अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के सेक्टर-2 स्थित सिक्योरिटी और लॉजिस्टिक अमेरिकी कंपनी में हुई गार्ड की हत्या का खुलासा करते हुए सेक्टर-20 थाना पुलिस ने सीआरपी एफ के पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट और कम्पनी के पूर्व कर्मचारी को एक सूचना पर रजनीगंधा अंडरपास से गिरफ्तार किया है, आरोपी के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल हुई अवैध 32 बोर रिवाल्वर और 3 कारतूस जिंदा बरामद किया है। चोरी के इरादे कंपनी में घुसे आरोपी का कहना है मृतक गार्ड से हाथापाई के दौरान उसका नकाब खुल गया था और गार्ड ने उसे पहचान लिया था। इसलिए उसकी उसने हत्या कर दी थी।
पुलिस की गिरफ्त में डिस्टिक कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा,सीआरपीएफ के पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट और कम्पनी के पूर्व कर्मचारी अरुण गहलोत है। एडीसीपी रणविजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि अरुण गहलोत नजफगढ दिल्ली का निवासी है, वह 2003 में सीआरपीएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुआ, 2014 में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट त्यागपत्र देकर विभिन्न कंपनियों में सुरक्षा हैड के तौर पर काम करने लगा। सन् 2018 में ब्रिंक नामक कैश सोलूशन प्रोवाईडर कम्पनी में बतौर रीजनल सिक्योरिटी मैनेजर सितम्बर- 2020 तक काम किया। कम्पनी द्वारा कोविड के मद्देनजर छटनीं के दौरान अभियुक्त उपरोक्त को नौकरी से निकाल दिया जिसका अभियुक्त अरुण को काफी आघात लगा।
एडीसीपी का कहना है क्योंकि अरुण गहलोत ने कम्पनी में काम के दौरान काफी आर्थिक लाभ पहुंचाया गया था। इसी बात से परेशान अभियुक्त अरुण द्वारा साजिश रची गई कि कम्पनी को जो फायदा उसकी वजह से हुआ है। उसकी चोरी कर उसे हासिल करेगा। चूकी उसे कम्पनी की सिक्योरिटी के बारे में अच्छी तरह से पता था। चोरी के इरादे से अंदर घुस गया। कंपनी में बने कंट्रोल रुम में तैनात सुरक्षाकर्मी उत्तम केशरवानी ने उसको दीवार फांदकर अंदर आते हुए देख लिया और उसको दबोच लिया। इस दौरान कम्पनी के सिक्योरटी गार्ड के द्वारा पहचाने जाने के कारण अभियुक्त अरुण ने पकडे जाने के भय से गोली मार दी जिससे गार्ड उत्तम केशर वानी की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। इस बीच गार्ड और बदमाश संघर्ष और हत्या का सीसीटीवी फुटेज तेजी से वायरल हो गया था।