अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन बिजली निगम अधिकारियों के समक्ष कर्मचारियों की आवाज को उठा उनकी समस्याएँ हल करा ने में हरसंभव प्रयासरत व अग्रसर रही है और इसी कड़ी में आज यूनिट बल्लभगढ़ के बिजली कर्मचारी प्रधान कर्मवीर यादव ने बिजली निगमअधिकारियों की घोर निन्दा करते हुए बताया कि बल्लभगढ़ (सीही) स्थित ए-5 पावर हाउस कॉलोनी में रहने वाला बिजली कर्मचारी लाल किशन लाइनमैन क्वार्टर नम्बर बी-34 में परिवार सहित रहता है। जिसके मकान की आज सुबह तड़के अचानक छत का लेन्टर भरभरा कर गिर पड़ा। हालांकि गनीमत यह रही कि कुछ देर पहले ही उसी छत के नीचे बच्चे खेल रहे थे ।
ये तो भगवान का शुकर है कि छत के गिरने में और बच्चों के खेलते खेलते वहाँ से बाहर निकल कर आ जाने के दौरान करीबन कुछ ही सेकंड समय का फासला रहा, नही तो एक बड़ा भयानक हादसा होना लाज़मी था। जो परिवार के लिये काल साबित हो सकता था । जिससे वह बच्चे बाल बाल बचे व इसी कॉलोनी के और अन्य क्वार्टर जिनके नम्बर ए-9 पवन कुमार लाइनमैन, बी-36 ठाकुरदास लाइनमैन,बी-38 सियाराम लाइनमैन आदि के क्वार्टरों की हालत भी लाल किशन क्वार्टर के जैसी ही है। जो कभी भी हादसे का रूप ले सकते हैं । लेकिन बिजली निगम अधिकारियों के कान पर जूं के ना रेंगने की ऐसी लापरवाही बार बार सामने आई है। जिसको लेकर वह अभी गम्भीर नही हैं । जबकि बिजली कर्मियों ने ऐसे अनेकों ज्वलन्त मसलों पर अपने कर्मचारी नेताओं को अवगत कराया है । जिस पर कड़ाई से संज्ञान लेते हुए एचएसईबी वर्कर्स यूनियन की ओर से 10 फरवरी 2020 को लिखित में एचवीपीएन डिवीजन सेक्टर-23 के कार्यकारी अभियन्ता एमएल गर्ग को कर्मचारियों की इन्ही समस्याओं से घिरा एक अनेक सूत्रीय एजेन्डा सौंपा गया। जिसके बाद एक्सईएन एमएल गर्ग ने अपनी ओर से कर्मचारी नेताओं को एजेन्डे की समीक्षा हेतू बुलाकर आश्वासन दिया था
कि यह सभी काम जल्द से जल्द निपटा लिए जाएंगें। लेकिन फिर भी समय रहते एक्शन गर्ग की तरफ से कोई सकारात्मक कदम नही उठाए गए। और जिसके बाद सेक्टर-18 की पावर हाउस कॉलोनी में 24 अप्रैल 2020 को बिजली कर्मचारी जयभगवान के घर की छत का छज्जा भी इसी तरह भरभरा कर गिर गया व एक बार फिर बाद हादसा होते होते बचा। तब भी इसकी सूचना निगम अधिकारियों को दे दी गई थी। इस कॉलोनी में रहे सैंकड़ों बिजली कर्मचारियों के परिवार गुजर बसर करते हैं। जिन्हे ऐसी ही अनेकों समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है । इन जर्जर इमारतों के गंभीर हादसों से शायद कोई भी अधिकारी अभी चेता नही है। लगता है अधिकारी वर्ग किसी बड़े हादसे के इन्तजार में मूक दर्शक बने बैठे हैं । जिससे कर्मचारियों के परिवारों में खस्ताहाल बिल्डिंग से भय के साथ साथ भारी गुस्से का माहौल बना हुआ है। जिसमें फिलहाल लॉक डाउन की पालना पर अपना कर्तव्य बताते हुए उन्होंने कहा है। इसके खुलने के बाद ऐसे बहरे अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।