड इलाके में हुई एक हत्या के मामले में शरद पांडेय उर्फ़ काली गिरोह के सदस्य विजय फरमाना को मुकदमा नंबर -221/18 ,धारा 302 ,34 व आर्म एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार किया गया था। उसने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि मेहंदी व्यापारी अंकित की हत्या 8 जून 2016 को शरद पांडेय उर्फ़ काली गिरोह के मास्टर माइंड शरद पांडेय ने किया था और इस वक़्त वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।
उनका कहना हैं कि डीएलएफ क्राइम ब्रांच के इंचार्ज संजीव कुमार ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए शरद पांडेय को तिहाड़ जेल से प्रोडक्शन वारंट लेकर गिरफ्तार कर लिया। आज उसे पुलिस ने अदालत के सम्मुख पेश किया जहां से उसे 6 दिनों के पुलिस रिमांड पर लिया गया हैं। इस दौरान वारदात में इस्तेमाल की गई पिस्तौल , इनोवा गाडी व बाइक को बरामद किया जाएगा। सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि शुरूआती पूछताछ में आरोपी शरद पांडेय ने ऑडी कार लूटने के लिए अंकित से चाभी छीनने की कोशिश की पर अंकित ने उसे चाभी नहीं दी। इस दौरान दोनों के बीच हुई हाथापाई में आरोपी शरद पांडेय ने अंकित को गोली मार दी। जिससे अंकित की मौत हो गई । आपकों बतादें अंकित के हत्या के बाद पुलिस ने अलग -अलग कई टीमें बनाई थी और पुलिस की सभी टीमों ने अपने -अपने एंगलों से आरोपितों तक पहुंचने की कोशिश की पर पुलिस को निराशा ही हाथ लगा था। इस बीच पुलिस ने अंकित के कई रिश्तेदारों को भी शक के आधार पर हिरासत में ले कर गहनता से पूछताछ की थी.वावजूद इसके पुलिस के खाली थे। क्यूंकि उनके पास से पुलिस को एक भी सबूत नहीं मिला। इस केस के सुलझाने में जैसे जैसे बिलंब हो रही थी, पुलिस प्रशासन पर उतना ही व्यापारी संगठन व राजनितिक संगठन का दवाब बढ़ रहा था। आज पुलिस ने अंकित के हत्यारे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।