अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: नगर निगम में कार्यरत कार्यकारी अभियन्ता, पदम भूषण के साथ बल्लबगढ़ नगर निगम कार्यालय गेट पर स्थित चौकी के ईंचार्ज उमेश शर्मा द्वारा दुव्र्यवहार व गाली-गलौच करने के विरोध में आज म्युनिंस्पिल कॉरपोरेशन ईम्पलाईज फेडरेशन फरीदाबाद द्वारा नगर निगम मुख्यालय के गेट पर गेट मीटिंग का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता रमेश जागलान ने की। मंच संचालन उद्यान विभाग के महासचिव सुरजीत नागर ने किया।
आज के प्रदर्शन में नगर निगम के कार्यकारी अभियंता समेत सहायक अभियन्ता एवं कनिष्ठ अभियंताओं ने भी भाग लिया। फेडरेशन अध्यक्ष रमेश जागलान द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए पुलिस आयुक्त से अपील की है कि उमेश शर्मा, चौकी इंचार्ज को तुरन्त प्रभाव से निलंबित किया जाए और यह आश्वासन दिया जाए कि आगे कभी भी इस प्रकार की घटनाओं की पुर्नावृति ना हो, उन्होंने आयुक्त, नगर निगम से भी अपील की है कि पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर उमेश शर्मा, चौकी ईन्चार्ज को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने बारे कार्रवाई करे। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा और संगठन कडे से कडा कदम उठाने को मजबूर होगा। जिसमे हडताल जैसा कदम भी उठाया जा सकता है जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन व निगम प्रशासन की होगी। फेडरेशन के अध्यक्ष रमेश जागलान ने 22 जुलाई को टूल डाउन हड़ताल करने की घोषणा कीं।
आज के प्रदर्शन में फेडरेशन के उप-प्रधान शाहाबीर खान, महासचिव दशरथ, कार्यालय कर्मचारी यूनियन प्रधान नरेश बैंसला, राजपाल तेवतिया, कार्यकारी अभियन्ता ओपी कर्दम, अमरजीत बिसला, सहायक अभियन्ता करतार दलाल, विनोद कुमार, अमित चौधरी, कनिष्ठ अभियन्ता, प्रमोद पचैरी, मैकेनिकल यूनियन के प्रधान अतर सिंह भड़ाना, महासचिव प्रमोद रोहिल्ला, रामवीर गुर्जर, कर्मचन्द बद्येल, उत्तम सिंह राधव, सीता राम शर्मा, ड्राइवर यूनियन के प्रधान नेत्रपाल शर्मा, सुखपाल, मेघ सिंह भडाना, उद्यान विभाग राम विहारी, धीर सिंह, कर्ण सिंह, महिला नेत्री श्यामवती , रमेश चन्द पहलवान और जोगिंदर सिंह पहलवान आदि ने संबोधित किया। बस अड्डा चौकी इंचार्ज उमेश शर्मा का इस मामले में कहना हैं कि उन पर म्युनिस्पिल कॉरपोरेशन एम्पलाइज फेडरेशन द्वारा लगाए गए आरोप बिल्कुल गलत व झूठे हैं। उनका कहना हैं कि निगम अधिकारी पद्म भूषण को उन्होनें सिर्फ ये कहा था कि चौकी में पुलिस के सामने में किसी महिलाओँ को नहीं धमका सकते,ये कानूनी जुर्म हैं। इस बात को लेकर उन्होंने उल्टा मुझे ये कहते हुए धमकाया की मैं तुझे बताता हूँ। फिर ये हरकत शुरू कर दी हैं । इस मारे में मेरे बड़े पुलिस के बड़े अधिकारी जांच कर चुके हैं और उनकी बातों में कोई सच्चाई नहीं हैं। मैंने निगम अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट भी रोजनामचा में दर्ज कर रखी हैं।
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