अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:हिम्मते मर्दा मददे खुदा, जी हां आपने यह कहावत जरूर सुनी होगी। बता दें कि यह कहावत फरीदाबाद में माँ पर सटीक साबित हुई है। गौरतलब है कि फरीदाबाद के 1 नंबर इलाके से एक माँ की गोद से 3 महीने की दुधमुंही बच्ची का दो महिलाओं और एक शख्स ने ऑटो से अपहरण कर लिया था। घटना के बाद मां ने इसकी शिकायत कोतवाली थाने में की थी लेकिन कोतवाली थाने के तत्कालीन एसएचओ ने इस मामले में खानापूर्ति करते हुए फाइल को बंद कर दिया था। लेकिन बच्ची की मां ने हिम्मत नहीं हारी और वह पूरे 5 साल तक फरीदाबाद के हर गली हर चौराहे में जाकर-जाकर अपहरणकर्ताओं को खोजती रही और आखिरकार गत 20 अक्टूबर को मां ने एक अपहरणकर्ता को पहचान लिया जिसकी सूचना उसने पुलिस को दी सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपित को अरेस्ट कर लिया और आरोपित की निशानदेही पर अन्य दो महिलाओं को अरेस्ट करते हुए बच्ची को भी सकुशल बरामद कर लिया है। बतादें कि जिस फाइल को पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए बंद कर दिया था उसी फाइल को खोलकर अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है और मां के हौसले को दाद देने की बजाय अब पुलिस आरोपितों को अरेस्ट कर अपनी ही पीठ थपथपा रही है।
पुलिस गिरफ्त में दिखाई दे रही है ये 2 महिलाएं वही है जिन्होंने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर एक नंबर इलाके से एक माँ की गोद से उसकी तीन महीने की बच्ची को छीन कर अपहरण कर लिया था और ऑटो में सवार होकर मौके से फरार हो गए थे। पीड़ित माँ की माने तो कुछ लोग ओल्ड फरीदाबाद में उसकी झुग्गी पर आए थे और उसे और उसकी बच्ची के लिए कुछ कपड़े देने की बात कह कर उसे बहला फुसलाकर एक नम्बर मार्किट लेकर आ गए थे लेकिन एक नम्बर पहुँचने के बाद आरोपितों ने घर पर ताला लगा होने की बात कहकर उसे अगले दिन आने के लिए बोला लेकिन जैसे ही वह कुछ दूर चली की आरोपितों ने उसकी बच्ची को उसकी गोद से छीन कर अपहरण कर लिया और ऑटो में सवार होकर फरार हो गए जिसकी शिकायत उसने थाना कोतवाली में की थी
लेकिन पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए उसे कहा कि उसकी बच्ची और ऑटो कहीं नहीं मिल रहे हैं वह अपनी बच्ची को खुद संभाले और उसकी फाइल को बंद कर दिया था। पीड़ित महिला शशिकला के मुताबिक वह कपड़ों के बदले बर्तन बेचने का काम करती है उसने 5 साल तक फरीदाबाद नहीं छोड़ा और वह गली-गली घर -घर जाकर अपने बच्चे और बच्ची के अपहरण कर्ताओं को खोजती रही उसे उम्मीद थी कि 1 दिन उसकी बच्ची और अपहरण कर्ता जरूर मिलेंगे और आखिर में वही हुआ गत 20 अक्टूबर को वह जब बल्लभगढ़ के ऊंचा गांव पहुंची तो उसने एक नाई की दुकान पर अपहरणकर्ता को देख लिया लेकिन वह चुप रही और उसने यह बात आकर थाना कोतवाली पुलिस को बताई ।
बच्ची की मां शशि कला के मुताबिक उसे 5 साल बाद उसकी बच्ची मिली है जिसके चलते वह काफी खुश है। शशिकला का कहना हैं कि बच्ची की तलाश में उसके लगभग तीन लाख रूपए खर्च हो गए उसके काम धंधे खत्म हो गए और गांव में उसके एक खट्टा जमीन थी, उसने भी बेच दिया, लोगों से उसने काफी कर्ज भी लिए,अब उसके पास कुछ नहीं बचा ,बसअब इतना सकून हैं मेरी बच्ची मुझे मिल गई, अब उसे थोड़े पैसों की मदद की जरुरत हैं जिससे वह दोनों पति -पत्नी फिर से अपना काम धंधा शुरू कर सकें। वहीं, थाना कोतवाली एसएचओ महेंद्र सिंह की माने तो बच्ची की मां शशिकला ने उन्हें गत 20 अक्टूबर को आ कर आरोपित के बारे में बताया था जिसके बाद पुलिस ने एक टीम बनाकर महिला शशिकला की निशानदेही पर आरोपित को अरेस्ट कर लिया और आरोपित उधम सिंह से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो आरोपित ने सारा का सारा राज उगल दिया। आरोपित उधम सिंह की निशानदेही पर अपहरणकर्ताओं और बच्चे को रखने वाली रेखा और अपहरण में सहयोग करने वाली कोमल को दिल्ली के मटियाला से अरेस्ट कर लिया है। पुलिस की कार्रवाई जारी हैं।
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